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13 मिनट पहले
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सरकारी भर्ती परीक्षाओं को और सिक्योर बनाने के लिए स्टाफ सेलेक्शन कमीशन यानी SSC ने AI पावर्ड कंटेंट ऑथरिंग टूल का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।
ये टूल टेक्नोलॉजी सर्विस प्रोवाइडर Cubastion Consulting द्वारा तैयार किया गया है। इसका इस्तेमाल सेंट्रल गवर्नमेंट के पदों पर डिपार्टमेंटल एग्जाम्स के दौरान किया जाएगा।
AI की मदद से तैयार होंगे क्वेश्चन पेपर
परीक्षाओं के क्वेश्चन पेपर तैयार करने के लिए SSC के प्री-अप्रूव्ड क्वेश्चन बैंक से AI की मदद से सवाल सिलेक्ट किए जाएंगे। इससे ये सुनिश्चित होगा कि फाइनल पेपर का स्ट्रक्चर ठीक हो और इसमें कोई डुप्लीकेशन या रिपिटेशन न हो।
AI की मदद से क्वेश्चन पेपर रियल टाइम में तैयार होगा यानी परीक्षा से 15 मिनट पहले ही सवाल फाइनल होंगे। इससे पहले तक किसी भी यूजर या ऑफिशियल को ये जानकारी नहीं होगी कि क्वेश्चन पेपर में कौन सा सवाल शामिल होगा। इससे न सिर्फ आयोग का समय बचेगा बल्कि एग्जाम की क्वालिटी और इंटेग्रिटी भी बेहतर होगी।

डिजिटल वेरिफिकेशन के बाद ही खुलेगा पेपर
फाइनल क्वेश्चन पेपर ऐक्सेस करने के लिए डिजिटल वेरिफिकेशन से गुजरना होगा जिसमें एडवांस्ड इनक्रिप्शन और डिजिटल सिग्नेचर शामिल होंगे। पेपर केवल सही डिजिटल सिग्नेचर से ही डीक्रिप्ट होंगे।
इस मल्टी लेयर सिक्योरिटी की मदद से क्वेश्चन पेपर को लीक प्रूफ बनाया जाएगा। अगर सिक्योरिटी में सेंध लगाने की भी कोशिश हुई तो इसे आसानी से पकड़ा जा सकेगा। एडवांस्ड सिक्योरिटी के साथ पहली परीक्षा 15 जून को आयोजित की जा चुकी है।
SSC चेयरमैन ने कहा- ये पहला कदम
SSC चेयरमैन एस गोपालकृष्णन ने कहा, ‘एडवांस्ड सिक्योरिटी बेस्ड एग्जाम कराना हमारे लिए गर्व की बात है। ये एक बड़ा बदलाव है। न सिर्फ SSC के लिए, बल्कि पूरे भारत के एजुकेशनल इकोसिस्टम के लिए।’
इस मौके पर Cubastion के CEO रवि कुमार ने कहा, ‘ये एग्जाम सिक्योरिटी के क्षेत्र में एक लैंडमार्क कदम है। पहली बार एग्जाम का पेपर रियल टाइम में तैयार हुआ है।’
केंद्र सरकार ला चुकी है पेपर लीक पर कानून
केंद्र सरकार ने पिछले साल पेपर लीक रोकने के लिए सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 लागू किया है। यह कानून जून 2024 को लागू हुआ था। इस कानून के तहत पेपर लीक करने या परीक्षा में गड़बड़ी करने पर कड़ी सज़ा का प्रावधान है।

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