डिंडोरी जिले के ग्रामीण इलाकों में संचालित प्राथमिक स्कूल में लगातार बच्चों की संख्या कम होती जा रही है। अभिभावक शासकीय स्कूलों में शिक्षा और असुरक्षा को लेकर बच्चों को प्राइवेट स्कूल में भेजने की बात कह रहे हैं। वहीं, अधिकारी शासकीय स्कूलों में 6 सा
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पढ़ाई के लिए बच्चे आ रहे कम
बजाग जनपद पंचायत क्षेत्र के गाड़ासरई कस्बे में संचालित प्राथमिक स्कूलों में सोमवार को दैनिक भास्कर के रिपोर्ट पहुंचे। पहले गांव में तीन स्कूल चल रहे थे। जिसमें फंड टोला प्राथमिक स्कूल अब बंद हो चुका है। बालक प्राथमिक शाला और कुकरा टोला प्राथमिक शाला अभी चल रहा है लेकिन यहां भी बच्चों की संख्या कम होती जा रही है।
बालक प्राथमिक शाला में अभी 11 बच्चों के नाम दर्ज हैं। पहले यहां दो रेगुलर शिक्षक बच्चों को पढ़ाते थे। आराधना मरावी का प्रमोशन होने की वजह से ट्रांसफर हो गया और संध्या चौरसिया का वर्ग एक में उमरिया जिले में सलेक्शन हो गया । 08 नवंबर को संध्या दीपक शिक्षिका को अटैच किया गया और बलराम मार्को को अतिथि शिक्षक बनाया गया। आज सोमवार को स्कूल में सात ही बच्चे आए ।
शिक्षक बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान नहीं देते,स्कूल भी असुरक्षित
गाड़ासरई कस्बे में पेंटर का काम करने वाले राजेंद्र माझी का बेटा कपिल पांचवी और बेटी कृष्णा 10वीं में प्राइवेट स्कूल में पढ़ने जाते हैं। उन्होंने कहा कि शासकीय स्कूलों में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। शिक्षक बच्चों को पढ़ाने पर ध्यान नहीं देते। इसके अलावा स्कूल भी सुरक्षित नहीं है। गेट का ताला भी बच्चे खोलते हैं। बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए मजबूरन प्राइवेट स्कूल में पढ़ने भेज रहे हैं। वहीं, सुरेन्द्र साहू नाम के व्यक्ति ने बताया कि मेरा बेटा यश साहू कक्षा 6 और बेटी श्रद्धा साहू 9 कक्षा में प्राइवेट स्कूल पढ़ने जाते हैं। सरकारी स्कूल में समय पर शिक्षक नहीं आते हैं।
बालक प्राथमिक शाला में बच्चों को पढ़ाते शिक्षक ।