बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बाढ़ को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि जो आदमी दुख की घड़ी में जनता के साथ नहीं हैं, वो क्या बोलेंगे। आम जनता बाढ़ से परेशान है और तेजस्वी यादव विदेश में हैं। नेता प्रतिप
.
मीडिया से कहा कि आप लोगों को इस तरह का सवाल नहीं पूछना चाहिए। पहले उन्हें खोजिए, वो कहां हैं। जो आदमी लोगों के के बीच हैं नहीं, वो बाढ़ पीड़ितों के बारे में क्या बोलेंगे। 2008 और आज के बाढ़ में बहुत अंतर है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कुछ भी बात दिमाग लगाकर नहीं बोलते हैं। उनके बगल में एक स्क्रिप्ट राइटर होता है। वो जो धीरे से लिखकर देता है या कान में बोलता है। वो तेजस्वी यादव बोले देते हैं। अगर वो पढ़ेंगे, तब पता चलेगा।
2000 में बाढ़ की क्या स्थिति थी और आज क्या है। अभी बाढ़ की शुरुआत हुई है। 4 से 5 दिन हुआ है। 2008 में केंद्र से जो हमको पैकेज मिला था, वो 26-27 दिन बाद मिला था। अभी तो शुरुआत में ही इतना पैसा आ गया। बाढ़ आपदा है। पता नहीं चलता है कि रात तक क्या स्थिती होगी। जो भी आकलन करके जरूरत होगा। भारत सरकार पैसा देने के लिए तैयार है।
डिप्टी सीएम ने तेजस्वी को घेरा
वहीं, डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा कि सिर्फ ट्वीट करने से बाढ़ पीड़ितों को राहत नहीं मिलती है। आज लोग सिर्फ गांधी की बात करते हैं। गांधी का टाइटल और नाम लेकर भ्रष्टाचार और अपराध करते हैं।
बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग
दरअसल, एक दिन पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग उठाई थी। उन्होंने कहा था 2008 में बिहार में आई बाढ़ को याद कीजिए। तब केंद्र में यूपीए की सरकार थी। तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद के आग्रह पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के सर्वेक्षण पर बिहार आई थीं।
लालू प्रसाद ने प्रधानमंत्री को बाढ़ की भयावह स्थिति से अवगत कराकर इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कराया। उस दौर में एक हजार करोड़ की विशेष सहायता राशि बिहार को दिलाई। उस वक्त यूपीए के बिहार से 29 सांसद थे, जबकि अब एनडीए के 30 सांसद हैं। वे इतने असहाय हैं कि केंद्र से बिहार की बाढ़ को न आपदा घोषित करा सकते हैं और न ही विशेष सहायता राशि की मांग सकते हैं।