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नई दिल्ली7 दिन पहले
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कल यानी 3 सितंबर 2025 को टैक्स सिस्टम में बड़े बदलाव का ऐलान किया।
लग्जरी कारों पर GST को 28% से बढ़ाकर 40% कर दिया गया है, लेकिन इसके बाद भी मर्सिडीज-बेंज, बीएमडब्ल्यू और ऑडी जैसी लग्जरी गाड़ियां थोड़ी सस्ती हो सकती हैं।
ऐसा इसलिए क्योंकि नए टैक्स स्लैब में GST से पहले लगने वाले कॉम्पेनसेशन सेस को खत्म कर दिया गया है। वहीं छोटी कारों पर GST कम होने से करीब 60,000 रुपए की बचत होगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कल यानी 3 सितंबर 2025 को टैक्स सिस्टम में बड़े बदलाव का ऐलान किया। नई दरें 22 सिंतबर से लागू होंगी।
राज्यों को नुकसान से बचाने लगाया था कॉम्पेन्सेशन सेस
कॉम्पेन्सेशन सेस एक तरह का अतिरिक्त टैक्स है, जो सरकार कुछ खास सामानों पर लगाती है ताकि राज्यों को मुआवजा दे सके। 2017 में जब GST (वस्तु एवं सेवा कर) लागू हुआ था, तब कई राज्यों को लगता था कि उनके टैक्स से होने वाली कमाई कम हो जाएगी।
इसे पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने कॉम्पेन्सेशन सेस शुरू किया, जो महंगी गाड़ियों, सिगरेट, शराब जैसे लग्जरी या हानिकारक सामानों पर लगाया जाता था। यह टैक्स GST के ऊपर अतिरिक्त होता है और इससे जमा हुआ पैसा राज्यों को उनके नुकसान की भरपाई के लिए दिया जाता था।

पहले लग्जरी कारों पर 17-22% तक का सेस लगता था
पहले लग्जरी कारों पर 28% GST के साथ 17-22% तक का सेस लगता था, जिससे कुल टैक्स 50% तक पहुंच जाता था। इससे लग्जरी कारें काफी महंगी हो जाती थीं।
उदाहरण के लिए, अगर मर्सिडीज की कीमत पहले 1 करोड़ रुपए थी, तो उस पर करीब 50 लाख रुपए टैक्स देना पड़ता था। अब यह 40 लाख रुपए तक सीमित हो सकता है।
अब सरकार ने 4,000 मिमी से लंबी या 1,500 सीसी से ज्यादा क्षमता वाली गाड़ियों पर GST 28% से बढ़ाकर 40% कर दिया है। यानी, टैक्स बढ़ा दिया है, लेकिन सेस हटा दिया है।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि सेस हटाने के कारण पहले और अब में ज्यादा अंतर नहीं आएगा। कुल मिलाकर ये गाड़ियां थोड़ी सस्ती हो सकती हैं, लेकिन फर्क ज्यादा नहीं होगा।
छोटी कार और 350cc तक की बाइक्स सस्ती होंगी
- 1,200 सीसी तक पेट्रोल या 1,500 सीसी तक डीजल गाड़ियों पर जीएसटी को 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है। इससे मारुति स्विफ्ट, ऑल्टो और नेक्सॉन जैसी छोटी गाड़ियां करीब 60,000 रुपए तक सस्ती हो सकती हैं।
- इसके अलावा 350cc तक की बाइक जैसे होंडा शाइन, एक्टिवा भी सस्ती हो जाएंगी। कॉमर्शियल व्हीकल्स जैसे बसें, ट्रक और एम्बुलेंस भी 28% से घटकर 18% GST के दायरे में आ गए हैं।
22 सितंबर से पहले बनी कारों पर ITC मांग रहे कार डीलर्स
सूत्रों के मुताबिक कार डीलर्स ने सरकार से 22 सितंबर से पहले बनी हुई कारों पर इनपुट टैक्स क्रेडिट की डिमांड की है। डीलर्स के मुताबिक न पुरानी स्टॉक वाली कारों पर 28% GST लगा हुआ है, जबकि नई दरों के हिसाब से अब वही कारें 18% GST पर बिकेंगी।
इससे पुरानी कारों के दाम ज्यादा रहेंगे, जबकि नई कारों के दाम कम हो जाएंगे, जिससे ग्राहक पुरानी स्टॉक वाली कारें नहीं खरीदेंगे। इस नुकसान की भरपाई के लिए डीलर्स ने ITC की मांग की है।
इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) क्या है?
इनपुट टैक्स क्रेडिट एक तरह का टैक्स रिफंड है। जब कोई व्यापारी सामान खरीदता है, तो उस पर GST चुकाता है। फिर जब वह उसी सामान को आगे ग्राहक को बेचता है, तो उससे भी GST वसूलता है। इनपुट टैक्स क्रेडिट के तहत, व्यापारी को अपने ग्राहक से वसूले गए GST में से, खरीदे गए सामान पर पहले से चुकाया गया GST घटाने की छूट मिलती है। इससे उसे पूरे GST का भुगतान नहीं करना पड़ता, बल्कि सिर्फ बचे हुए हिस्से का भुगतान करना होता है।
उदाहरण के लिए, अगर कोई कार डीलर 10 लाख रुपए में कार खरीदता है और उस पर 2.8 लाख रुपए का GST (28%) चुकाता है, तो कार की कुल कीमत 12.8 लाख रुपए हो जाती है। अब वह उसी कार को 11 लाख रुपए में ग्राहक को बेचता है और उस पर 3.08 लाख रुपए का GST वसूलता है। इस तरह कार की कुल कीमत 14.08 रुपए हो जाती है।
ITC के नियम के अनुसार, डीलर को 3.08 लाख रुपए में से पहले के चुकाए गए 2.8 लाख रुपए वापस मिल जाते हैं। इस तरह, उसे सरकार को सिर्फ 1 लाख रुपए (3.08 लाख – 2.8 लाख) का ही भुगतान करना पड़ता है। यह व्यवस्था दोहरा टैक्स लगने से बचाती है और कारोबार को सस्ता बनाती है।
————————————————————— ये खबर भी पढ़ें रोटी, पराठा, दूध, हेल्थ-लाइफ इंश्योरेंस टैक्स फ्री:GST के अब केवल दो स्लैब 5% और 18%; 22 सितंबर से लागू होंगे बदलाव

अब GST के 4 की जगह केवल दो स्लैब 5% और 18% होंगे। इससे आम जरूरत की चीजें जैसे साबुन, शैंपू के साथ AC, कार भी सस्ते होंगे। GST काउंसिल की 56वीं मीटिंग में इस पर फैसला लिया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 3 सितंबर को इसकी जानकारी दी।
वित्त मंत्री सीतारमण ने बताया कि दूध, रोटी, पराठा, छेना समेत कई फूड आइटम GST फ्री होंगे। वहीं इंडिविजुअल हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर भी टैक्स नहीं लगेगा। 33 जीवन रक्षक दवाएं, दुर्लभ बीमारियों और गंभीर बीमारियों के लिए दवाएं भी टैक्स फ्री होंगी। पूरी खबर पढ़ें…