Wednesday, April 2, 2025
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CM ने नागपुर हिंसा का ठीकरा फिल्म छावा पर फोड़ा: शिवसेना के मुखपत्र सामना में दावा- भाजपा-संघ ने प्रचार किया, क्या मेकर पर केस करेंगे


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नागपुर14 मिनट पहले

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नागपुर हिंसा को लेकर शिवसेना (उद्धव गुट) के मुखपत्र ‘सामना’ ने लगातार दूसरे दिन भाजपा और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा।

लेख में कहा गया है कि नागपुर दंगों का ठीकरा मुख्यमंत्री फडणवीस ने ‘छावा’ फिल्म पर फोड़ा है, जो उनका मनोबल कमजोर होने का संकेत देता है। उन्होंने घोषणा की है कि दंगों के अपराधियों को नहीं छोड़ा जाएगा। मतलब, वे क्या करेंगे?

क्या ‘छावा’ फिल्म के निर्माता, निर्देशक और औरंगजेब की भूमिका निभाने वाले कलाकार के खिलाफ मुकदमा करेंगे? क्योंकि ‘छावा’ फिल्म की वजह से दंगे हुए हैं। अब इस ‘छावा’ फिल्म के खास शो मुख्यमंत्री ने ही आयोजित किए थे। भाजपा और संघ परिवार की ओर से भी ‘छावा’ का प्रचार शुरू था।

सामना के आर्टिकल के 3 बड़े बयान…

1. चीन-पाकिस्तान के खिलाफ भाजपा का खून नहीं खौलता मोदी काल में पाकिस्तान ने पुलवामा घटना को अंजाम देकर चालीस जवानों की निर्मम हत्या की। चीन ने भी लद्दाख प्रांत में हमारे सैनिकों का सिर कलम किया। फिर भी देश में पाकिस्तान अथवा चीन के खिलाफ आक्रोश का विस्फोट नहीं हुआ और विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल के वीर कुदाल-फावड़ा लेकर पाकिस्तानियों के तंबू उखाड़ने बाहर नहीं निकले। पुलवामा हमला हुआ था, तब नरेंद्र मोदी जिम कॉर्बेट जंगल में ‘सफारी’ का आनंद ले रहे थे और उनका भी खून नहीं खौला।

2. भारत में युवा मस्जिदों के नीचे मंदिर ढूंढ रहे चीन 140 मीटर ऊंचा कांच का पुल बना रहा है, चंद्रमा पर ‘रिसर्च सेंटर’ बना रहा है, हाईस्पीड ट्रेन चला रहा है और भारत में क्या हो रहा है? युवाओं को मस्जिदों के नीचे मंदिर ढूंढने के काम में लगाया है। उनके हाथों में मस्जिदों की नींव खोदने के लिए कुदाल और फावड़े थमा दिए गए हैं। अब बोनस के तौर पर औरंगजेब की कब्र खोदने का काम भी दे दिया।

3. मोदी ने युवाओं के हाथों में पत्थर थमा दिए प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं के हाथों में कुदाल, फावड़े और पत्थर थमा दिए और उनके भक्तों को इस पर गर्व हो रहा होगा। कब्र में पड़ा औरंगजेब भी इस पर मन ही मन हंसता होगा। महाकुंभ के सफल आयोजन पर प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में भाषण दिया, लेकिन देश का भविष्य रोज अंधकारमय होता जा रहा है, इस पर वे कुछ बोलते नहीं हैं।

18 मार्च के सामना में लेख- भाजपा के पेट में नया शिवाजी पल रहा

‘सामना’ ने 18 मार्च को लेख में कहा था कि भाजपा के पेट में नया शिवाजी पल रहा है। इसी वजह से वे छत्रपति शिवाजी के इतिहास को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं।

सामना ने लिखा था कि लोकसभा में भाजपा के ओडिशा के बारगढ़ से सांसद प्रदीप पुरोहित ने कहा था, ‘हमारे शिवाजी मोदी हैं। मोदी पिछले जन्म में छत्रपति शिवाजी थे।’

तो अब भाजपा ने नए शिवाजी को जन्म दिया है और इसके लिए मूल शिवाजी को खत्म करने की उनकी योजना है। फिर छत्रपति शिवाजी महाराज को खत्म करना है तो पहले औरंगजेब की कब्र को ध्वस्त करना होगा। मतलब इतिहास अपने आप नष्ट हो जाएगा।

सामना ने लिखा- फडणवीस सिर्फ भाषण देने में व्यस्त सामना ने लिखा था कि नागपुर का 300 साल पुराना इतिहास है और वहां कभी दंगे नहीं हुए, लेकिन अब शहर को हिंसा की आग में झोंक दिया गया है। सामना ने पूछा है कि जब फडणवीस खुद होम मिनिस्ट्री संभाल रहे हैं, तो फिर दंगाइयों को शहर में घुसने और आगजनी करने की परमिशन कैसे मिली?

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देवेंद्र फडणवीस सिर्फ भाषण देने में व्यस्त हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे। अगर दंगाई बाहरी थे, तो गृह विभाग और सुरक्षा एजेंसियां क्या कर रही थीं?

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नागपुर हिंसा- बांग्लादेश कनेक्शन सामने आया नागपुर हिंसा मामले में गुरुवार को बांग्लादेश कनेक्शन सामने आया है। सोशल मीडिया पोस्ट पर एक यूजर ने धमकी दी कि सोमवार के दंगे तो सिर्फ एक छोटी घटना थी और भविष्य में और बड़े दंगे होंगे।

साइबर सेल ने अफवाह फैलाने और हिंसा भड़काने के मामले में 34 सोशल मीडिया अकाउंट पर कारवाई की है, साथ ही 10 FIR की गई हैं।

वहीं, पुलिस ने मास्टरमाइंड फहीम शमीम खान समेत अब तक 84 लोगों को गिरफ्तार किया है। हालांकि, बुधवार को महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने यह संख्या 69 बताई थी। इनमें आठ विश्व हिंदू परिषद (VHP) कार्यकर्ता भी शामिल हैं।

19 आरोपियों को 21 मार्च तक पुलिस कस्टडी में भेजा दिया गया है। मास्टरमाइंड फहीम पर 500 से ज्यादा दंगाइयों को इकट्ठा करने और हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप है।

मंत्री कदम ने चेतावनी दी कि सोशल मीडिया पर भ्रामक वीडियो प्रसारित करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

कदम ने कहा;-

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दंगाइयों ने पुलिसकर्मियों पर हमला करने की हिम्मत की है। हम दिखाएंगे कि पुलिस का डर क्या होता है। किसी को बख्शा नहीं जाएगा।

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दरअसल, सोमवार रात हुई हिंसा में 33 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें तीन DCP रैंक के अधिकारी भी शामिल हैं। दंगाइयों ने वाहनों में तोड़फोड़ की, पेट्रोल बम फेंके, पथराव किया और कुछ घरों पर भी हमला किया।

फडणवीस बोले- चादर पर कुरान की आयत नहीं थी, अफवाह फैलाई गई

CM देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि जलाई गई चादर पर कुरान की आयत नहीं थी। आयत को लेकर अफवाह फैलाई गई।

उन्होंने कहा, ‘पुलिस और मेरे बयान में फर्क नहीं है। जानबूझकर हिंसा फैलाई गई। किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। पुलिस पर हमला करने वाले बचेंगे नहीं। जो कब्र में छिपे हैं तो कब्र से निकालेंगे।’

हिंसा वाली जगह पर आज भी कर्फ्यू, 3 तस्वीरें…

नागपुर में हिंसा वाली जगह पर लगातार दूसरे दिन कर्फ्यू लगा रहा।

नागपुर में हिंसा वाली जगह पर लगातार दूसरे दिन कर्फ्यू लगा रहा।

हिंसाग्रस्त इलाके में सभी दुकानें बंद हैं। रोड ब्लॉक कर दी गई हैं।

हिंसाग्रस्त इलाके में सभी दुकानें बंद हैं। रोड ब्लॉक कर दी गई हैं।

इलाके में कर्फ्यू लागू होने से सड़कें सुनसान हैं।

इलाके में कर्फ्यू लागू होने से सड़कें सुनसान हैं।

औरंगजेब की प्रतीकात्मक कब्र जलाने से बवाल हुआ सोमवार को नागपुर में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन के दौरान गोबर के कंडों से भरा एक हरे रंग का कपड़ा जलाया गया। VHP के मुताबिक, ये औरंगजेब की प्रतीकात्मक कब्र थी।

इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद देर शाम 7:30 बजे नागपुर के महल इलाके में हिंसा भड़क गई। पथराव और तोड़फोड़ शुरू हो गई। उपद्रवियों ने घरों पर पथराव किया और सड़क पर खड़े दर्जनों वाहनों में तोड़फोड़-आगजनी की।

पुलिस पर भी हमला किया गया। DCP निकेतन कदम कुल्हाड़ी के हमले से घायल हो गए। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। रात 10.30 बजे से 11.30 बजे के बीच ओल्ड भंडारा रोड के पास हंसपुरी इलाके में एक और झड़प हुई।

औरंगजेब पर कैसे शुरू हुआ पूरा विवाद…

सपा विधायक बोले- औरंगजेब क्रूर शासक नहीं पूरा विवाद महाराष्ट्र के सपा विधायक अबू आजमी के बयान से शुरू हुआ। उन्होंने 3 मार्च को कहा- हमें गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए हैं। मैं उसे क्रूर शासक नहीं मानता। अगर कोई कहता है कि यह लड़ाई हिंदू-मुसलमान को लेकर थी, तो मैं इस पर विश्वास नहीं करता।

आरोप लगे कि आजमी ने शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज पर अपमानजनक टिप्पणी की। विवाद बढ़ने पर आजमी ने 4 मार्च को अपना बयान वापस ले लिया। उन्होंने कहा- ‘मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है। फिर भी मेरी बात से कोई आहत हुआ है तो मैं अपना स्टेटमेंट वापस लेता हूं।’

आजमी पूरे बजट सत्र के लिए सस्पेंड महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। अबू आजमी के बाद उन्हें पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा के अंदर उनके बयान की निंदा की। डिप्टी CM एकनाथ शिंदे ने कहा कि आजमी पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए।

मामला यहीं नहीं रुका उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी UP विधानसभा में बजट सत्र के दौरान आजमी के बयान की आलोचना की उन्होंने कहा- भारत की आस्था को रौंदने वाले का महिमामंडन करने वाले सदस्य को सपा से बाहर निकाल देना चाहिए। उसे (अबू आजमी) यहां बुलाइए। UP ऐसे लोगों का उपचार करने में देर नहीं करता।

औरंगजेब की कब्र ढहाने की मांग, CM फडणवीस का समर्थन बढ़ते विवाद के बीच छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और सातारा से भाजपा सांसद उदयनराजे भोंसले ने औरंगजेब की कब्र को ढहाने की मांग की। उन्होंने कहा- एक JCB मशीन भेजकर उसकी (औरंगजेब) कब्र को गिरा दो, वह एक चोर और लुटेरा था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मांग का समर्थन किया।

तेलंगाना के भाजपा विधायक टी राजा सिंह ने भी कब्र हटाने की मांग की। उन्होंने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को चिट्‌ठी लिखकर कब्र के रखरखाव पर खर्च का विवरण मांगा। राजा ने कहा- हमारी संस्कृति का दमन करने वाले की कब्र पर करदाताओं का एक भी रुपया खर्च नहीं किया जाना चाहिए।

राउत बोले- ये मराठाओं के शौर्य का स्मारक उधर शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने कब्र विवाद को लेकर भाजपा नेताओं पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- औरंगजेब की कब्र मराठाओं के शौर्य का एक स्मारक है। यह आने वाली पीढ़ी को बताएगा कि किस तरह से शिवाजी महाराज और मराठा सैनिक आक्रांताओं से लड़ते रहे।

1707 में बनी थी औरंगजेब की कब्र मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र छत्रपति संभाजीनगर से 25 किमी दूर खुल्दाबाद में है। इतिहासकारों के मुताबिक, 1707 में जब औरंगजेब की मौत के बाद बादशाह की इच्छा के अनुसार उसे खुल्दाबाद में उसके आध्यात्मिक गुरु शेख जैनुद्दीन की दरगाह के पास दफनाया गया।

औरंगजेब की कब्र साधारण मिट्टी की बनी हुई थी, जिसमें बाद में ब्रिटिश वायसरॉय कर्जन ने संगमरमर लगवाया था। इस स्थान को ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है, जहां लोग आज भी श्रद्धांजलि देने पहुंचते हैं।

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औरंगजेब विवाद से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…

प्रमोद कृष्णम् बोले- कब्र तोड़ना तालिबान का काम, भारत की संस्कृति मुर्दों से लड़ने की नहीं

औरंगजेब कब्र विवाद के बीच के कांग्रेस के पूर्व नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम् ने कहा- कब्र तोड़ना तालिबान का काम है। भारत की संस्कृति मुर्दों से लड़ने की नहीं है। हिंदू संगठनों ने औरंगजेब की कब्र तोड़ने की मांग की है। इस पर विवाद छिड़ा है। पूरी खबर पढ़ें…



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