Wednesday, May 21, 2025
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Emraan Hashmi has expressed gratitude towards his fans | फैंस के प्यार से मिलता है मुझे हौसला: इमरान हाशमी ने कहा – हमें अपनी जड़ों से जुड़ी कहानियां बनानी चाहिए, तभी आएगी ऑडियंस थिएटर


6 मिनट पहलेलेखक: आशीष तिवारी

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इमरान हाशमी की फिल्म ‘ग्राउंड जीरो’ थियेटर में रिलीज हो चुकी है। फिल्म बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स BSF की शौर्य गाथा है। फिल्म में इमरान ने बीएसएफ अधिकारी नरेंद्र नाथ धर दुबे का रोल निभाया है। इमरान की छवि एक रोमांटिक हीरो की रही है। उनके फैंस ने उन्हें इस रूप में खूब प्यार भी दिया है।

दैनिक भास्कर से खास बातचीत में एक्टर ने अपने करियर, फैंस, ओटीटी के बढ़ते दबदबा पर बात की है।

सवाल- आप सालों से लगातार रिलेवेंट रहे हैं। फैंस को लगता है कि आपकी जितनी क्षमता है, उस हिसाब से बॉलीवुड मेकर्स ने आपको एक्सप्लोर नहीं किया है।

अगर लोगों को ऐसा लगता है कि बतौर एक्टर मेरे अंदर वो स्कोप है, जिसे मैं एक्सप्लोर कर सकता हूं तो ये अच्छी बात है। अगर लोग कहते कि हर कुछ एक्सप्लोर कर लिया है। इसमें कोई नयापन नहीं फिर यह बात शायद डरावनी होती है। लेकिन, मेरा यही एक मकसद रहता है कि हर फिल्म या नए फिल्ममेकर के साथ कुछ नया एक्सट्रैक्ट करूं। खुद की पर्सनैलिटी, अपने एक्सपीरियंस से ऑडियंस के सामने एक नई कहानी पेश करूं।

सवाल- आपने हमेशा स्टीरियोटाइप को तोड़ा है। फिल्म दर फिल्म अपने आप को इवॉल्व किया है। हर रोल के साथ कुछ अलग करना क्या फॉर्मूला है?

मेरी उम्मीद यही रहती है कि जब कोई डायरेक्टर मेरे पास कहानी लेकर आए तो उसमें नयापन हो। मैंने उस जॉनर या इस किस्म का किरदार पहले नहीं निभाया हो। ‘ग्राउंड जीरो’ के समय भी यही मकसद था। मुझे एक ऑफिसर का रोल पेश किया गया, जो मैंने पहले एक्सप्लोर नहीं किया था। मैं ऑडियंस को कुछ नया पेश कर रहा हूं।

जब एक्सेल एंटरटेनमेंट जैसे फिल्ममेकर्स मेरे पास आते हैं तो फिर इसको एक तरह से दोनों हाथों से बटोरना पड़ता है। इसका एक तरह से पूरा मजा लेना चाहिए। नई चीजों पर मेहनत करें और ऑडियंस को एक नया डायमेंशन पेश करें, जो उन्होंने पहले नहीं देखा हो।

सवाल- इस समय कलाकार के तौर पर एंबिशन क्या है? क्या ऑडियंस इमरान को फिर से रोमांटिक-म्यूजिकल फिल्मों में देख पाएंगी।

बस यही कि अलग-अलग किस्म के किरदार और फिल्में करूं, लोगों का मनोरंजन करूं। जहां तक रोमांटिक-म्यूजिकल फिल्मों की बात है तो बिल्कुल आएंगी। मैं तो हर चीज को एक्सप्लोर करना चाहता हूं। अच्छे गानों के साथ रोमांटिक इमेज, लव स्टोरी, थ्रिलर को एक्सप्लोर करना चाहूंगा। जब ऐसी कहानियां मिलेंगी तो मैं उन्हें जरूर करूंगा।

सवाल- कोविड के बाद से लगातार ऐसा हो रहा है कि ऑडियंस थियेटर ना जाकर ओटीटी को प्रेफर कर रही है। आपका क्या मानना है?

मुझे लगता है कि हमारे कल्चर की रूटेड कहानियां बननी चाहिए। वेस्टर्न कल्चर ने हमारी इंडस्ट्री को भी बर्बाद कर दिया है। वैसे फिल्ममेकर जो सिर्फ बांद्रा और जुहू के बीच में फंसे रहते हैं, वो बस इंग्लिश फिल्मों को ऑडियंस के सामने पेश करना चाहते हैं। जो कोई खरीदना नहीं चाहता है।

पैन इंडिया फिल्में यहीं करती हैं। आप पंजाब, बिहार या साउथ कहीं से भी हों, फिल्म से कनेक्ट करने के लिए बस एक फैक्टर चाहिए होता है। ऐसा जादू हमारी जमीन से जुड़ी हुई फिल्में ही कर पाती हैं। ऐसे फिल्ममेकर्स पर लोगों को अपना पैसा डालना चाहिए। जो जमीनी फिल्में बना रहे हैं, वैसे आइडियाज पर बजट पास करना चाहिए।

अब ऑडियंस के पास ओटीटी एक जरिया है। घर पर बैठ कर वो फिल्म देख सकते हैं। वो आपकी फिल्म थियेटर जाकर क्यों देखेंगे? कोई ऐसी बात होनी चाहिए आपकी फिल्म में जो ऑडियंस को थियेटर खींचकर ले आए। ऑडियंस ये भी जानती हैं कि आठ हफ्ते बाद आपकी फिल्म ओटीटी पर आने वाली है। ऐसे में आपके आइडिया में वो एक ताकत होनी चाहिए जो उन्हें मजबूर कर दे थियेटर आने में।

सवाल- आपको क्या लगता है, इसके पीछे टिकट की महंगाई मसला है?

हो सकता है। अभी के समय में फिल्म देखना एक बहुत महंगी प्रीपोजीशन हो गई है। अगर आप अपने परिवार के साथ जाकर फिल्म देखते हैं तो हजारों रुपए खर्च करने पड़ते हैं। ऐसे में ये आम लोगों के लिए एक बहुत ही महंगा सौदा होता है।

सवाल- कोई इमोशनल फैंस मोमेंट आपके जेहन में है, जो आप शेयर करना चाहेंगे?

मेरे पास बहुत सारे इमोशनल मोमेंट हैं। अभी लखनऊ में शूटिंग कर रहा था, उस वक्त होटल में एक फैन ने चारकोल से बनी तस्वीर दी। जो उन्होंने बहुत ही शिद्दत से बनाई थी और वो वाकई में बेहद खूबसूरत है। ऐसी बहुत सारी चीजें होती है। मेरे बर्थडे पर देश के अलग-अलग कोने से फैंस मेरी बिल्डिंग के नीचे आए थे। वहां पर हमने साथ में केक काटा। वो मेरे लिए बहुत इमोशनल मोमेंट था।

सवाल- फैंस के साथ आपका एक अलग बॉन्ड दिखता है। फिल्म के प्रीमियर के दौरान में हमें ये देखने मिला। फैंस के साथ अपने रिश्तों को कैसे दिखते हैं?

मेरा मानना है कि फैंस के बिना आप कुछ नहीं हैं। मेरे अच्छे और बुरे वक्त में उन्होंने ही मेरा साथ दिया हैं। मैं फिल्में उनके लिए ही बनाता हूं। मकसद उन्हें एंटरटेन करना होता है। फैंस के साथ मेरा अटूट रिश्ता मेरी पहली फिल्म से चला आ रहा है। मैं आज जो कुछ भी हूं अपने फैंस की वजह से हूं। वो जिस तरह से मुझे और मेरी फिल्मों को प्यार देते हैं, इससे मेरी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। चाहे वो ग्राउंड जीरो हो या कोई और फिल्म।

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