लुधियाना|भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज भावाधस भारत के राष्ट्रीय मुख्य संचालक विजय दानव के नेतृत्व में प्रकट दिवस के अवसर पर 35वीं विशाल शोभा का आयोजन किया गया। जिसमें कैबिनेट मंत्री व शहर के सभी विधायक सहित धार्मिक संस्थाओं के लोग व राजनीतिक पार्टियां मौ
.
मंच का उद्घाटन विधायक अशोक पाराशर पप्पी ने किया। कई संत, इस समागम में धर्मगुरु और अतिथि पहुंचे. शोभा यात्रा के दौरान ध्वज का नेतृत्व वीरांगी रीना वेगरा, कोमल खोखर, रुचि, सनेहा, तमसा बग्गन, कंचन सोंधी, नंदिनी धारीवाल, कविता दानव, टीना दानव, आरती, पीहू ने किया। विजय दानव ने कहा कि भगवान वाल्मीकि ने संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए महा रामायण की रचना की है। रामायण संपूर्ण मानवता को दिशा देने वाला पवित्र ग्रंथ है।
इस मंच पर सभी धर्म, संप्रदाय और वर्ग के लोगों की उपस्थिति साझी एकता का संदेश देती है। उन्होंने कहा कि इस शोभा यात्रा में भगवान वाल्मीकि जी एक सुंदर पालकी और 250 से अधिक झाकियां आकर्षण का केंद्र रही।
भास्कर न्यूज | लुधियाना भगवान वाल्मीकि जी के प्रकट दिवस और 35वीं विशाल शोभायात्रा की सफलता के मौके पर स्थानक रायल सिटी में भावाधस के मुख्य संचालक विजय दानव की अध्यक्षता में सत्संग समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान हिमांशु कवात्रा, दर्शन लाल लड्डू, विकास बजाज, पूनम चंद कैंथ, चमन लाल, बलजीत सिंह, राशि अग्रवाल, सतीष जिंदल, शेरू सचदेवा, विनय मल्होत्रा, पाला सिंह, आशु भाटिया, पुनीत, स्वर्ण सोनी, अक्षय राज ने विशेष तौर पर शिरकत की।
विजय दानव ने सबसे पहले आए हुए सभी मेहमानों और भावाधस नेताओं को भगवान वाल्मीकि जी के प्रकट दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि जब सूरज, चांद और कायनात रहेगी तब तक महा रामायण रचयिता भगवान वाल्मीकि जी का नाम रहेगा। भारतीय संस्कृति रामायण के बिना अधूरी और भगवान वाल्मीकि जी के रामायण की रचना करके सारी दुनिया को श्री राम जी के बारे में बताया। रामायण की रचना समूची मानवता के कल्याण के लिए की है और रामायण की शिक्षाओं का गहरा प्रभाव पीढ़ी दर पीढ़ी देखा और महसूस किया जाता है।
हम सभी को भगवान वाल्मीकि जी की शिक्षाओं पर हमेशा पहरा देना चाहिए। इस मौके पर समाजसेवी हिमांशु कवात्रा की ओर से विशेष तौर पर विजय दानव और समूची टीम को शोभायात्रा में शामिल होने की बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस बार शोभायात्रा में रिकॉर्ड तोड़ इकट्ठ देखने को मिला है।
इस मौके पर चौधरी यशपाल, रजिंदर हंस, लव द्रविड़, देवराज असुर, रोहित सहोता, सुधीर धारीवाल, दीपू घई, सुरिंदर सोदाई, सुरेश शैली, अजय सभरवाल, तरुण गोयल, विनायक धारीवाल, अशोक सरसवाल, रोबिन अटवाल, विक्की बालू, बंटू मंगू, कबीर नाहर आदि मौजूद रहे।