शृंगेरी पीठ के शंकराचार्य विधुशेखर भारती महास्वामी ने बीएचयू को प्रतिवर्ष 25 लाख रुपये की धनराशि दान में देने की घोषणा की है। वह बीएचयू के भारत कला भवन में संरक्षित शृंगेरी पीठ के 32वें शंकराचार्य की पादुका का दर्शन करने गए थे। बीएचयू के कार्यवाहक कु
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32वें शंकाराचार्य के चरण पादुका को किया नमन।
उन्होंने बताया इस धनराशि में से साढ़े बारह लाख रुपये 25 गरीब विद्यार्थियों को और शेष साढ़े बारह लाख रुपये 25 मेधावी विद्यार्थियों के बीच छात्रवृत्ति के रूप में वितरित की जाएगी। शंकराचार्य ने शृंगेरी पीठ के 33वें शंकराचार्य का एक छायाचित्र भी बीएचयू के कार्यवाहक कुलपति प्रो. संजय कुमार को भेंट किया। इसे भारत कला भवन में रखा जाएगा।

33वें शंकाराचार्य का चित्र कला भवन में रखा जायेगा।
ऐसे बीएचयू पहुंची शंकराचार्य की पादुका
शृंगेरी पीठ के 32वें शंकराचार्य की चरण पादुका बीएचयू पीठ के 33वें शंकराचार्य की ओर से काशी भेजी गई थी। हुआ यह था कि महामना पं. मदनमोहन मालवीय ने विश्वविद्यालय के शिलान्यास का मुहूर्त निकलने के उपरांत पीठ के 33वें शंकराचार्य से शिलान्यास अपने करकमलों से करने का आग्रह किया था।

बीएचयू में मंत्रोच्चार के साथ शंकाराचार्य का हुआ स्वागत।
लेकिन शिलान्यास की तिथि अत्यंत समीप होने के कारण वह नहीं आ सके थे। तब उन्होंने विश्वविद्यालय की स्थापना समारोह को आशीर्वाद प्रदान करते अपने पूज्य गुरुदेव शृंगेरी शारदा पीठ के 32वें जगद्गुरु शंकराचार्य श्रीनृसिंह भारती महास्वामी की पवित्र पादुकाएं भेजीं थीं। इस प्रकरण का विवरण विश्वविद्यालय की ओर प्रकाशित ‘काशी हिंदू विश्वविद्यालय का इतिहास में उल्लेखित है।