पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में यूनिवर्सिटी में मचाया हंगामा।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में नमाज विवाद शांत नहीं हो रहा है। इस केस में NSS क पूर्व कोआर्डिनेटर प्रो. दिलीप झा की गिरफ्तारी के बाद अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की तैयारी चल रही है। ऐसे में शुक्रवार को NSS के छात्र प्र
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शुक्रवार को छात्रों ने यूनिवर्सिटी का घेराव कर दिया और जमकर नारेबाजी करते हुए हंगामा मचाया। वहीं, दूसरी तरफ ABVP के छात्र नेताओं ने इसे यूनिवर्सिटी प्रबंधन द्वारा प्रायोजित आंदोलन बताया है।
दरअसल, राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) कैंप में 155 हिंदू छात्रों को सामूहिक नमाज पढ़ाने के मामले में पूर्व कोऑर्डिनेटर प्रोफेसर दिलीप झा की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में जांच तेज हो गई है। यूनिवर्सिटी के बाकी प्रोफेसर को भी अपनी गिरफ्तारी का डर सता रहा है। क्योंकि, पुलिस ने दिलीप झा सहित 8 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
छात्रों ने यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक भवन के सामने एकत्र होकर प्रोफेसर झा की गिरफ्तारी और उन पर लगे आरोपों का विरोध किया। छात्रों का कहना है कि कैंप में सभी धर्मों का सम्मान किया गया और ‘सर्वधर्म समभाव’ की भावना से गतिविधियां संचालित की गई थी।
नमाज विवाद पर प्रोफेसर के समर्थन में उतरे छात्र।
यूनिवर्सिटी की छवि धूमिल करने का आरोप
छात्रों ने इसे विश्वविद्यालय और NSS की छवि धूमिल करने की साजिश बताया। छात्रों ने कुलपति के नाम ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि 26 मार्च से 1 अप्रैल 2025 तक शिवतराई, कोटा में आयोजित सात दिवसीय एनएसएस शिविर सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
शिविर में 159 छात्र-छात्राओं ने सहभागिता की थी। ज्ञापन में यह भी स्पष्ट किया गया है कि विवाद खड़ा करने वाले कुछ लोग संगठन और विश्वविद्यालय की छवि खराब करने का प्रयास कर रहे हैं।
प्रबंधन पर छात्रों को भड़काने का आरोप
इधर, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने स्पष्ट रूप से निष्पक्ष जांच की मांग की है। संगठन का कहना है कि नमाज़ मामले में दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। ABVP के यूनिवर्सिटी इकाई अध्यक्ष आराध्य तिवारी ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि कुलपति लंबे समय से ABVP विरोधी रुख अपनाए हुए हैं।
उन्होंने पहले भी छात्र-शिक्षक विवाद और हॉस्टल मामले में ABVP कार्यकर्ताओं के साथ हुई मारपीट को उठाया। तिवारी ने कहा कि वर्तमान नमाज़ प्रकरण में विश्वविद्यालय प्रशासन जानबूझकर छात्रों को भड़का रहा है और आंदोलन को समर्थन दे रहा है, जिससे निष्पक्षता संदेह के घेरे में है।

छात्रों ने यूनिवर्सिटी को बदनाम करने के लगाए आरोप।
प्रोफेसर और छात्रों का आज होगा बयान
कोटा थाना प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि पुलिस ने मामले में प्रोफेसर दिलीप झा, डा. मधुलिका सिंह, डा. ज्योति वर्मा, डा. नीरज कुमारी, डा. प्रशांत वैष्णव, डा. सूर्यभान सिंह, डा. बसंत कुमार और टीम कोर लीडर आयुष्मान चौधरी को नोटिस जारी कर बयान देने के लिए बुलाया।
तब डा. मधुलिका सिंह, डा. ज्योति वर्मा, डा. नीरज कुमारी, डा. प्रशांत वैष्णव, डा. सूर्यभान सिंह, डा. बसंत कुमार और टीम कोर लीडर आयुष्मान चौधरी ने परीक्षा का हवाला देकर तीन मई तक का समय मांग लिया। इस मामले में प्रोफेसर व छात्र शनिवार को बयान देंगे, जिसके बाद पुलिस कार्रवाई करेगी।