Friday, April 18, 2025
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Chaitra Purnima 2025: चैत्र पूर्णिमा आज, जानिए मुहूर्त, पूजा विधि और भोग


चैत्र पूर्णिमा 2025 | Image:
Shutterstock

Chaitra Purnima 2025 Muhurat: आज यानि शनिवार, 12 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा मनाई जा रही है। सनातन धर्म में हर महीने पूर्णिमा तिथि के दिन पूजा और व्रत किए जाने का विधान है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि पूर्णिमा तिथि (Purnima 2025) के दिन पवित्र नदी में स्नान और दीपदान करने से साधक को कई तरह की समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

वहीं, खास बात यह है कि पूर्णिमा तिथि के मौके पर चांद पूरी तरह से अपने आकार में होता है। चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima 2025) पर अगर आप भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को खुश कर उनका आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो आपको यहां दिए गए मुहूर्त में उनकी पूजा अवश्य करनी चाहिए। आइए जानते हैं इसके बारे में।

चैत्र पूर्णिमा 2025 स्नान का मुहूर्त (Chaitra Purnima 2025 Snaan Muhurat)

12 अप्रैल 2025 चैत्र पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान का मुहूर्त सुबह 4 बजकर 29 मिनट से सुबह 5 बजकर 14 मिनट है। चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण पूजा घर में करने का भी बहुत महत्व माना जाता है। ऐसे में सत्यनारायण पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 35 मिनट से सुबह 9 बजकर 10 मिनट है।

वहीं, पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा की पूजा का भी विधान है। ऐसे में चंद्रोदय का समय आज शाम 6 बजकर 18 मिनट है, तप पूजा एवं चंद्र अर्घ्य के लिए रात 8 बजकर 11 मिनट का समय शुभ है। आइए अब जानते हैं कि आप आज के दिन किस-किस शुभ समय पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं।

चैत्र पूर्णिमा 2025 पूजा के लिए शुभ मुहूर्त (Chaitra Purnima 2025 Shubh Muhurat)

  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04 बजकर 29 मिनट से 05 बजकर 14 मिनट तक।
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 21 मिनट तक।
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 06 बजकर 44 मिनट से 07 बजकर 06 मिनट तक।
  • निशिता मुहूर्त: रात्रि 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक।

भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी पूजा विधि (Chaitra Purnima Puja Vidhi)

  • सबसे पहले सुबह उठकर स्नान आदि संपन्न करें और फिर पूरे घर की अच्छी तरह से साफ सफाई करें।
  • इसके बाद पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और वहां पर लाल या सफेद रंग का कपड़ा बिछाएं।
  • अब इस कपड़े पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
  • इसके बाद उन्हें सफेद कमल, गुलाब या अन्य सुगंधित फूल अर्पित करें।
  • पूजा में धूप, दीप, अगरबत्ती, चंदन, रोली, अक्षत, मिठाई, फल, नारियल, पान-सुपारी आदि का उपयोग करें।
  • भगवान विष्णु को केले और मां लक्ष्मी को खीर, मालपुआ या हलवा का भोग लगाएं।
  • इसके बाद आरती कर विशेष मंत्रों का जप करें।
  • अंत में क्षमा प्रार्थना कर भक्तों में प्रसाद का वितरण करें।

भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का भोग (Chaitra Purnima Bhog)

चैत्र पूर्णिमा के मौके पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने के साथ साथ उन्हें कई सारे फलों विशेषकर केले का भोग लगाएं। साथ ही माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए आप दूध से घर पर बनी स्वादिष्ट खीर का भी भोग लगा सकते हैं। इससे सभी देवी-देवता प्रसन्न होकर आपको अपना आशीर्वाद देंगे और माता की कृपा हमेशा आप और आपके परिवार पर बनी रहेगी।

ये भी पढ़ें: Hanuman Jayanti 2025: हनुमान जयंती आज, जानिए पूजा के लिए कौन-सा मुहूर्त रहेगा सही और पूजन विधि

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।



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