14 मिनट पहले
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साल 2014 में रिलीज हुई फिल्म पीके के चलते आमिर खान पर हिंदू भावनाओं को आहत पहुंचाने के आरोप लगे थे। साथ ही आरोप रहे कि आमिर ने फिल्म में हिंदू-मुस्लिम लव स्टोरी के जरिए लव जिहाद को बढ़ावा दिया है। अब आप की अदालत में इस पर सफाई देते हुए आमिर खान ने कहा है कि वो किसी धर्म के खिलाफ नहीं हैं। वहीं लव जिहाद पर उन्होंने बेटी आयरा और बहनों का उदाहरण दिया है, जिनकी शादियां हिंदुओं से हुई है।
आमिर ने पीके के जरिए धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाने के सवाल पर कहा है, हम किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं हैं। हम हर धर्म की इज्जत करते हैं। जो धार्मिक लोग हैं, उनकी भी हमारे दिल में बेहद इज्जत है। वो फिल्म हमें बस एक चीज बता रही थी कि जो लोग धर्म का गलत फायदा उठाते हैं और आम इंसान को बेवकूफ बनाते हैं, पैसे ऐंठते हैं, अलग-अलग चीजें करवाते हैं, उससे बचने के लिए वो फिल्म थी। ऐसे लोग आपको हर धर्म में मिलेंगे। तो फिल्म का एक ही मकसद था कि जो लोग ऐसा कर रहे हैं उनसे बचकर रहो।

लव जिहाद फैलाने के आरोप पर आमिर की सफाई
बातचीत के दौरान आमिर खान से लव जिहाद फैलाने के आरोप लगने पर भी राय मांगी गई। इस पर उन्होंने कहा कि जब दो अलग धर्मों के लोग साथ आते हैं तो हर बार ये लव जिहाद नहीं होता। ये धर्म से ऊपर हो जाता है। आगे वो कहते हैं, मैं आपको बताता हूं, मेरी बहन निखहत, उनकी शादी हुई है संतोष हेगड़े से, वो एक हिंदू हैं, क्या आप इसे लव जिहाद कहेंगे। मेरी छोटी बहन फरहत उसकी शादी राजीव दत्ता के साथ हुई, वो हिंदू हैं, मेरी बहन मुस्लिम, आप इसे लव जिहाद कहेंगे। मेरी बेटी है आयरा, कुछ वक्त पहले उसकी शादी हुई है नुपूर के साथ। दुनिया में प्यार सबसे बड़ी चीज है।

बहनों निखहत (बाएं) और फरहत (दाएं) के साथ आमिर खान।
जब आमिर से पूछा गया कि उनकी पत्नियों के नाम हिंदू हैं, लेकिन बच्चों के नाम जुनैद खान, आयरा खान और आजाद क्यों है। इस पर आमिर ने बताया है कि उनके बच्चों के नाम उनकी पत्नियों के कहने पर रखा गया है। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी आयरा का नाम सरस्वती पर रखा गया है। जो मेनका गांधी की बुक ऑफ हिंदू नेम से लिया गया है। वहीं बेटे आजाद का नाम उनके पूर्वज मौलाना आजाद पर रखा गया था।