शिमला में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अफसर विशाल दीप से जुड़े 55 लाख रुपये रिश्वतकांड में आरोपी सीबीआई डीएसपी बलबीर सिंह को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर अंतरिम जमानत दे दी है। बलबीर की ओर से 24 फरवरी को कोर्ट में जमानत की अर्जी दाखिल की
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54 लाख रिश्वत की रकम बरामद
सीबीआई ने 22 दिसंबर 2024 को भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया था, जिसमें बलबीर को भी शामिल किया गया। जांच के दौरान सीबीआई ने कुल 54 लाख रिश्वत की रकम बरामद कर ली थी। मामले में कुल दो एफआईआर दर्ज की गई थीं, जिनमें से एक में चार्जशीट भी दायर हो चुकी है। सह-आरोपी विकासदीप और नीरज ने भी जमानत अर्जी दाखिल की है, जिन पर सुनवाई के लिए 13 मार्च को सीबीआई को नोटिस जारी किया गया है।
बीमारी का दिया हवाला
बलबीर सिंह के वकील केपी सिंह ने कोर्ट में दलील दी कि उनके मुवक्किल की उम्र 56 वर्ष है और वे 8 गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। इनमें कोरोनरी आर्टरी डिजीज, ट्रिपल वेसल डिजीज, क्रोनिक किडनी डिजीज, एक्यूट ऑनसेट एट्रियल फिब्रिलेशन, सिस्टेमेटिक हाइपरटेंशन, डायबिटीज मेलिटस टाइप-2, एलवीईएफ-24% और हाइपरथायरायडिज्म शामिल हैं।
वकील ने बताया कि बलबीर की 2020 में हार्ट बाइपास सर्जरी हो चुकी है और 2022 में किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। वे कई जानलेवा बीमारियों से ग्रसित हैं और उन्हें विशेष चिकित्सा सुविधाओं की जरूरत है। यदि उन्हें उचित इलाज नहीं मिला तो हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है और उनकी मौत भी हो सकती है।
वकील ने यह भी बताया कि बलबीर को साफ वातावरण में रहने की सलाह दी गई है, लेकिन जेल में उनकी सेहत लगातार बिगड़ रही है। उनका ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल असंतुलित हो रहा है, जिससे उनकी जान को खतरा है। उन्हें दिन में चार बार इंसुलिन लेना पड़ता है और अनुशासित डाइट का पालन करना होता है, जो जेल में संभव नहीं है। इसके अलावा, उन्हें समय-समय पर कई तरह के मेडिकल टेस्ट भी करवाने होते हैं।
स्कॉलरशिप घोटाले में रिश्वत का आरोप
बता दें कि यह पूरा मामला हिमाचल प्रदेश में हुए कथित स्कॉलरशिप घोटाले से जुड़ा है। इस घोटाले की जांच कर रहे ईडी अधिकारी विशालदीप पर दो लोगों से रिश्वत मांगने के आरोप हैं। वहीं, सीबीआई ने डीएसपी बलबीर सिंह को इस रिश्वतकांड का सूत्रधार बताया है।