4 मिनट पहले
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फिल्ममेकर अनुराग कश्यप अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। हाल ही में उन्होंने फिल्म में नशा करते हुए किरदारों को दिखाने के लिए स्क्रीन पर दिखाई जाने वाली स्मोकिंग वॉर्निंग के खिलाफ आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि ऐसे वॉर्निंग्स दर्शकों को परेशान करते हैं।
‘इंडीवायर’ से बातचीत में अनुराग कश्यप ने कहा, ‘सिनर्स जैसी मूड-ड्रिवन फिल्मों में धूम्रपान और शराब पीने से जुड़ी चेतावनियां दर्शकों को उस गहरे अनुभव से दूर कर देती हैं, जिसे फिल्ममेकर ने बड़ी मेहनत से बनाया है। इससे फिल्म का मूड और बिल्ड-अप प्रोसेस खत्म हो जाती है। इतना ही नहीं X प्लेटफार्मों पर दर्शकों ने भी इसी तरह की फीलिंग शेयर की हैं।
यह पहली बार नहीं है जब कश्यप ने सीबीएफसी से धूम्रपान के डिस्क्लेमर को लेकर आपत्ति जताई है। इससे पहले साल 2013 में आई उनकी फिल्म अग्ली में इन डिस्क्लेमर को शामिल करने की बोर्ड की मांग पर आपत्ति जताई थी। मामले को कोर्ट तक ले जाने के बावजूद यह केस खींचता चला गया, फिल्म लीक हो गई और अंत में उन्हें फिल्म को उन डिस्क्लेमर के साथ ही रिलीज करना पड़ा।

अनुराग कश्यप ने कहा, साल 2013 में आई अपनी फिल्म ‘अग्ली’ में इन डिस्क्लेमर को बनाए रखने के लिए मैंने सेंसर बोर्ड पर मुकदमा दायर किया था। मैंने यह तर्क दिया था कि यह कलात्मक अभिव्यक्ति के लिए एक बुनियादी खतरा है। मामला लंबा खिंच गया और आखिरकार हमें वह लड़ाई छोड़नी पड़ी और फिल्म के पायरेटेड संस्करण के बाद उसे रिलीज़ करना पड़ा।
वे कहते हैं, एक फिल्म निर्माता दर्शकों को फिल्म में बांधने के लिए कई प्रयास करता है। इसमें सीन्स, गाने और अन्य बारीकियों का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इससे पहले कि दर्शक उस अनुभव को महसूस कर सकें, फिल्म में झकझोर देने वाला ऐड उन अनुभवों को प्रभावित कर देता है।
ब्राह्मणों पर अनुराग कश्यप ने किया था अपमानजनक कमेंट
बता दें, हाल ही में समाज सुधारक ज्योतिबा फुले पर बनी फिल्म से जुड़े विवाद में अनुराग कश्यप ने ब्राह्मणों के बारे में अपमानजनक बात कही थी। उन्होंने कहा था कि मैं ब्राह्मणों पर मूतुंगा, कोई प्रॉब्लम है। इस कमेंट का स्क्रीनशॉट वायरल होते ही फिल्ममेकर अनुराग कश्यप विवादों से घिर गए थे। मुंबई और इंदौर समेत कई जगह उनके खिलाफ शिकायत दर्ज हुई। हालांकि, बाद में उन्होंने माफी भी मांग ली थी। पूरी खबर पढ़ें..