भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष रवि आजाद।
भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रदेश अध्यक्ष रवि आजाद ने केंद्र की राष्ट्रीय नीति फ्रेम वर्क पॉलिसी को लेकर भाजपा सरकार और डबवाली से इनेलो विधायक आदित्य देवीलाल को घेरा है। रवि आजाद ने कहा उम्मीद है कि आदित्य देवीलाल इस पॉलिसी को रद्द कर केंद्र सरकार
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रवि बोले कि चेयरमैन आदित्य देवीलाल को बनाया गया और हमारा संयुक्त किसान मोर्चा उनसे मिला भी था। उनको बताया था कि कैसे कृषि विपणन राष्ट्रीय नीति किसानों के लिए खतरनाक है। इसे वापस कराने को 750 किसानों ने अपनी जान गवां दी थी। आज इस वीडियो के माध्यम से हम आदित्य देवीलाल से पूछना चाहते हैं कि उनमें ये ताकत है तो कोशिश करनी चाहिए, वो चेयरमैन है।
पंजाब की तरह हरियाणा में भी लागू न हो
पंजाब की तरह हरियाणा की सरकार भी इस विधानसभा में इस पॉलिसी को रद्द करने का प्रस्ताव बनानकर केंद्र को भेजे कि पंजाब लागू नहीं कर रहा तो हम हरियाणा में भी लागू नहीं करेंगे। आप चेयरमैन है, आपकी जिम्मेदारी है। अगर फिर भी वो ताकत नहीं है तो कम से कम अपनी चेयरमैनी को छोड़ दो, क्योंकि ये डैथ वारंट है किसानों के लिए। और दुष्यंत चौटाला का उदाहरण आदित्य देवीलाल का याद रखना चाहिए।
इस्तीफा नहीं दिया तो किसान विरोध लगेगा टैग
रवि बोले कि मुझे उम्मीद और भरोसा है आदित्य देवीलाल या तो इसे रद्द करके केंद्र को भेजेंगे या अपने पद से इस्तीफा देंगे, ताकि उनके पर किसान विरोधी होने का टैग न लगे। आगे का संघर्ष हम किसान राज्य और केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार से जारी रखेंगे। उम्मीद है कि आदित्य देवीलाल अपना स्टैंड हरियाणा के सामने क्लीयर करेंगे।
आदित्य देवीलाल का प्रोफाइल डबवाली विस सीट से इनेलो विधायक जनवरी 2016 में पंचायत चुनाव में सिरसा जिला परिषद के जोन चार से जिला पार्षद बने पार्षद चुनाव में इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला की पत्नी कांता चौटाला को हराने पर चर्चा में आए तभी पूर्व सीएम मनोहर लाल की नजरों में आए और भाजपा में ज्वॉइन करवाया साल 2019 में भाजपा की टिकट पर डबवाली विस से चुनाव भी लड़ा, जिसमें हार गए 2023 में हरियाणा मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन बने करीब ढ़ाई साल तक भाजपा सिरसा जिला इकाई के अध्यक्ष रहे 2024 में भाजपा से टिकट कटने से पाला बदलकर इनेलो में शामिल हुए अब राष्ट्रीय राज्य कृषि विपणन बोर्ड परिषद की विशेषज्ञ समिति का सदस्य
भाजपा ने फिर दी बड़ी जिम्मेदारी
भाजपा सरकार ने पूर्व में भी सरकार में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी थी और मार्केटिंग बोर्ड का चेयरमैन बनाया था। अब दोबारा से भाजपा ने विपक्ष से होते हुए भी आदित्य को राष्ट्रीय राज्य कृषि विपणन बोर्ड परिषद में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। हालांकि, आदित्य ने भी पदभार संभालने के बाद इनकी मीटिंग में हुए है। मगर अभी किसान इसके विरोधी नजर आ रहे हैं। यह चुनौतियों से कम नहीं होगा। सवाल है कि क्या भाजपा इस पॉलिसी को आदित्य के हाथों लागू करवाना चाहती है या कुछ और राजनीतिक षडयंत्र।