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Female Kathavachak : भारत में कई महिला कथावाचक हैं जिन्होंने धर्म का प्रचार किया है. जया किशोरी, देवी चित्रलेखा, देवी नेहा सारस्वत, पलक किशोरी और देवी कृष्ण प्रिया प्रमुख हैं. ये महिलाएं भगवान की लीलाओं का वर्ण…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- जया किशोरी भगवान श्री कृष्ण की भक्त हैं.
- देवी चित्रलेखा ने 6 वर्ष की उम्र में उपदेश दिया.
- पलक किशोरी ने 2021 में पहली बार सार्वजनिक कथा की.
Female Kathavachak : भारत देश सनातन धर्म के मामले में दुनिया में सबसे आगे है. यहां समय-समय पर भगवान ने भी लीलाएं की है. उन लीलाओं का वर्णन हमारे पुराणों में किया गया है. देश के अंदर अनेकों कथावाचक मौजूद है. जो कथा के रूप में इन लीलाओं का वर्णन बहुत ही दिव्य और भव्य रूप से आम जनमानस के समक्ष करते हैं. आजकल युवाओं और महिलाओं में भी कथावाचक बनने का ट्रेंड चल रहा है. आज हम देश में मौजूद पांच बड़ी महिला कथावाचक के बारे में चर्चा करेंगे. जिन्होंने देश ही नहीं पूरी दुनिया में नाम रोशन किया हुआ है.
1. जया किशोरी : जया किशोरी बहुत ही लोकप्रिय कथावाचक हैं. इनकी जन्म तिथि 13 जुलाई 1995 है राजस्थान के सुजानगढ़ जगह पर ब्राह्मण परिवार में पैदा हुई थी. पारिवारिक संस्कार और आध्यात्मिक शिक्षा ग्रहण करने की पक्ष उन्होंने कथा वाचन शुरू किया. जया किशोरी भगवान श्री कृष्ण की भक्त है. कृष्ण भक्ति के गीत और अपनी मोटिवेशनल स्पीच के लिए पहचान बनाने वाली जया किशोरी सोशल साइट्स पर भी काफी सक्रिय रहती हैं.
2. देवी चित्रलेखा : 19 जनवरी 1997 को हरियाणा की एक ब्राह्मण परिवार में जन्म देवी चित्रलेखा महज 4 वर्ष की उम्र से ही अध्यात्म की ओर चल पड़ी थी. उनके बारे में बताया जाता है कि महज 6 वर्ष की उम्र में पहली बार उन्होंने उत्तर प्रदेश के बरसाना में माइक पर लगभग आधे घंटे तक लोगों को उपदेश दिया. देश ही नहीं विदेशों में भी देवी चित्रलेखा भागवत कथा, संगीत आदि के प्रोग्राम करती है.
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3. देवी नेहा सारस्वत : 21 सितंबर 1999 को अलीगढ़ में जन्म देवी नेहा सारस्वत भगवान श्री कृष्ण की अनन्य भक्त और प्रसिद्ध कथा वाचक है. श्रीमद् भागवत कथा और रामायण का पाठ करने के साथ-साथ भगवान कृष्ण की भजनों के लिए जानी जाती है. इनका अपनी बहन देवी निधि के साथ बहुत अच्छा बंद है और यह दोनों मिलकर भजनों के माध्यम से धर्म का प्रचार प्रसार करती है. सोशल साइट्स पर भी उनके बहुत अच्छे फॉलोअर है.
4. पलक किशोरी: मध्य प्रदेश के सतना से ताल्लुक रखने वाली 24 दिसंबर 2005 में जन्मे शांभवी मिश्रा जो पलक किशोरी के नाम से एक प्रसिद्ध कथा वाचक है. बचपन से ही वेद पुराण और कथाओं का श्रवण करने वाली पलक किशोरी ने पहली बार 2021 में सार्वजनिक रूप से 2 घंटे तक कथा की. प्रसिद्ध कथावाचक जया किशोरी उनकी प्रेरणादायक है. कोरोना लॉकडाउन के दौरान घर में रहकर ही कथाओं का अध्ययन कर वह बहुत ही कम समय में देश और दुनिया में प्रसिद्ध कथावाचक के रूप में है पहचान बनाने में कामयाब हो गई.
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5. देवी कृष्ण प्रिया : भगवान श्री कृष्ण के नगरी मथुरा के ब्राह्मण परिवार में 26 जनवरी 1997 को जन्मी देवी कृष्ण प्रिया बहुत ही प्रसिद्ध कथावाचक है. देवी कृष्ण प्रिया को बचपन से ही वेद पुराणों से लगाव था. 4 वर्ष की उम्र से भी देवी कृष्ण प्रिया भागवत जी की आरती करती थी. उनके बारे में बताया जाता है कि महज 10 वर्ष की आयु में इन्होंने पहली बार कथावाचन किया. भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में इन्होंने अपनी बड़ी धार्मिक पहचान बनाई है.