छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और AICC महासचिव भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल आज ED दफ्तर नहीं आएंगे। दरअसल, 10 मार्च को ED ने भूपेश बघेल के घर शराब घोटाला मामले में छापेमारी की थी। कार्रवाई के बाद शनिवार को उनके बेटे चैतन्य बघेल को समन जारी कर पूछता
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भूपेश बघेल ने कहा कि कोई नोटिस ही नहीं आया है तो जाने का कोई सवाल नहीं उठाता। नोटिस आएगा तो जरूर जाएंगे। मीडिया हाइप करना ED का काम है। नोट गिनने की मशीन, किसी ने नोट गिनते हुए दिखा दिया। ऐसे मीडिया हाइप क्रिएट करने का काम ED का है।
बदनाम करने बीजेपी का षड्यंत्र- बघेल
बघेल ने आगे कहा कि सामने वाले को बदनाम करना है तो एजेंसी का उपयोग किया जा रहा है। अभी तक ये यही करते आ रहे हैं। 7 साल तक मेरे खिलाफ CD केस चला। जब कोर्ट में सुनवाई हुई तो मुझे बरी कर दिया गया। बदनाम करने के लिए यह बीजेपी का षड्यंत्र है।
बता दें कि सोमवार को करीब सुबह 8 बजे भूपेश और उनके बेटे चैतन्य के भिलाई-3 पदुमनगर स्थित घर पर चार गाड़ियों में ED की टीम पहुंची थी। यह जांच करीब 10 घंटे तक चली। टीम के जाने के बाद भूपेश बघेल ने बताया था कि, 32-33 लाख रुपए और दस्तावेज टीम ले गई है।
भूपेश बघेल ने बताया था कि संयुक्त परिवार में हम 140 एकड़ जमीन पर खेती करते हैं। हमारे पास वही था जो हमने घोषित किया था। ईडी ने इसकी जांच की। अलग-अलग लोगों से 33 लाख रुपए नकद मिले, मेरी पत्नी, बेटे, बहू और बेटियों से। हम खेती भी करते हैं और डेयरी भी चलाते हैं। इसमें स्त्रीधन भी शामिल है।
ऐसा माहौल बनाया गया कि नोट गिनने वाली मशीनें लाई गई, मुझे नहीं लगता कि यह बहुत बड़ी रकम है।
कार्रवाई और बवाल की तस्वीरें देखिए-
कार्रवाई के बीच दोपहर में ED ने नोट गिनने की मशीन मंगाई गई थी।

ED की कार को समर्थकों ने रोका, कार्रवाई के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पथराव भी किया गया था।

कार को रोकने के दौरान कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प भी हुई थी।
14 जगहों पर छापे पड़े
चैतन्य बघेल से जुड़े कई ठिकानों समेत 14 जगहों पर छापे पड़े। 2100 करोड़ रुपए के शराब घोटाले में चैतन्य बघेल को भी लाभ पहुंचाने का दावा किया गया है। चैतन्य के करीबी और सहयोगी लक्ष्मीनारायण बंसल और पप्पू बंसल के ठिकानों पर भी कार्रवाई हुई।
इसके अलावा भिलाई के नेहरू नगर में मनोज राजपूत, चरोदा में अभिषेक ठाकुर और संदीप सिंह, कमल अग्रवाल किशोर राइस मिल दुर्ग, सुनील अग्रवाल सहेली ज्वेलर्स दुर्ग और बिल्डर अजय चौहान के यहां भी ED की कार्रवाई हुई।

कार्रवाई के दौरान भूपेश बघेल के भिलाई स्थित निवास पर बड़ी संख्या में फोर्स तैनात थी।
भूपेश के घर के बाहर हुआ था विरोध
जांच के दौरान भिलाई के पदुमनगर स्थित भूपेश बघेल के घर के बाहर बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और समर्थक मौजूद रहे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मुताबिक प्रदेश के गृहमंत्री सवालों से घिरे हुए हैं, विधानसभा में सवालों का कोई जवाब नहीं दे पा रहे हैं। इसलिए भूपेश बघेल के खिलाफ ED का दुरुपयोग कर रहे हैं।

भूपेश बघेल के घर के बाहर जुटे समर्थक और कांग्रेस कार्यकर्ता। ईडी की कार्रवाई का किया था विरोध।

अब समझिए क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के MD एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।
A, B और C कैटेगरी में बांटकर किया गया घोटाला
A: डिस्टलरी संचालकों से कमीशन
- 2019 में डिस्टलरी संचालकों से प्रति पेटी 75 रुपए और बाद के सालों में 100 रुपए कमीशन लिया जाता था। कमीशन देने में डिस्टलरी संचालकों को नुकसान ना हो, इसलिए नए टेंडर में शराब की कीमतों को बढ़ाया गया। साथ ही फर्म में सामान खरीदी करने के लिए ओवर बिलिंग करने की राहत दी गई।
B: नकली होलोग्राम वाली शराब को सरकारी दुकानों से बिकवाना
- डिस्टलरी मालिक से ज्यादा शराब बनवाई। नकली होलोग्राम लगाकर सरकारी दुकानों से बिक्री करवाई गई। नकली होलोग्राम मिलने में आसानी हो, इसलिए एपी त्रिपाठी के माध्यम से होलोग्राम सप्लायर विधु गुप्ता से भी कॉन्टैक्ट किया गया। होलोग्राम के साथ ही शराब की खाली बोतल की जरूरत थी। खाली बोतल डिस्टलरी पहुंचाने की जिम्मेदारी अरविंद सिंह और उसके भतीजे अमित सिंह को दी गई।
- खाली बोतल पहुंचाने के अलावा अरविंद सिंह और अमित सिंह को नकली होलोग्राम वाली शराब के परिवहन की जिम्मेदारी भी मिली। सिंडिकेट में दुकान में काम करने वाले और आबकारी अधिकारियों को शामिल करने की जिम्मेदारी एपी त्रिपाठी को सिंडिकेट के कोर ग्रुप के सदस्यों ने दी।
- शराब बेचने के लिए प्रदेश के 15 जिलों को चुना गया। शराब खपाने का रिकॉर्ड सरकारी कागजों में ना चढ़ाने की नसीहत दुकान संचालकों को दी गई। डुप्लीकेट होलोग्राम वाली शराब बिना शुल्क अदा किए दुकानों तक पहुंचाई गई। इसकी MRP सिंडिकेट के सदस्यों ने शुरुआत में प्रति पेटी 2880 रुपए रखी थी। इनकी खपत शुरू हुई, तो सिंडिकेट के सदस्यों ने इसकी कीमत 3840 रुपए कर दी।
- डिस्टलरी मालिकों को शराब सप्लाई करने पर शुरुआत में प्रति पेटी 560 रुपए दिया जाता था, जो बाद में 600 रुपए कर दिया गया था। ACB को जांच के दौरान साक्ष्य मिला है कि सिंडिकेट के सदस्यों ने दुकान कर्मचारियों और आबकारी अधिकारियों की मिलीभगत से 40 लाख पेटी से अधिक शराब बेची है।
C: डिस्टलरीज के सप्लाई एरिया को कम/ज्यादा कर अवैध धन उगाही करना
- देशी शराब को CSMCL के दुकानों से बिक्री करने के लिए डिस्टलरीज के सप्लाई एरिया को सिंडिकेट ने 8 जोन में बांटा। इन 8 जोन में हर डिस्टलरी का जोन निर्धारित होता था। 2019 में सिंडिकेट की ओर से टेंडर में नए सप्लाई जोन का निर्धारण प्रतिवर्ष कमीशन के आधार पर किया जाने लगा।
- एपी त्रिपाठी ने सिंडिकेट को शराब बिक्री का जोन अनुसार विश्लेषण मुहैया कराया था, ताकि क्षेत्र को कम-ज्यादा करके पैसा वसूल किया जा सके। इस प्रक्रिया को करके सिंडिकेट डिस्टलरी से कमीशन लेने लगा।
- EOW के अधिकारियों को जांच के दौरान साक्ष्य मिले हैं कि तीन वित्तीय वर्ष में देशी शराब की सप्लाई के लिए डिस्टलरीज ने 52 करोड़ रुपए पार्ट C के तौर पर सिंडिकेट को दिया है।




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ईडी की कार्रवाई के विरोध में विधानसभा में सस्पेंड होने के बाद कांग्रेस विधायक सदन के बाहर गांधी प्रतिमा के नीचे धरने पर बैठे।
छत्तीसगढ़ विधानसभा में भूपेश बघेल पर ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस के विधायकों ने जमकर हंगामा किया। भाजपा के खिलाफ नारेबाजी करते हुए गर्भगृह तक पहुंचने पर विपक्ष के सदस्यों को सस्पेंड कर दिया गया। विरोध में सदन से बाहर निकलकर कांग्रेस विधायक गांधी प्रतिमा के सामने धरने पर बैठे रहे। जिसके बाद सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। पढ़ें पूरी खबर