सैनी सरकार ने हरियाणा में जल संकट से निपटने के लिए डिटेल प्लानिंग की है। जरूरत पड़ी तो उसका इस्तेमाल किया जाएगा।
हरियाणा और पंजाब के बीच पानी को लेकर चल रहे विवाद को देखते हुए भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) ने फैसला किया है कि हरियाणा को पूरा पानी दिया जाएगा। बुधवार शाम को हुई बैठक में अधिकारियों को हरियाणा के लिए साढ़े 8 हजार क्यूसिक पानी छोड़ने के आदेश दिए
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हालांकि, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर के आदेश पर हुई मीटिंग में मौजूद रहे पंजाब सरकार के प्रतिनिधि ने इसका विरोध किया। जबकि, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान सरकार के प्रतिनिधि फैसले के पक्ष में रहे। हालांकि, इस पर अंतिम फैसला पंजाब सरकार को ही लेना है।
इधर, हरियाणा में बने जल संकट से निपटने के लिए सैनी सरकार ने मेगा प्लानिंग कर ली है। लोगों के बीच समान जल वितरण को लेकर बनाई गई इस प्लानिंग में 5 जरूरी बातों को शामिल किया गया है। इसमें शहरों में प्रॉपर वाटर सप्लाई के लिए ट्यूबवेलों से बूस्टर स्टेशन बनाना भी शामिल है।
सरकार ने यहां तक प्लानिंग कर ली है कि यदि सूबे में जल संकट बढ़ा तो प्रभावित जिलों में पानी की राशनिंग लागू करेगी। यानी लोगों की गिनती के हिसाब से पानी की सप्लाई की जाएगी। इस प्लानिंग को ग्राउंट पर लाने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। साथ ही हिदायत दी गई है कि वह गर्मी के बीच जल संकट में फील्ड में ही नौकरी करें।
सरकार की मेगा प्लानिंग के ये हैं 5 पॉइंट्स…
1. ओवरऑल वाटर सप्लाई का ऑब्जर्वेशन: शहरों की ओवरऑल वाटर सप्लाई सिस्टम का अवलोकन किया जाएगा। वाटर सोर्सेज को लेकर समीक्षा की जाएगी। संबंधित ब्रांच के जरिए प्रति व्यक्ति को कितने पानी की जरूरत है, इसे लेकर चार्ज बनाया जाएगा। इसके साथ ही सप्लीमेंट्री वाटर सोर्सेज के जरिए बूस्टर स्टेशन बनाए जाएंगे। विभिन्न इलाकों में मांग को पूरा करने के लिए बूस्टिंग स्टेशनों और ऊंचे पानी वाले ट्यूबवेलों से पानी की आपूर्ति की जाएगी। जिन क्षेत्रों में पानी कम है, वहां पानी के टैंकर तैनात किए जाएंगे।
2. वाटर सप्लाई एंड डिमांड असेस्मेंट: प्रति व्यक्ति के हिसाब से पानी की आवश्यकता को देखते हुए 150 लीटर का मानक तय कर अधिकारियों को प्लानिंग करनी होगी। इसके साथ ही शहर की मौजूदा क्षमता का भी आकलन किया जाएगा। नहरी पानी बंद होने पर ऊंचे पानी वाले ट्यूबवेल और टैंकरों जैसे वैकल्पिक स्रोतों पर निर्भर रहकर काम करना होगा।
3. 2025 की गर्मी के लिए रणनीति: अधिकारी नहरों का संचालन एवं प्रबंधन करेंगे। साथ ही नहर प्रवाह की निगरानी की जाएगी। जल प्रवाह में किसी भी संभावित परिवर्तन पर नजर रखने के लिए सुंदर शाखा की नियमित निगरानी की जाएगी। नहर बंद होने या फ्लो में कमी के कारण आपूर्ति में कमी होने की स्थिति में लोगों को पहले ही अलर्ट भेज दिया जाएगा। नहरों के बंद रहने की अवधि बढ़ने पर समान जल वितरण सुनिश्चित करने के लिए राशनिंग लागू की जाएगी। लोगों के साथ बात की जाएगी। उन्हें राशनिंग कार्यक्रम के बारे में बताया जाएगा और पानी के सावधानीपूर्वक इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
4. रेगुलर मॉनिटरिंग और मेंटेनेंस: रोजाना वाटर क्वालिटी की चेकिंग की जाएगी। नहर और ऊंचे पानी वाले ट्यूबवेलों से पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए डेली निगरानी होगी। इसके अलावा गर्मी के चरम पर जल संकट के दौरान किसी भी खराबी से बचने के लिए बूस्टर स्टेशनों और ऊंचे पानी वाले ट्यूबवेलों का नियमित रखरखाव किया जाएगा। किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटने के लिए बैकअप इंस्ट्रूमेंट और स्टैंडबाय कर्मचारी उपलब्ध रहेंगे।
5. पब्लिक कम्युनिकेशन स्ट्रेटजी: जल संकट के दौरान वाटर राशनिंग कार्यक्रम और टैंकर से पानी पहुंचाने के बारे में पब्लिक नोटिस जारी किए जाएंगे। अखबारों, सोशल मीडिया और कम्युनिटी बुलेटिन बोर्डों से पानी की सप्लाई की जानकारी फैलाई जाएगी। इसके अलावा शिकायतों या जल-संबंधी समस्याओं के लिए एक हेल्पलाइन स्थापित की जाएगी। जल संरक्षण और पानी को जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करने का जागरूकता अभियान चलेगा, जिसमें बंदी के दौरान पानी बचाने के महत्व पर जोर दिया जाएगा।

2 पॉइंट में जानिए, सरकार को इस मेगा प्लानिंग की जरूरत क्यों पड़ी…
- पंजाब ने रोक लिया 4 हजार क्यूसिक पानी: पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने भाखड़ा नहर से हरियाणा को मिलने वाले पानी में कटौती कर दी है। साढ़े 8 हजार क्यूसिक की जगह अब सिर्फ 4 हजार क्यूसिक पानी ही दिया जा रहा है। इसे लेकर दोनों राज्यों की सरकारों में टकराव बना हुआ है। पानी का बंटवारा भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) करता है।
- केंद्र सरकार के पास मामला पहुंचा: हरियाणा सरकार ने बोर्ड से BBMB रूल्स 1974 की धारा 7 के तहत यह मामला केंद्र को भेजने की मांग की। इसके बाद BBMB ने केंद्र सरकार को लेटर लिखा है। यह बोर्ड केंद्रीय बिजली मंत्रालय के अधीन आता है, जिसके मंत्री हरियाणा के पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर हैं। इस लेटर पर फैसला भी वही लेंगे। खट्टर ने इसे लेकर कहा है कि पंजाब सरकार राजधर्म नहीं निभा रही।
दोनों राज्यों के CM आमने-सामने…

CM सैनी कह चुके- दिल्ली में भी असर पड़ेगा इसे लेकर हरियाणा के CM नायब सैनी ने कहा है कि पंजाब CM भगवंत मान राजनीति कर रहे हैं। अगर हरियाणा में पानी कम आता है, तो दिल्ली में भी पेयजल आपूर्ति प्रभावित होगी। CM ने कहा- जब तक दिल्ली में AAP की सरकार थी, तब तक दिल्ली जाने वाले पानी पर भगवंत मान की सरकार को कोई आपत्ति नहीं थी। अब सरकार नहीं है तो दिल्ली की जनता को सजा देने का काम किया जा रहा है।
पंजाब सरकार ने कहा- हरियाणा ज्यादा पानी यूज कर चुका विवाद बढ़ने के बाद पंजाब सरकार ने बयान जारी किया कि हरियाणा ने पंजाब से 8500 क्यूसेक पानी मांगा है। पंजाब पहले ही मानवता के आधार पर 4 हजार क्यूसेक पानी दे रहा है। हरियाणा अपने हिस्से से ज्यादा कुल 103% पानी यूज कर चुका है। पंजाब को सिर्फ 89% पानी ही मिला है। नहरों की कुल क्षमता ही 10 हजार क्यूसेक की है। ऐसे में साढ़े 8 हजार क्यूसेक देना संभव नहीं है। पंजाब के बांधों का जलस्तर भी सामान्य से नीचे है और धान की बुआई के लिए पंजाब को पानी चाहिए।
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पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने भाखड़ा नहर से हरियाणा को मिलने वाले पानी में कटौती कर दी है। साढ़े 8 हजार क्यूसेक की जगह अब सिर्फ 4 हजार क्यूसेक पानी ही दिया जा रहा है। इसको लेकर अब टकराव बढ़ता जा रहा है। पूरी खबर पढ़ें…