दुष्यंत चौटाला से बहस करते हुए बुजुर्ग धीरा।
हरियाणा के भिवानी में जलभराव वाले एरिया का दौरा करने गए पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को एक बुजुर्ग ने खूब खरी-खोटी सुनाई। दुष्यंत ने पहल की तो बुजुर्ग भी पीछे नहीं रहे। बुजुर्ग की बातें सुनकर दुष्यंत चौटाला वहां से कार्यकर्ताओं के साथ निकल गए।
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दुष्यंत चौटाला 10 सितंबर को भिवानी के धनाना गांव में जलभराव के हालात का जायजा लेने पहुंचे थे। इसी दौरान 80 वर्षीय बुजुर्ग धीरा के साथ उनकी बातचीत हुई। दुष्यंत और बुजुर्ग धीरा के सवाल जवाब का ये वीडियो अब खूब वायरल हो रहा है।

दुष्यंत चौटाला कुछ इस तरह से बुजुर्ग धीरा से मिलने के लिए आए।
वायरल VIDEO में दुष्यंत और बुजुर्ग के बीच बातचीत… बुजुर्ग: कितने चक्कर काट ले भाई, ईब कुछ कोनी। (अब चाहे कितनी ही बार आ जाओ, अब कुछ नहीं है आपका) दुष्यंत: मलाई चाटै तू, 3 हजार पेंशन ले तू, किसने बनाई पेंशन (मलाई आप खा रहे हो, 3 हजार पेंशन ले रहे, किसने बनवाई पेंशन) बुजुर्ग: वो तेरा पड़दादा था। दुष्यंत: 3 हजार किसने करे ? बुजुर्ग: उसी के कारण होरे हैं, तन्ने नहीं करे भाई। (उसी की वजह से हुए हैं, आपने कुछ नहीं किया) दुष्यंत: मन्नै नहीं करे?। (मैने नहीं किए?) बुजुर्ग: नहीं दुष्यंत: ईब सैणी 3,500 करगा ? (क्या सैनी (CM) ने 3500 कर दिए) बुजुर्ग: म्हारा तो कोई भी कोनी एक पिसा बढांदा। तन्ने म्हारा के करा, या बी बता के जा। (हमारा कोई नहीं है, जो एक पैसा भी बढ़ा दे। तुमने हमारा क्या किया, वो बताकर जाओ)
(जिसके बाद दुष्यंत कार्यकर्ताओं के साथ वहां से चले जाते हैं।)
कार्यकर्ता: अपणा मारै छां म्ह गेरै। (हरियाणी कहावत बताते हुए दुष्यंत को अपना बताते हैं) बुजुर्ग: यो अपणा कौनी। (ये अपना नहीं है)

बुजुर्ग के बहस करने के बाद वहां से लौटते हुए दुष्यंत चौटाला, लेकिन धीरा ने अपनी बात जारी रखी।
दुष्यंत चौटाला से नाराजगी की वजह क्या? दुष्यंत चौटाला के प्रति नाराजगी की सबसे बड़ी वजह 2019 में BJP का सपोर्ट करना है। दरअसल, जननायक जनता पार्टी (JJP) ने 2019 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा था। उन्होंने भाजपा की 2014 से 2019 वाली सरकार के विरोध में वोट मांगे थे।
हालांकि चुनाव का नतीजा आया तो भाजपा को 90 में से 40 ही सीटें मिल पाईं। ऐसे में भाजपा बहुमत के 46 के आंकड़े से दूर हो गई। ऐसी सूरत में 10 सीटें जीतने वाली दुष्यंत चौटाला की JJP ने भाजपा को समर्थन दे दिया।
जिसके बदले में JJP को 3 मंत्रीपद भी मिले। इनमें दुष्यंत चौटाला को डिप्टी सीएम का पद मिला। देवेंद्र बबली और अनूप धानक मंत्री बने। हालांकि लोगों के बीच इसको लेकर नाराजगी रही कि जिस भाजपा के विरोध में वोट मांगे, उसी से हाथ मिला लिया।

2019 में दुष्यंत चौटाला के डिप्टी सीएम बनने पर उन्हें कुर्सी पर बिठाते हुए तत्कालीन CM मनोहर लाल खट्टर।- फाइल फोटो
गठबंधन तोड़ा, लेकिन लोगों की नाराजगी दूर नहीं हुई भाजपा का साथ देने के बदले JJP के प्रति लोगों की नाराजगी को दुष्यंत चौटाला भी भांप चुके थे। इसलिए 2024 के विधानसभा चुनाव से पहले ही लोकसभा चुनाव में JJP और भाजपा का गठबंधन टूट गया।
दुष्यंत ने इसकी वजह तो लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग पर सहमति न होना बताया, लेकिन लोगों ने यही समझा कि विधानसभा चुनाव से पहले बरगलाने के लिए यह सियासत की गई है। हालांकि औपचारिक तौर पर यह गठबंधन भाजपा ने तोड़ा था।
इसके बाद 2024 के विधानसभा चुनाव हुए तो भाजपा 48 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत से सरकार बना गई, जबकि JJP सारी सीटों पर हार गई। यहां तक कि लोगों ने दुष्यंत चौटाला की भी जींद की उचाना सीट से जमानत जब्त करवा दी। इसके बाद से JJP लगातार फिर से अपना जनाधार बढ़ाने की कोशिश में जुटी हुई है।
CM रहते चौधरी देवीलाल ने शुरू की थी पेंशन हरियाणा में चौधरी देवीलाल ने 17 जून, 1987 को 65 साल की उम्र के लोगों के लिए 100 रुपए महीना बुढ़ापा पेंशन शुरू की थी। 1 जुलाई 1991 को योजना की आयु सीमा 60 साल कर दी गई। नवंबर, 1999 तक प्रदेश में 200 रुपए महीना मिलते थे। पिछली भाजपा सरकार ने पेंशन में हर साल 250 रुपए बढ़ाने की योजना लागू की है। जिससे अब यह बढ़कर 3 हजार रुपए महीने तक हो चुकी है। 2019 के चुनाव में JJP ने इसे बढ़ाकर 5100 रुपए करने का वादा किया था, लेकिन गठबंधन की सरकार में होने के बावजूद पेंशन में बढ़ोतरी नहीं हुई।

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