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नई दिल्ली5 मिनट पहले
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चुनाव आयोग ने 6 फरवरी को अजीत गुट को असली NCP माना। 16 फरवरी को शिंदे गुट को असली शिवसेना माना था।
शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) पार्टी पर किसका अधिकार है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी। ये याचिकाएं उद्धव ठाकरे गुट और शरद पवार गुट की तरफ से लगाई गई हैं।
NCP को लेकर 1 अक्टूबर को भी सुनवाई होनी थी, लेकिन जस्टिस सूर्यकांत, दीपांकर दत्ता और उज्जवल भुइयां की बेंच बिना मामले सुने ही उठ गई थी। उससे पहले 25 सितंबर को हुई सुनवाई में शरद पवार एनसीपी गुट के वकील ने अपील की थी कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले इस मामले का निपटारा करें।
वहीं शिवसेना को लेकर पिछली सुनवाई 8 अप्रैल को हुई थी। उद्धव ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट को असली शिवसेना और उनके विधायकों को योग्य बताने वाले महाराष्ट्र के स्पीकर राहुल नार्वेकर के फैसले को चैलेंज किया है।
NCP की पिछली सुनवाई में क्या हुआ था… 25 सितंबर की सुनवाई में शरद पवार के वकील ने दावा किया था कि अजित पवार ने शरद पवार को अपना भगवान बताया है और कहा है कि वे सभी एक साथ हैं। वकील ने कहा कि अजित पवार गुट ने अदालत के पिछले आदेश का पालन नहीं किया है, इसलिए कोर्ट अजित पवार गुट को विधानसभा चुनावों के लिए नए चुनाव चिह्न के लिए अप्लाई करने का निर्देश दे।
दरअसल, शरद पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करके चुनाव आयोग के 6 फरवरी के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें अजित पवार समूह को आधिकारिक तौर पर असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की मान्यता दी गई थी और पार्टी का चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ आवंटित किया गया था।
शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट से दखल देने की मांग की थी, ताकि अजित पवार गुट को NCP और उसके चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ का इस्तेमाल करने से रोका जा सके।

NCP का पूरा मामला क्या है…
6 फरवरी: चुनाव आयोग ने अजीत गुट को असली NCP माना, शरद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे

6 फरवरी को चुनाव आयोग के फैसले के बाद मुंबई में NCP कार्यालय में अजित पवार के समर्थकों ने जश्न मनाया।
- चुनाव आयोग ने इसी साल 6 फरवरी को अजित पवार गुट को असली NCP माना था। आयोग ने कहा कि विधायकों की संख्या के बहुमत ने अजित गुट को NCP का नाम और चुनाव चिह्न हासिल करने में मदद की। पार्टी के संस्थापक शरद पवार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी।
- 16 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने शरद पवार की इस याचिका को अर्जेंट सुनवाई के लिए स्वीकार किया था। सुप्रीम कोर्ट ने 29 जनवरी को राहुल नार्वेकर को बागी विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लेने के लिए 15 फरवरी तक का समय दिया था।
- इसके बाद महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने 15 फरवरी को अजीत पवार के गुट को असली NCP की मान्यता दी थी। उन्होंने अजीत गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग भी खारिज कर दी थी।
- स्पीकर ने कहा था कि संविधान की दसवीं अनुसूची में दल-बदल विरोधी कानून का उपयोग आंतरिक असंतोष को दबाने के लिए नहीं किया जा सकता। जब जुलाई 2023 में NCP विभाजित हुई थी तब अजीत पवार गुट के पास 53 में से 41 विधायकों का “भारी विधायी बहुमत” था।
शिवसेना का पूरा मामला क्या है…
16 फरवरी: चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना माना, उद्धव SC पहुंचे

- शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने जून 2022 में पार्टी से बगावत की थी। इसके बाद शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाई और खुद मुख्यमंत्री बन गए। इसके बाद शिंदे ने शिवसेना पर अपना दावा कर दिया। ठाकरे गुट का आरोप है कि शिंदे ने असंवैधानिक रूप से सत्ता हथिया ली और असंवैधानिक सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं।
- 16 फरवरी 2023 को चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना मान लिया था। साथ ही शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और चिह्न (तीर-कमान) को इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी। उद्धव गुट ने चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर राहुल नार्वेकर को इस पर फैसला करने को कहा था।
- 10 जनवरी 2024 को राहुल नार्वेकर ने शिंदे गुट को असली शिवसेना बताया था। इसके खिलाफ ठाकरे गुट की ओर से कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। 22 जनवरी 2024 को कोर्ट ने शिंदे समेत सभी बगावती विधायकों को नोटिस जारी किया था।
उद्धव और शिंदे से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…
दशहरा रैली में उद्धव बोले- हम असली शिवसेना; शिंदे बोले- विद्रोह नहीं करते तो शिवसैनिक कुचले जाते

मुंबई में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (UBT) ने दशहरा कार्यक्रम में बड़ी रैली की थी। उद्धव ने कहा था- हम असली शिवसेना हैं और बाला साहेब ठाकरे का नाम मेरे साथ है। CM शिंदे ने कहा- अगर हमने विद्रोह नहीं किया होता तो शिवसैनिक कुचले गए होते। सच्चे शिवसैनिकों का अपमान होता। महाराष्ट्र कई साल पीछे चला गया होता। पढ़ें पूरी खबर…