मैनपुरी की अनीता यादव से 16 लाख रुपये की ठगी में आरोपी पुलिस कमिश्नर के पीआरओ दीपक राणावत को डीसीपी क्राइम ने क्लीन चिट दे दी है। डीसीपी ने जांच में नौकरी के नाम पर 16 लाख लेने वालों को साइबर ठग बताया। पीड़िता से पीआरओ ने ठगी नहीं बल्कि, सब इंस्पेक्टर
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दरोगा दीपक कुमार राणावत की तहरीर पर कैंट थाने में अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी और कूटरचना के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं, कमिश्नरेट की पुलिस ने मथुरा के एक युवक को हिरासत में लिया है, जिससे पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं।
पुलिस आयुक्त से गत 27 मई को अनीता यादव ने सब इंस्पेक्टर दीपक राणावत पर उनके बेटे की सरकारी नौकरी लगवाने के लिए 16 लाख रुपए लेने की बात कही थी। बताया था कि उनका नाम बताने वाले आदमी को 16 लाख रुपए दिए थे। न उनके बेटे की नौकरी लगी और न उनका पैसा वापस किया गया।
अनीता यादव की शिकायत पर पुलिस आयुक्त ने डीसीपी क्राइम को मामले की जांच सौंपी और पीआरओ से सब इंस्पेक्टर दीपक राणावत को हटा दिया। पूछताछ, सर्विलांस और मोबाइल के कॉल डिटेल रिकॉर्ड की मदद से डीसीपी क्राइम की जांच में दीपक की संलिप्तता नहीं मिली।
डीसीपी सरवरणन टी. ने बताया कि पता चला कि सब इंस्पेक्टर दीपक की फोटो, नाम और उनके फर्जी परिचय पत्र के सहारे अनीता के साथ ठगी की गई है। ठगी करने वाला मथुरा निवासी युवक सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले सब इंस्पेक्टर की फोटो और नाम की मदद से भी कई महिलाओं को ठग चुका है। क्राइम ब्रांच और कैंट थाने की पुलिस की संयुक्त टीम ने मथुरा निवासी युवक को दबोचा है।