Indian-American Tejasvi Manoj becomes TIME Kid of the Year Check Complete Profile Here | इंडियन-अमेरिकन तेजस्‍वी मनोज बनीं TIME किड ऑफ द ईयर: मिडिल स्‍कूल से कोड‍िंग शुरू की, ‘शील्‍ड सीनियर्स’ एप बनाया; जानें पूरी प्रोफाइल

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16 घंटे पहले

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महज 17 साल की इंडियन-अमेरिकन तेजस्वी मनोज को TIME ने ‘किड ऑफ द ईयर 2025’ बनाया है। वो न केवल टेक्‍नोलॉजी की दुनिया में बल्कि अपने सोशल इफेक्‍ट के कारण चर्चा में हैं। उनका बनाया AI पावर्ड ऐप बुजुर्गों को ऑनलाइन फ्रॉड से बचाने पर फोकस्‍ड है।

सॉफ्टवेयर इंजीनियर माता-पिता की बेटी को कोडिंग का असली जुनून मिडिल स्कूल में मिला। तेजस्‍वी ‘गर्ल्स हू कोड’ नाम के प्रोग्राम से जुड़ीं, जो टीनेजर लड़कियों को कंप्यूटिंग से जोड़ता है।

एक इंटरव्‍यू में तेजस्वी बताती हैं, ‘मुझे एहसास हुआ कि कोडिंग कितनी अद्भुत है और मुझे इसमें कितना मजा आता है। मैंने समझा कि कोडिंग सीखकर मैं कितना बड़ा असर पैदा कर सकती हूं और तभी मैंने तय कर लिया कि भविष्य में इसे ही आगे बढ़ाना है।’

‘शील्ड सीनियर्स’ ऐप से मिली पहचान

तेजस्वी को सबसे ज्यादा पहचान उनके बनाए ऐप ‘शील्ड सीनियर्स’ से मिली। यह एक AI-बेस्‍ड ऐप है जो बुजुर्गों को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाने के लिए बनाया गया है। यह ऐप न सिर्फ उन्हें डिजिटल लिट्रेसी के बारे में सिखाता है बल्कि संदिग्ध मैसेजेज का एनालिसिस और पीड़ितों को धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने में भी मदद करता है।

एक समय उनके दादा ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार होने से बाल-बाल बचे। तब तेजस्वी को एहसास हुआ कि डिजिटल खतरों के सामने बुजुर्ग कितने असुरक्षित हैं। उन्होंने अपनी कोडिंग स्किल्‍स का इस्तेमाल किया और AI पावर्ड ‘शील्ड सीनियर्स’ ऐप बनाई।

तेजस्‍वी का बनाया 'शील्‍ड सीनियर्स' एप AI-पावर्ड है।

तेजस्‍वी का बनाया ‘शील्‍ड सीनियर्स’ एप AI-पावर्ड है।

वे सीनियर सिटिजन्‍स के लिए साइबर सिक्‍योरिटी पर वर्कशॉप्‍स आयोजित करती हैं। सार्वजनिक कार्यक्रमों और TEDx जैसे मंचों पर भाषण देती हैं और वंचित वर्गों में डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देती हैं।

शील्ड सीनियर्स ऐप कैसे काम करता है?

एक इंटरव्यू में तेजस्वी ने कहा, ‘शील्ड सीनियर्स एक आसान प्लेटफॉर्म है, जो खासतौर से बुजुर्गों के लिए बनाया गया है। यह ऐप तुरंत मदद के लिए वर्चुअल असिस्टेंट, संदिग्ध मैसेजेज का आकलन करने के लिए इमेज एनालिसिस फीचर, और यूजर फ्रेंडली जानकारियां देता है।’

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