PM Modi Donald Trump | India US Tariff Controversy – Russia China | ट्रम्प बोले- भारत के साथ रिश्ते रीसेट करने को तैयार: कहा- हमेशा मोदी का दोस्त रहूंगा; PM ने कहा- उनके विचारों की सराहना करता हूं

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वॉशिंगटन डीसी5 दिन पहले

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प शुक्रवार को भारत के खिलाफ दिए गए अपने बयान पर करीब 12 घंटों के अंदर ही बैकफुट पर चले गए। उन्होंने शाम 6-7 बजे के बीच व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक सवाल पर कहा- ‘मैं हमेशा मोदी का दोस्त रहूंगा। भारत के साथ संबंधों को रीसेट करने के लिए हमेशा तैयार हूं।’

इससे पहले शुक्रवार सुबह करीब 6 बजे उन्होंने सोशल मीडिया ट्रुथ पर लिखा था, ‘ऐसा लगता है कि हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया है। उम्मीद है उनका भविष्य अच्छा होगा।’

वहीं, शनिवार सुबह 9:45 बजे पीएम मोदी ने ट्रम्प के बयान को शेयर करते हुए X पर लिखा- राष्ट्रपति ट्रम्प की भावनाओं और हमारे संबंधों को लेकर उनके विचारों की तहे दिल से सराहना करता हूं और उनका पूर्ण समर्थन करता हूं। उन्होंने कहा- भारत-अमेरिका के बीच एक पॉजिटिव और दूरदर्शी रणनीतिक साझेदारी है।

प्रेस ब्रीफिंग में ट्रम्प ने भारत और दूसरे देशों के साथ चल रही व्यापार बातचीत को अच्छा बताया, लेकिन यूरोपीय संघ (EU) के गूगल पर 3.5 अरब डॉलर का जुर्माना लगाने पर नाराजगी जताई।

इसके अलावा उन्होंने साफ किया कि वे भारत के रूसी तेल खरीदने के कारण निराश हैं। उन्होंने कहा- ‘हमने भारत पर इसके लिए 50% का भारी टैरिफ लगाया है।’

भास्कर कार्टूनिस्ट की नजर से ट्रम्प का बयान…

जयशंकर बोले- मोदी अमेरिका के साथ साझेदारी को खास महत्व देते हैं

पीएम मोदी की ट्रम्प को लेकर दिए प्रतिक्रिया पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, ‘पीएम मोदी अमेरिका के साथ हमारी साझेदारी को बहुत महत्व देते हैं। जहां तक ​​राष्ट्रपति ट्रम्प का सवाल है, उनके (पीएम मोदी) ट्रम्प के साथ हमेशा से बहुत अच्छे व्यक्तिगत रिश्ते रहे हैं।’

उन्होंने आगे कहा- फिलहाल मुद्दा यह है कि हम अमेरिका के साथ जुड़े हुए हैं। जयशंकर ने इससे ज्यादा कुछ भी कहने से इनकार किया।

पूर्व अमेरिकी NSA बोले थे- ट्रम्प-मोदी की दोस्ती खत्म

ट्रम्प की टिप्पणी से पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने 4 सितंबर को कहा था कि ट्रम्प और PM नरेंद्र मोदी के बीच पहले की खास दोस्ती अब खत्म हो चुकी है।

ब्रिटिश मीडिया LBC को दिए इंटरव्यू में बोल्टन ने ट्रम्प की नीति की आलोचना करते हुए कहा था, ‘व्हाइट हाउस ने अमेरिका-भारत संबंधों को दशकों पीछे धकेल दिया, जिससे मोदी रूस और चीन के करीब आ गए। चीन ने खुद को अमेरिका और ट्रम्प के विकल्प के रूप में पेश किया है।’

बोल्टन ने इसे एक बड़ी गलती है बताया था। उन्होंने कहा- ‘इसे अब ठीक नहीं किया जा सकता, क्योंकि स्थिति बहुत खराब हो चुकी है।’

यूक्रेन जंग खत्म करने के लिए भारत पर टैरिफ लगाया

भारत पर 50% टैरिफ लगाने के बाद से भारत और अमेरिका के बीच संबंध खराब हो गए हैं। भारत समेत बाकी देशों पर हाई टैरिफ लगाने के मामले की सुनवाई US कोर्ट में चल रही है।

ट्रम्प ने 4 सितंबर को कोर्ट में भारत पर टैरिफ लगाने को जरूरी बताया था। उन्होंने कहा था कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो अमेरिका को बहुत ज्यादा आर्थिक नुकसान होगा।

ट्रम्प ने इससे पहले निचली अदालत के उस फैसले को चुनौती दी, जिसमें कहा गया था कि ट्रम्प विदेशी सामान पर भारी टैरिफ नहीं लगा सकते।

ट्रम्प ने कहा था कि भारत पर लगाए गए टैरिफ रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए बहुत जरूरी हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि भारत पर रूसी तेल खरीदने के लिए टैरिफ लगाया गया, ताकि युद्ध खत्म करने में मदद मिले।

ट्रम्प ने कहा कि निचली अदालत का फैसला उनकी पिछले 5 महीनों की व्यापारिक बातचीत को मुश्किल में डाल सकता है। इससे यूरोपीय यूनियन, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों के साथ हुए समझौते खतरे में पड़ सकते हैं।

ट्रम्प ने कहा- भारत टैरिफ लगाकर अमेरिका को मार रहा

ट्रम्प ने बुधवार (3 सितंबर) को कहा था कि भारत टैरिफ लगाकर हमें (अमेरिका) मार रहा है। उन्होंने द स्कॉट जेनिंग्स रेडियो शो में बात करते हुए कहा कि भारत, चीन और ब्राजील जैसे देश अपने ऊंचे टैरिफ से अमेरिका को मार रहे हैं।

ट्रम्प ने कहा- ‘मैं टैरिफ को दुनिया में सबसे बेहतर समझता हूं। भारत दुनिया में सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाला देश था, लेकिन अब उन्होंने मुझे जीरो टैरिफ का ऑफर दिया।’

उन्होंने यह भी कहा कि अगर अमेरिका ने भारत पर टैरिफ नहीं लगाए होते, तो भारत ऐसा ऑफर कभी नहीं देता। ट्रम्प ने टैरिफ को अमेरिका की आर्थिक ताकत के लिए जरूरी बताया और कहा कि टैरिफ के बिना वे यह ऑफर नहीं देते। इससे हम आर्थिक रूप से मजबूत होंगे।

टैरिफ हटवाने के लिए भारत को माननी होंगी अमेरिका की शर्तें

वहीं, अमेरिका के उद्योग मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने शुक्रवार को ब्लूमबर्ग टीवी से बात करते हुए भारत पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ हटाने के लिए तीन शर्त रखीं। उन्होंने कहा कि भारत को रूस से तेल खरीदना बंद करना पड़ेगा, BRICS से अलग होना होगा और अमेरिका का सपोर्ट करना होगा।

उन्होंने कहा कि अगर आप (भारत) रूस और चीन के बीच ब्रिज बनना चाहते हैं तो बनें, लेकिन या तो डॉलर का या अमेरिका का समर्थन करें। अपने सबसे बड़े ग्राहक का सपोर्ट करें या 50% टैरिफ चुकाएं।

हालांकि, उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि भारत जल्द ही अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते की बातचीत में शामिल होगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका हमेशा बातचीत के लिए तैयार है। पूरी खबर पढ़ें…

भारत पर कुल 50% अमेरिकी टैरिफ लगा

ट्रम्प ने 30 जुलाई को भारत पर 25% टैरिफ का ऐलान किया था। यह 7 अगस्त को लागू हुआ था। इससे एक दिन पहले यानी 6 अगस्त को उन्होंने रूसी तेल खरीदने की वजह से भारत पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया था, जो 27 अगस्त से लागू हुआ।

ट्रम्प का कहना था कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर खुले मार्केट में बेच रहा है। इससे पुतिन को यूक्रेन के खिलाफ जंग जारी रखने में मदद मिल रही है।

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