मुंबई2 दिन पहले
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2022 के बाद से यह कंपनी का पहला और 1993 में लिस्टिंग के बाद से पांचवा शेयर बायबैक होगा।
आईटी सेक्टर की कंपनी इंफोसिस जल्द ही बायबैक यानी शेयरों को वापस खरीदने का फैसला ले सकती है। बोर्ड की 11 सितंबर को होने वाली बैठक में कंपनी शेयर बायबैक के प्रस्ताव पर विचार करेगी।
ये खबर आने के बाद कंपनी का शेयर आज 5% की बढ़त के साथ NSE पर यह 1,504 रुपए पर कारोबार कर रहा है। 2022 के बाद से यह कंपनी का पहला और 1993 में लिस्टिंग के बाद से पांचवा शेयर बायबैक होगा।
यहां जानिए इंफोसिस शेयर बायबैक से जुड़े सवालों के जवाब…
सवाल 1: इंफोसिस का शेयर बायबैक क्या है?
जवाब: इंफोसिस ने हाल ही में ऐलान किया कि वो अपने शेयरों का बायबैक करने पर विचार कर रही है। ये बायबैक तीन साल बाद पहली बार हो रहा है। बायबैक का मतलब है कि कंपनी अपने ही शेयरों को मार्केट से वापस खरीदेगी, जिससे मार्केट में शेयरों की संख्या कम होगी और शेयर की वैल्यू बढ़ सकती है। इसकी बोर्ड मीटिंग 11 सितंबर 2025 को होगी, जहां इस प्रस्ताव पर फैसला लिया जाएगा।
सवाल 2: ये बायबैक कितना बड़ा है और इसका पैसा कहां से आएगा?
जवाब: खबरों के मुताबिक, इंफोसिस इस बायबैक के लिए करीब 13,560 करोड़ रुपए खर्च कर सकती है। कंपनी के पास इस समय 45,200 करोड़ रुपए का कैश और कैश इक्विवेलेंट है, जो इस बायबैक को आसानी से फंड कर सकता है। कंपनी की कुल नेटवर्थ 95,350 करोड़ रुपए है और ये बायबैक उसका 14-15% हिस्सा हो सकता है।
सवाल 3: शेयर बायबैक का मतलब क्या होता है और ये क्यों किया जाता है?
जवाब: आसान भाषा में, शेयर बायबैक तब होता है जब कोई कंपनी अपने ही शेयरों को निवेशकों से वापस खरीदती है। ऐसा करने के कई फायदे हैं:
- कम शेयर, ज्यादा वैल्यू: शेयरों की संख्या कम होने से हर शेयर की कमाई (EPS) बढ़ती है, जिससे शेयर की कीमत ऊपर जा सकती है।
- कैश का इस्तेमाल: अगर कंपनी के पास जरूरत से ज्यादा कैश है, तो वो उसे बायबैक में लगाकर निवेशकों को फायदा देती है।
- कॉन्फिडेंस का संदेश: बायबैक से कंपनी ये दिखाती है कि उसे अपने भविष्य पर भरोसा है और उसे लगता है कि उसके शेयर अंडरवैल्यूड हैं।
सवाल 4: रिटेल निवेशकों के लिए इसका क्या मतलब है?
जवाब: रिटेल निवेशक, यानी वो लोग जिनके पास 2 लाख रुपए तक के शेयर हैं, उनके लिए बायबैक एक अच्छा मौका हो सकता है। SEBI के नियमों के मुताबिक, बायबैक का 15% हिस्सा रिटेल निवेशकों के लिए रिजर्व होता है।
उदाहरण के लिए, 2017 में इंफोसिस ने 13,000 करोड़ रुपए के बायबैक में 1,950 करोड़ रुपए रिटेल निवेशकों के लिए रखे थे। हालांकि निवेशकों को बायबैक में हिस्सा लेने से पहले ये देखना होगा कि बायबैक की कीमत उनके शेयर की मौजूदा कीमत से ज्यादा है या नहीं।
सवाल 5: क्या बायबैक से शेयर की कीमत बढ़ेगी?
जवाब: हां, आमतौर पर बायबैक से शेयर की कीमत बढ़ने की संभावना रहती है क्योंकि मार्केट में शेयरों की संख्या कम हो जाती है, जिससे डिमांड बढ़ सकती है। बायबैक का ऐलान कंपनी के कॉन्फिडेंस को दिखाता है, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ता है।
मॉर्गन स्टेनली जैसे ब्रोकरेज हाउस का मानना है कि अगले 60 दिनों में इंफोसिस का शेयर Nifty IT इंडेक्स से बेहतर परफॉर्म कर सकता है। हालांकि, कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि बायबैक के बाद शेयर प्राइस में थोड़ी गिरावट भी आ सकती है, जैसे 2021 में बायबैक के बाद 3.3% की गिरावट देखी गई थी।