मप्र सरकार ने 2021 में बुरहानपुर वन मंडल की खकनार, बोदरली रेंज के 40 हजार एकड़ वन क्षेत्र को आरक्षित कर इसे महात्मा गांधी अभयारण्य में शामिल किया था। लेकिन काफी समय से इसकी फाइल अटकी हुई थी। अब दो दिन पहले ही राज्य सरकार की ओर से बुरहानपुर वन विभाग से
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वन विभाग ने सांसद और नेपानगर, बुरहानपुर विधायकों, जिला पंचायत अध्यक्ष आदि के अभिमत लगाकर स्टेटस रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी है। वन अफसरों के अनुसार अब राज्य सरकार पर निर्भर है कि वह कितनी जल्द इस दिशा में कदम आगे बढ़ाती है।
जानकारी के अनुसार महात्मा गांधी अभयारण्य की जद में खकनार रेंज के 54 गांव आएंगे। इसमें तुकईथड़, बसाली, कारखेड़ा, धाबा, खकनार कला, निमंदड़, सीतापुर, ताजनापुर, नागझिरी, मोहनगढ़, चाकबारा, हसीनाबाद सहित अन्य गांव शामिल हैं।
खास बात यह हैं कि, इन्हें विस्थापित न करते हुए युवाओं को रोजगार के अवसर भी दिए जाएंगे। खकनार और बोदरली रेंज में 21 तरह के वन्यप्राणी, जीवों की उपस्थिति है। साथ ही यह क्षेत्र मेलघाट टाइगर रिजर्व की सीमा से लगा हुआ है। वहां से अकसर तेंदुए सहित अन्य वन्य प्राणियों का जिले की सीमा में आना जाना लगा रहता है।
2019 में शुरू हुई थी अभयारण्य की प्रक्रिया
राज्य सरकार की ओर से अभयारण्य की प्रकिया 2019 से शुरू की गई थी। इसके लिए प्रस्ताव मांगा गया था। तब बुरहानपुर वन मंडल के 3 परिक्षेत्र के 131 कक्षों का 57519.00 हेक्टेयर वन क्षेत्र और 4 राजस्व ग्रामों का 2887.90 हेक्टेयर राजस्व क्षेत्र इस तरह कुल 60406.00 हेक्टेयर अभयारण्य गठन का प्रस्ताव भेजा गया था। राज्य सरकार की ओर से सांसद, विधायकों के अभिमत मांगे गए थे।
5 किमी की परिधि में हैं 23 गांव
प्रस्ताव के अनुसार महात्मा गांधी अभयारण्य में बोदरली रेंज के 7 वन कक्ष, खकनार के 15 वन कक्ष इस तरह कुल 22 वन कक्षों का 15358.80 हेक्टेयर वन क्षेत्र आएगा। अभ्यारण्य की सीमा से 5 किमी की परिधि में कुल 23 ग्राम, 359 लोगों का 989.89 हेक्टेयर क्षेत्र में अतिक्रमण है।
इस पर वनाधिकार अधिनियम के तहत दावे भी लगे हैं। यह सब जानकारी राज्य सरकार को भेजी गई थी। अभी प्रोजेक्ट प्रक्रिया में है। इसमें जिला योजना समिति का अभिमत भी महत्वपूर्ण है।
महात्मा गांधी अभयारण्य की जद में खकनार रेंज के 54 गांव आएंगे।
अब जानिए क्या होगा फायदा
-महात्मा गांधी अभ्यारण्य बनने से क्षेत्र में ईको टूरिज्म बढ़ेगा। बुरहानपुर पहले से ही एक ऐतिहासिक शहर है। यहां देश विदेश से पर्यटक आते हैं। ऐसे में खकनार, बोदरली रेंज में भी पर्यटन की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। बाहरी पर्यटक भी वन्य प्राणी, वन्य जीवों को निहारने यहां आ सकेंगे।
-अभ्यारण्य बनने से एक विशेष तरीके से वन विभाग, राज्य सरकार का फोकस इस क्षेत्र पर रहेगा। ऐसे में क्षेत्र में वन कटाई नहीं हो पाएगी। क्षेत्र के लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। व्यापार भी खासा बढ़ जाएगा।
– क्षेत्र में काफी संख्या में तेंदुए सहित अन्य वन्य प्राणी है। महाराष्ट्र की सीमा जिले के लगे हैं। यहां ऐसे में मेलघाट टाइगर रिजर्व क्षेत्र से भी वन्य्रपाणी यहां आते हैं। पर्यटकों के लिए यह अभ्यारण्य एक सौगात होगी।
डीएफओ बोले- बना रहता हैं वन्यप्राणियों का मूवमेंट
बुरहानपुर डीएफओ विजय सिंह ने बताया कि मेलघाट, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व कॉरिडोर के बीच है, इसलिए यहां टाइगर का मूवमेंट बना रहता है। खकनार, बोदरली रेंज में अभयारण्य का प्रस्ताव अगली स्टेज तक पहुंच गया है।
राज्य सरकार ने मांगी स्टेटस रिपोर्ट
बुरहानपुर वन विभाग एसडीओ अजय सागर ने बताया कि राज्य सरकार ने दो दिन पहले ही अभयारण्य को लेकर स्टेट्स पूछा गया है। हमारी ओर से सांसद, विधायकों के अभिमत लगाकर स्टेट्स रिपोर्ट भेज दी गई है। सांसद, विधायकों ने पक्ष में अभिमत दिया है। आगे राज्य सरकार पर निर्भर है कि वह कब तक इसकी मंजूरी देती है।