तिरुवल्लूर7 मिनट पहले
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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शुक्रवार को केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राज्य कभी भी दिल्ली के प्रशासन के आगे नहीं झुकेगा। अमित शाह कहते हैं कि 2026 में वे सरकार बनाएंगे। मैं उन्हें चुनौती देता हूं और कहता हूं, तमिलनाडु कभी भी दिल्ली के प्रशासन के अधीन नहीं रहेगा।
स्टालिन ने गृह मंत्री अमित शाह से NEET परीक्षा और राज्य में हिंदी लागू करने पर सवाल किया। स्टालिन तिरुवल्लूर में राज्य सरकार की कई योजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास पर हुए कार्यक्रम में बोल रहे थे।

स्टालिन के बयान की बड़ी बातें …
- तमिलनाडु कभी भी दिल्ली के अधीन नहीं होगा, हमारा चरित्र ऐसा अनूठा है। छापेमारी और धमकी के जरिए दूसरे राज्यों में पार्टियों को तोड़ने का आपका फॉर्मूला यहां काम नहीं करेगा।
- तमिल भूमि स्वाभिमान और वीरता की धरती है, जिसने कभी किसी को हावी होने नहीं दिया।
- राज्य ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और राज्यपाल के खिलाफ ऐतिहासिक फैसला मिला, क्योंकि उन्होंने कुछ नहीं किया। यह डीएमके की ताकत है और पूरे देश में इसका एहसास हो चुका है।
- चाहे वह नीट हो या तीन-भाषा नीति, वक्फ संशोधन अधिनियम या परिसीमन जो कुछ राज्यों को प्रभावित कर सकता है, केवल हम ही पुरजोर तरीके से विरोध कर रहे हैं।
- शाह ने कहा था कि हम ध्यान भटकाने के लिए ऐसा कह रहे हैं। मैं कहना चाहता हूं कि तमिलनाडु सभी भारतीय राज्यों के लिए संघर्ष कर रहा है। क्या राज्यों के अधिकारों की मांग करना गलत है।
शाह से पूछा- नीट-परिसीमन पर साफ जवाब क्यों नहीं दिया
स्टालिन ने गृहमंत्री से सवाल करते हुए कहा- “क्या आप कह सकते हैं कि आप NEET में छूट दे सकते हैं। क्या आप आश्वस्त कर सकते हैं कि हिंदी नहीं थोपी जाएगी। क्या आप तमिलनाडु को दिए गए (केंद्रीय) फंड की सूची दे सकते हैं। क्या आप आश्वस्त कर सकते हैं कि परिसीमन के कारण (संसदीय) प्रतिनिधित्व में कमी नहीं आएगी। अगर हम जो कर रहे हैं वह ध्यान भटकाना है, तो आपने इन मुद्दों पर तमिलनाडु के लोगों को स्पष्ट जवाब क्यों नहीं दिए।
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