8 मिनट पहले
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फिल्ममेकर राम गोपाल वर्मा की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। मंगलवार को मुंबई की अंधेरी मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उन्हें चेक बाउंस मामले में तीन महीने की सजा सुनाई। यह मामला पिछले सात सालों से चल रहा था। हालांकि, राम गोपाल वर्मा कोर्ट में मौजूद नहीं थे। बता दें, उन्होंने हाल ही में अपनी नई फिल्म ‘सिंडिकेट’ का भी ऐलान किया है।
इंडिया टुडे के मुताबिक, कोर्ट ने कहा, ‘इस मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी गैरहाजिर था, जिसके चलते उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी करने का आदेश दिया गया है। साथ ही राम गोपाल वर्मा को शिकायतकर्ता को तीन महीने के भीतर 3 लाख 72 हजार 219 रुपए का मुआवजा देने का भी आदेश दिया गया है। अगर ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें तीन महीने की सजा और भुगतनी होगी।’
बता दें, जिस अपराध के तहत राम गोपाल वर्मा को यह सजा सुनाई गई है, वह नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत आता है।
जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल, 2018 में श्री नाम की एक कंपनी ने महेशचंद्र मिश्रा के जरिए रामगोपाल वर्मा के खिलाफ केस दर्ज कराया था। यह मामला डायरेक्टर की फर्म कंपनी से जुड़ा हुआ है। इस मामले में जून 2022 में वर्मा को अदालत की ओर से 5,000/- रुपए की पीआर और नगद सुरक्षा पर जमानत दी गई थी।
इसके अलावा कोविड-19 के दौरान वित्तीय संकट के कारण रामगोपाल वर्मा को अपना कार्यालय भी बेचना पड़ा था।