भगवान गणेश | Image:
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Ganesh Puja Vidhi: सनातन धर्म में बुधवार के दिन भगवान गणेश को पूजा जाता है। मान्यता है कि बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा और व्रत करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। वहीं आज से नए साल 2025 की शुरुआत भी हो रही है। ऐसे में आज का दिन गणेश भक्तों के लिए बेहद खास है।
दरअसल, भगवान गणेश जी की पूजा को सभी देवी-देवताओं की पूजा में प्रथम स्थान दिया गया है। किसी भी शुभ और मांगलिक कार्य शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से किसी भी कार्य में आ रही बाधा दूर होती है। ऐसे में आप इस विधि के साथ गणेश भगवान की पूजा कर सकते हैं। साथ ही आप उनकी आरती और विभिन्न मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं।
भगवान गणेश की पूजा विधि (Ganeshji ki puja vidhi)
- बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करने के लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करें।
- इस दिन हरे या पीले रंग के वस्त्र धारण करें।
- इसके बाद पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुख करके बैठें और फिर भगवान गणेश की पूजा शुरू करें।
- भगवान गणेश को दीप, फूल, कपूर, धूप, रोली, लाल चंदन और मोदक आदि अर्पित करें।
- इसके बाद भगवान गणेश जी को सूखे सिंदूर का तिलक लगाएं। इससे बप्पा बेहद खुश हो जाते हैं।
- भगवान गणेश जी को ताजी दूर्वा की गांठ जरूर चढ़ाएं। ये भगवान गणेश को काफी प्रिय है। इसके बिना गणेश पूजा अधूरी मानी जाती है।
- इन सबके बाद श्री गणेश जी की आरती कर उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए।
- पूजा के आखिर में गणेश जी को मोतीचूर के लड्डू या मोदक का भोग लगाकर, घर के सभी सदस्यों में प्रसाद बांटें।
भगवान गणेश की आरती (Ganeshji ki aarti)
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
गणेश मंत्र (Ganeshji ke mantra)
- ॐ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा॥ - ॐ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात्॥
- ॐ गं गणपतये नमो नमः।
- ॐ गं गणपतये नमः।
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