Sunday, December 29, 2024
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EVM हैक करने का दावा करने वाले पर FIR: आरोपी ने कहा था- 53 करोड़ दो, महाराष्ट्र में 63 सीटों की EVM हैक कर देंगे


मुंबई5 मिनट पहले

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14 नवंबर को सैयद शुजा का एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें उसने महाराष्ट्र की 63 सीटों की EVM हैक करने का दावा किया था।

चुनाव आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) हैक करने का दावा करने वाले सैयद शुजा के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। 30 नवंबर को साउथ मुंबई के साइबर पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (BNS) और IT एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।

14 नवंबर को सैयद शुजा का एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें वो दावा कर रहा था कि वह महाराष्ट्र चुनावों में इस्तेमाल की जाने वाली EVM को हैक कर सकता है। उसने नेताओं को ऑफर भी दिया था कि 53 करोड़ देने पर 63 सीटों की EVM हैक कर देगा।

महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) ने कहा कि EVM हैक करने के दावे बिल्कुल निराधार, झूठे और अप्रमाणित हैं।

शुजा ने कहा था कि उसके पास महाराष्ट्र की 288 में से 281 सीटों के EVM का एक्सेस है।

शुजा ने कहा था कि उसके पास महाराष्ट्र की 288 में से 281 सीटों के EVM का एक्सेस है।

हैकर शुजा ने नेताओं को चुनाव जिताने का लालच दिया था महाराष्ट्र चुनाव के दौरान सैयद शुजा ने कुछ नेताओं से चुनाव जिताने के लिए संपर्क किया था। उनसे दावा किया था कि वह अमेरिकी रक्षा विभाग की तकनीक का इस्तेमाल करके EVM हैक कर सकता। इसके लिए वो पैसे लेगा। शुजा का कहना है कि वह अमेरिकी रक्षा विभाग में कॉन्ट्रेक्ट पर काम करता है।

सैयद शुजा एक साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर है, जो हैदराबाद का रहने वाला है। फिलहाल कनाडा में है।

सैयद शुजा एक साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर है, जो हैदराबाद का रहने वाला है। फिलहाल कनाडा में है।

शुजा ने 2019 में भी यही दावा किया था लंदन में 21 जनवरी 2019 को सैयद शुजा ने भारतीय पत्रकार संघ (IJA) की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी ऐसा दावा किया था। शुजा ने कहा था कि उसने 2009 से 2014 तक इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ICIL) के साथ काम किया। 2014 के लोकसभा चुनावों में इस्तेमाल की गई EVM बनाने वाली टीम का हिस्सा था। तब उसने कहा था कि इन मशीनों के साथ स्पेसिफिक फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल करके छेड़छाड़ की जा सकती है।

शुजा ने यह भी दावा किया था कि 2014 लोकसभा चुनाव में EVM को हैक किया गया था और उसी के दम पर बीजेपी की जीत हुई थी। पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने इन दावों को मुद्दा बनाया था और EVM की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे।

चुनाव आयोग ने FIR दर्ज करवाई थी 2019 में भी चुनाव आयोग ने शुजा के खिलाफ दिल्ली में FIR दर्ज करवाई थी। लेकिन इसके बाद इस केस पर ऑफिशियल जानकारी नहीं आई है। हालांकि आयोग ने कहा था कि EVM पूरी तरह से सुरक्षित है, जिन्हें वाईफाई या ब्लूटूथ सहित किसी भी नेटवर्क से नहीं जोड़ा जा सकता है।

महाराष्ट्र चुनाव के पहले EVM को लेकर विवाद हुआ था …

मस्क ने कहा था- EVM हैक हो सकती है दुनिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन इलॉन मस्क ने 15 जून को सोशल मीडिया प्लेट फॉर्म X पर लिखा था- EVM को खत्म कर देना चाहिए। इसे इंसानों या AI द्वारा हैक किए जाने का खतरा है। हालांकि ये खतरा कम है, फिर भी बहुत ज्यादा है। अमेरिका में इससे वोटिंग नहीं करवानी चाहिए।

राहुल ने भी चिंता जताई थी कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मस्क की पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए कहा था- भारत में EVM ब्लैक बॉक्स की तरह है। किसी को भी इसकी जांच की अनुमति नहीं है। हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं जताई जा रही हैं। जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है, तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है।

पूर्व मंत्री का जवाब- यह भारत में संभव नहीं भाजपा नेता और पूर्व IT मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा- मस्क के मुताबिक, कोई भी सुरक्षित डिजिटल हार्डवेयर नहीं बना सकता, ये गलत है। उनका बयान अमेरिका और अन्य स्थानों पर लागू हो सकता है – जहां वे इंटरनेट से जुड़ी वोटिंग मशीन बनाने के लिए नियमित कंप्यूट प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं।

भारतीय EVM सुरक्षित हैं और किसी भी नेटवर्क या मीडिया से अलग हैं। कोई कनेक्टिविटी नहीं, कोई ब्लूटूथ, वाईफाई, इंटरनेट नहीं। यानी कोई रास्ता नहीं है। फैक्ट्री प्रोग्राम्ड कंट्रोलर जिन्हें दोबारा प्रोग्राम नहीं किया जा सकता। EVM को ठीक उसी तरह डिजाइन किया जा सकता है, जैसा कि भारत ने किया है। भारत में इसे हैक करना संभव नहीं है। इलॉन, हमें ट्यूटोरियल (सिखाने वाला संस्थान) चलाकर खुशी होगी।

भारत में भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था मामला इसी साल अप्रैल में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के वोटों और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों की 100% क्रॉस-चेकिंग की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट में इस मांग से जुड़ी याचिकाएं खारिज कर दी थीं। इसके अलावा कई पॉलिटिकल पार्टियों से जुडे़ लोग EVM पर सवाल उठाते रहे हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट कई बार EVM पर अपना भरोसा जता चुका है।

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