मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मंगलवार को पारंपरिक बंजारा पोशाक पहनी। बंजारा समाज के एक कार्यक्रम की यह तस्वीर है। विश्व बंजारा दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय बंजारा सेवा संघ ने रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में विशाल बंजारा महाकुंभ कार्यक्र
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सीएम ने कहा कि, बंजारा समाज का इतिहास बहुत समृद्धशाली रहा है। बहुत पहले से यह समाज व्यापार से जुड़ा रहा है। देश की स्वतंत्रता में भी बंजारा समाज का उल्लेखनीय योगदान रहा है। कार्यक्रम में बंजारा समाज की महिलाओं ने पारम्परिक लड़ी नृत्य की सुंदर प्रस्तुति दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, पहले बैल के माध्यम से बंजारा समाज व्यापार के सामान दूर-दूर तक ले जाता था। मुझे बंजारा समाज के आदरणीय लखी शाह के योगदान का स्मरण हो रहा है। बताते हैं कि उनके पास दो लाख बैल थे और उनके हर कारवां में सैकड़ों बैल होते थे, वे रावलपिंडी से काबुल-कंधार तक यात्रा करते थे।
उस जमाने में दिल्ली के चांदनी चौक में बड़ी जमीन उनके पास थी। धन-दौलत के भंडार होने के बावजूद वे हमेशा विनम्र रहे और परोपकार में अपना धन खर्च किया। उन्होंने 95 साल की उम्र में औरंगजेब की सेना का प्रतिरोध किया।