Raipur Naxal IED Blast; Martyr Akash Rao Giripunje Wife | Police Job | शहीद आकाश की पत्नी बोलीं- वर्दी ‘साहेब’ को करीब रखेगी: कई ऑप्शन दिए गए, मैंने पुलिस-विभाग ही चुना; उन्होंने कहा था- कमजोर नहीं पड़ना – Chhattisgarh News

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शहीद आकाश गिरिपुंजे की पत्नी स्नेहा गिरिपुंजे और उनका बेटा।

“मुझे दूसरे विभाग में भी अनुकंपा नियुक्ति मिल सकती थी। लेकिन मैंने पुलिस विभाग ही चुना। साहेब के बाद पुलिस विभाग ही ऐसा है, जिसे मैं करीब से समझती हूं। जानती हूं, पुलिस की नौकरी आसान नहीं। लेकिन साहब मुझे कभी कमजोर नहीं देख सकते थे। सारी चुनौतियां स्

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साहेब…यही कहकर शहीद एएसपी आकाश राव गिरिपुंजे की पत्नी स्नेहा उन्हें पुकारती थी। स्नेहा को सरकार डीएसपी पद पर अनुकंपा नियुक्ति देने जा रही है। आकाश 9 जून 2025 को सुकमा जिले में नक्सलियों की ओर से प्लांट किए गए IED ब्लास्ट की चपेट में आकर शहीद हुए थे।

सरकार ने उन्हें विकल्प दिया था कि डिप्टी कलेक्टर के अलावा दूसरी कोई भी पोस्ट ले सकती हैं। लेकिन स्नेहा ने DSP बनना ही तय किया। स्नेहा से आगे ट्रेनिंग को लेकर बातचीत चल ही रही थी कि उनके बेटे ने बोला- मम्मा आप तो कूद नहीं सकते? फिर पुलिस की ट्रेनिंग कैसे पूरी करोगी? स्नेहा ने मुस्कुराते हुए बेटे के सिर पर हाथ फेरा।

कहा- बेटा कोई भी काम नामुमकिन नहीं है। तुम्हारे पिता ने यही सिखाया है। भास्कर के साथ चर्चा में स्नेहा ने कई सवालों के जवाब तो दिए ही साथ ही अपने पति शहीद एएसपी आकाश से जुड़ी कई और बातें भी बताईं पढ़िए पूरा इंटरव्यू:-

पहले ये दो तस्वीर देखिए-

वर्दी हाथ में रखी हुई शहीद एएसपी आकाश की पत्नी स्नेहा और साथ में उनका बेटा सिद्धांत।

वर्दी हाथ में रखी हुई शहीद एएसपी आकाश की पत्नी स्नेहा और साथ में उनका बेटा सिद्धांत।

घर में शहीद आकाश के पिता गोविंद राव अपने पोती पीहू के साथ।

घर में शहीद आकाश के पिता गोविंद राव अपने पोती पीहू के साथ।

स्नेहा बोली – उनके अधूरे सपने पूरा करूंगी

स्नेहा ने आकाश को लेकर बताया कि साहेब अपने काम से बहुत सैटिस्फाइड थे। वो वर्दी के कर्तव्य और जिम्मेदारी समझते थे। जब पास होते थे अपनी नौकरी से जुड़े कई किस्से मुझे बताते थे। उनके जो सपने थे उन्हें यह वर्दी पहनकर ही पूरा किया जा सकता है।

साहेब ने कहा था – कुछ भी हो जाए तुम्हें कमजोर नहीं पड़ना है

हमने स्नेहा से पूछा – पुलिस की नौकरी सामान्य नौकरियों की तरह नहीं है। कई चुनौतियां आएंगी, आप निभा पाएंगी।

स्नेहा ने जवाब दिया – मुझे मालूम है सामान्य नौकरी नहीं हैं। लेकिन साहेब के बाद पुलिस विभाग ही ऐसा है, जिसे मैं करीब से समझती हूं। मैं साहेब से हमेशा पूछती थी- पुलिस की नौकरी में आप को डर नहीं लगता? वो हमेशा कहते थे स्नेहा… डरना नहीं है।

पुलिस की सर्विस बाकी नौकरियों की तरह नहीं। तुम्हें भी स्ट्रॉन्ग रहना है हमेशा। तुम मेरी ताकत हो, तुम स्ट्रॉन्ग बनी हो तो मुझे किसी का डर नहीं। वर्दी हमेशा साहेब को मेरे करीब रखेगी- मैं कहीं कमजोर नहीं होऊंगी।

रायपुर स्थित घर में अब आकाश गिरिपुंजे की ये तस्वीर लगी है।

रायपुर स्थित घर में अब आकाश गिरिपुंजे की ये तस्वीर लगी है।

मेरा साहेब कहकर पुकारना उन्हें पसंद था

आगे बातचीत के दौरान हमने स्नेहा से पूछा आप आकाश को साहेब कहकर पुकारती हैं…कोई विशेष वजह?

स्नेहा ने बताया – हमारे यहां पति को नाम से नहीं पुकारते थे। तो मैं उन्हें साहेब कहकर बुलाने लगी। उन्हें भी ये अच्छा लगता था। इस तरह वो मेरे साहेब बन गए।

परिवार को कभी समय नहीं देना भूले

आगे की बातचीत चल ही रही थी। स्नेहा बता रही थी कि आकाश का काम से कभी मन नहीं भरता था। लेकिन काम के बीच वो परिवार को समय नहीं देना भूलते थे। वो सभी से बेहद प्यार करते थे। बहुत केयरिंग थे। सबके लाडले थे।

बच्चे पूछते हैं – पापा छोड़कर क्यों चले गए

इसी बीच आकाश के बेटे मां स्नेहा से आकर लिपट गए। हमने स्नेहा से पूछा – बच्चे पूछते नहीं आकाश के बारे में? स्नेहा ने बेटे के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा – एक ही सवाल रहता है इन लोगों का। पापा कहते थे – हम चार लोग हमेशा साथ रहेंगे, फिर वो छोड़कर क्यों चले गए। इसका क्या जवाब दिया ये समझ नहीं पाती।

घर में स्नेहा गिरिपुंजे अपनी बेटी के साथ।

घर में स्नेहा गिरिपुंजे अपनी बेटी के साथ।

ट्रांसफर पर बच्चे ने कहा – हम साथ ही रहेंगे

हमने पूछा- रिमोट एरिया में ट्रांसफर हुआ तो आप बच्चों को साथ लेकर जाएंगी? इसका जवाब मां से पहले बच्चे ने दे दिया – हम साथ ही रहेंगे।

आपको सख्त ट्रेनिंग से होकर गुजरना होना, इसके लिए मेंटली प्रिपेयर्ड हैं? स्नेहा ने इस सवाल का जवाब देना शुरू किया – हर सख्त ट्रेनिंग पूरी करूंगी। मैं हर उस जगह पर जॉब करने को तैयार हूं, सरकार जहां भेजेगी। इसी बीच उनके बेटे ने कहा – लेकिन मम्मी आप तो कूद नहीं सकते।

मां मुस्कुराते हुए, बेटे से बोली – बेटा कोई भी काम नामुमकिन नहीं है। तुम्हारे पिता ने यही सिखाया है।

अब पढ़िए आकाश के मां-पिता और भाई ने क्या कहा –

ये तस्वीरें भी देखिए-

कोंटा एएसपी आकाश राव गिरिपुंजे गैलेंट्री अवॉर्ड से भी सम्मानित हो चुके हैं।

कोंटा एएसपी आकाश राव गिरिपुंजे गैलेंट्री अवॉर्ड से भी सम्मानित हो चुके हैं।

एएसपी आकाश राव गिरिपुंजे अपने बेटे सिद्धांत और बेटी पीहू के साथ।

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5 राज्यों की PSC निकालने वाला ये युवा अफसर आकाश नक्सलियों के लगाए IED ब्लास्ट में शहीद हो गए।

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शहीद आकाश राव गिरिपूंजे केवल एक बहादुर अफसर नहीं थे, वे उन चंद लोगों में से थे जिनका सपना था सिस्टम का हिस्सा बनकर बदलाव लाना। 5 राज्यों की PSC निकालने वाला ये युवा अफसर आकाश नक्सलियों के लगाए IED ब्लास्ट में शहीद हो गए। पढ़ें पूरी खबर 2. सुकमा में IED ब्लास्ट में ASP आकाश राव शहीद: कोंटा SDOP और TI जख्मी, रायपुर लाया गया; CM बोले- नक्सलियों का अस्तित्व मिटा देंगे

IED ब्लास्ट की चपेट में आने से कोंटा डिवीजन के ASP आकाश राव गिरिपुंजे शहीद हो गए।

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छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों के IED ब्लास्ट की चपेट में आने से कोंटा डिवीजन के ASP आकाश राव गिरिपुंजे शहीद हो गए हैं। वारदात में कोंटा SDOP भानुप्रताप चंद्राकर और टीआई सोनल ग्वाला घायल हैं, जिन्हें रायपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पढ़ें पूरी खबर



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