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ED ने जेनसोल के परिसरों पर छापेमारी की: को-प्रमोटर पुनीत जग्गी को हिरासत में लिया, ₹262 करोड़ की हेराफेरी का आरोप


नई दिल्लीकुछ ही क्षण पहले

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जेनसोल के प्रमोटर्स ने IREDA और PFC से लिए 978 करोड़ रुपए के लोन में हेराफेरी की है।

SEBI के एक्शन के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार (24 अप्रैल) को जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड के परिसरों पर छापे मारे की। इस दौरान, दिल्ली के एक होटल से को-प्रमोटर पुनीत सिंह जग्गी को हिरासत में लिया, जबकि एक अन्य प्रमोटर अनमोल जग्गी के दुबई में होने की बात कही जा रही है।

कंपनी के प्रमोटर्स – अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी दोनों भाई फाइनेंशियल मिसकंडक्ट और धन के हेर-फेर के लिए सेबी की रिपोर्ट के बाद केंद्रीय जांच एजेंसी ED की नजर में हैं। दोनों पर ₹262 करोड़ की हेराफेरी का आरोप है।

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के प्रावधानों के तहत इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने और लीज पर देने वाली कंपनी के दिल्ली, गुरुग्राम और अहमदाबाद स्थित परिसरों पर तलाशी ली गई।

ईडी की कार्रवाई सेबी के आदेश पर बेस्ड है, जिसमें दावा किया गया था कि जेनसोल इंजीनियरिंग ने इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद और EPC कॉन्ट्रेक्ट के लिए पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन और IRDEA लिमिटेड से लोन लिया था।

तीन चैप्टर में पूरा मामला जानें…

चैप्टर-1: संकट

  • जेनसोल के शेयर प्राइस में हेरा-फेरी और फंड डायवर्जन की शिकायतों के बाद सेबी ने जून 2024 में जांच शुरू की। जांच में सेबी ने पाया कि कंपनी के प्रमोटर्स ने पर्सनल यूज के लिए फंड का डायवर्जन किया। इसके बाद सेबी ने दोनों भाइयों को डायरेक्टर पोस्ट से हटा दिया। शेयर बाजार में कारोबार करने पर भी रोक लगा दी।
  • SEBI ने अपने ऑर्डर में कहा जेनसोल में कॉर्पोरेट गवर्नेंस पूरी तरह फेल हो गया। प्रमोटर्स ने इस लिस्टेड कंपनी को अपनी प्रॉपर्टी समझ लिया था। कंपनी का पैसा रिलेटेड पार्टीज में घुमाकर निजी जरूरतों पर उड़ाया गया। इसका नुकसान निवेशकों को उठाना पड़ेगा।
  • जेनसोल का शेयर 2025 में अब तक 87% से ज्यादा गिर चुका है। पिछले 5 कारोबारी दिनों में कंपनी के शेयर में 18.56% की गिरावट दर्ज की गई। वहीं पिछले 1 महीने में शेयर 58.09% टूट चुका है। जेनसोल इंजीनियरिंग का मार्केट कैपिटल 471 करोड़ रुपए है।

चैप्टर-2: हेराफेरी

  • कंपनी ने इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (इरेडा) और पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) जैसी संस्थाओं से 977.75 करोड़ रुपए का टर्म लोन लिया। इसमें से 664 करोड़ रुपए से 6,400 इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) खरीदना था, जिन्हें ब्लूस्मार्ट को लीज पर देना था।
  • कंपनी को अपनी तरफ से भी 20% मार्जिन (166 करोड़ रुपए) लगाना था। इस तरह, कुल 830 करोड़ रुपए EV खरीदने में खर्च होने थे। हालांकि, फरवरी 2025 तक ₹567.73 करोड़ मूल्य के केवल 4,704 व्हीकल ही खरीदे गए। ₹262.13 करोड़ का हिसाब नहीं हो पाया।
  • सेबी ने जांच में पाया कि जब भी ईवी खरीदने के लिए जेनसोल से गो-ऑटो में फंड ट्रांसफर किया गया, तो अधिकांश मामलों में या तो ये फंड कंपनी को वापस ट्रांसफर कर दिया गया या उन संस्थाओं को भेज दिया गया जो डायरेक्टली या इनडायरेक्टली जेनसोल के प्रमोटरों अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी से जुड़ी थी।
  • सेबी ने अनमोल सिंह के बैंक स्टेटमेंट का भी एनालिसिस किया। इसमें पाया गया कि अधिकांश फंड अन्य संबंधित पक्षों, परिवार के सदस्यों को ट्रांसफर कर गया या व्यक्तिगत खर्चों के लिए इस्तेमाल किया। इसमें लक्जरी फ्लैट खरीदना, ट्रेडिंग, गोल्फ सेट खरीदना शामिल है।
  • जेनसोल ने फंड की हेराफेरी को छिपाने के लिए सेबी, क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों (सीआरए) और लेंडर्स के पास फॉल्स “कंडक्ट लेटर्स” जमा किए। इसमें चूक को छिपाने के लिए अपने कर्ज से जुड़े सर्विस ट्रैक रिकॉर्ड को गलत तरीके से पेश किया गया।

चैप्टर-3: शुरुआत

  • जेनसोल को अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी ने 2012 में बनाया था। सोलर एनर्जी कंसलटेंसी और इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) फर्म के रूप में इसकी शुरुआत हुई थी। इसने अपनी सब्सिडियरी ईवी राइड-हेलिंग प्लेटफ़ॉर्म ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी के जरिए ईवी लीजिंग और मैन्युफैक्चरिंग में विस्तार किया।
  • 2019 में जेनसोल के शेयरों की लिस्टिंग एनएसई इमर्ज प्लेटफॉर्म पर हुई थी। इसके बाद 2023 में इसके शेयर नेशनल और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हुए। 7000 करोड़ रुपए की ऑर्डर बुक और बड़ते रेवेन्यू के साथ रिन्यूएबल एनर्जी और ईवी सेक्टर में लोगों के एक्साइटमेंट से शेयर 2022 से 2024 के बीच 2,600% चढ़ा।
जेनसोल ईवी राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म ब्लू स्मार्ट मोबिलिटी भी ऑपरेट करती है।

जेनसोल ईवी राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म ब्लू स्मार्ट मोबिलिटी भी ऑपरेट करती है।

जेनसोल तीन सेगमेंट में काम करती है:

  • सोलर ईपीसी: सोलर पावर प्रोजेक्ट के लिए इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (अप्रैल-दिसंबर 2024 में रेवेन्यू का 72.3%)।
  • ईवी लीजिंग: ब्लू स्मार्ट जैसे प्लेटफॉर्म के लिए ईवी को लीज़ पर देना (रेवेन्यू का 27.7%)।
  • ईवी मैन्युफैक्चरिंग: पुणे में प्रति वर्ष 12,000 कारों की क्षमता वाली ईवी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करना।

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