यूक्रेन से भेजी गई वीडियो में नजर आते हरियाणा-पंजाब के युवक।
यूक्रेन में फंसे हरियाणा और पंजाब के युवकों के सोशल मीडिया अकाउंट भी डिलीट कर दिए गए हैं। सबसे पहले वॉट्सऐप डिलीट किया गया है। इसके बाद से फेसबुक या इंस्टाग्राम के जरिए भी वह कोई रिस्पांस नहीं दे रहे हैं।
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इससे परिजनों व ग्रामीणों को शक है कि सभी सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट करवा दिए हैं। वहीं, दूसरी तरफ फतेहाबाद के दोनों युवक अंकित व विजय के परिजन चंडीगढ़ और दिल्ली गए हैं।
दिल्ली में रूस एंबेसी, रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय में जाकर युवकों को छुड़वाने की गुहार लगाएंगे। वहीं, चंडीगढ़ में भी हरियाणा सरकार से इस मामले में और तेजी से कदम उठाने का आग्रह करेंगे। युवकों से सूचना पाने के बाद से परिवार बेहद चिंतित है। हर कहीं से मदद पाने के लिए लगातार BJP नेताओं व अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं।
बुधवार रात विजय ने फेसबुक मैसेंजर के जरिए अपने साथी रमेश कुमार के पास मैसेज भेजा। जिसमें उसने बताया कि वॉट्सऐप डिलीट कर दिया है। इस मैसेज को रमेश कुमार ने गुरुवार सुबह देखा। सुबह 5 बजकर 7 मिनट पर रमेश ने उसे टेंशन नहीं लेने और समाधान करने के बारे में रिप्लाई किया। मगर उस रिप्लाई को अभी विजय ने सीन नहीं किया है और न ही कोई रिस्पांस दिया है।

यूक्रेन से विजय द्वारा बुधवार रात फेसबुक से भेजा गया मैसेज।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बोले- हमने रूसी अधिकारियों से बात की
रूसी सेना में भारतीयों की भर्ती को लेकर केंद्र सरकार ने अपना बयान जारी किया है। मामले से जुड़े मीडिया के सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को कहा कि हमने हाल ही में रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती के बारे में रिपोर्ट देखी हैं। सरकार ने पिछले एक साल में कई मौकों पर इस तरह की कार्रवाई में निहित जोखिमों और खतरों को रेखांकित किया है।
इसके हिसाब से ही भारतीय नागरिकों को आगाह भी किया गया है। हमने दिल्ली और मॉस्को दोनों जगहों पर रूसी अधिकारियों के साथ भी यह मामला उठाया है। हमने अनुरोध किया है कि इस प्रथा को समाप्त किया जाए। हमारे नागरिकों को वापस भेजा जाए। हम प्रभावित भारतीय नागरिकों के परिवारों के संपर्क में भी हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने लोगों से जान जोखिम में डालने वाले किसी भी प्रस्ताव से दूर रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि, हम अपने नागरिकों से अनुरोध करते हैं कि वे सतर्क रहें। हम भारतीय नागरिकों से अपील करते हैं कि वे रूसी सेना में शामिल होने के किसी भी प्रस्ताव से दूर रहें। ऐसा करना जान जोखिम में डालने या खतरे से खेलने जैसा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा एक्स पर जारी बयान।
4 वीडियो भेजकर लगाई जान बचाने की गुहार
गौरतलब है कि हरियाणा-पंजाब के कई युवक रूस में थे। उन्हें जबरदस्ती रूसी सेना में भर्ती कर यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में भेजा जा रहा है। इनमें शामिल हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गांव कुम्हारिया निवासी 2 युवकों ने अपने परिजनों को चार वीडियो भेजे, जिनमें मदद की गुहार लगाई गई है। फतेहाबाद के अंकित और विजय के साथ पंजाब के मोगा जिले के बूटा सिंह, जम्मू के सुनील शर्मा व सचिन शामिल हैं।
वीडियो में कहा गया कि- हमारे पास 2-3 दिन ही बचे हैं। फिर हमें युद्ध में धकेल दिया जाएगा। यहां से जो भी जा रहा है, वह वापस नहीं आ रहा। पहले 13-14 साथी गए थे, वे भी मारे गए। फतेहाबाद के अंकित जांगड़ा व विजय पूनिया ने वीडियो में बताया कि वे महिला के दिए नौकरी के लालच में रूसी सेना में आकर यूक्रेन में फंस गए हैं।
उन्होंने सोमवार शाम को परिवार को वॉट्सऐप कॉल कर वहां से निकालने की गुहार लगाई है। परिवार का कहना है कि 15 लोगों के बैच में उनके साथ यूपी, पंजाब, जम्मू-कश्मीर के भी युवक फंसे हैं। सभी को रूस के खिलाफ युद्ध में भेजने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

सरकार से बेटे की वापसी करवाने की गुहार लगाता अंकित जांगड़ा का परिवार।
सिलसिलेवार जानिए पूरा मामला..
- फरीदाबाद के एजेंट के जरिए स्टडी वीजा पर गए थे दोनों युवक: गांव कुम्हारिया के अंकित जांगड़ा (23) और विजय पूनिया (25) स्टडी वीजा पर रूस गए थे। अंकित के भाई रघुवीर ने बताया कि सोमवार को अंकित की कॉल आई थी। उसके साथ तब विजय भी था। अंकित ने उधर से कहा, हमें बचा लो। हमारे पास एक- दो दिन ही बचे हैं। इसके बाद हमें युद्ध में भेज दिया जाएगा। रघुवीर के अनुसार, अंकित का कहना है कि उन्हें अभी यूक्रेन में रूस सीमा से 300 किलोमीटर दूर सोलीडेव के जंगल में रखा हुआ है।
- 12वीं के बाद गया अंकित: रघुवीर ने बताया कि अंकित 12वीं की पढ़ाई पूरी कर 14 फरवरी 2025 को स्टडी वीजा पर रूस गया था। इसमें फरीदाबाद की एजेंट ने उनकी मदद की थी। अंकित ने मॉस्को के एमएसएलयू कॉलेज में लेंग्वेज कोर्स में दाखिला लिया था। अंकित के पिता रामप्रसाद ने बताया कि अंकित ने पढ़ाई के दौरान फ्री टाइम में किसी रेस्टोरेंट में हेल्पर का काम शुरू किया, ताकि अपना खर्चा निकाल सके।
- दोबारा बिजनेस वीजा से गया विजय: विजय पुनिया जुलाई 2024 में स्टडी वीजा पर गया था। वीजा एक्सटेंड नहीं हुआ तो एक महीने बाद वापस आ गया था। फिर अक्टूबर 2024 में दोबारा गया। 6 महीने रहकर मार्च के आखिर में वापस गांव आया। इसके बाद 15 जुलाई 2025 को विजय एक साल का बिजनेस वीजा लगवाकर रशिया गया। परिवार का कहना है कि लोन लेकर उसे विदेश भेजा है।

- रूस में महिला ने लालच देकर फंसाया: रघुवीर ने बताया कि एक महिला ने अंकित व विजय के साथ अन्य 13 लोगों को रशियन आर्मी में नौकरी दिलाने की लालच दिया था। 15 लोगों का एक बैच बनाया गया।
- सिर पर कमांडो तैनात: रामप्रसाद ने बताया कि इसके बाद उनके बेटे व उसके साथियों को जंगल में अंडरग्राउंड बंकरों में ले जाकर छोड़ दिया गया है। उनके ऊपर कमांडो तैनात किए हुए हैं। अगर कोई वहां से जाने की बात करता है, तो उन्हें जान से मारने की धमकी देते हैं। उनके साथ रह रहे 5 लोगों की मौत हो चुकी है।
- महिला को कॉल की तो बोली- वे तो मर गए: गांव के ही एक युवक ने मंगलवार को जाॅब दिलाने वाली को वॉट्सऐप पर कॉल की। महिला ने कहा कि अंकित और विजय तो मर गए हैं। उनकी मौत को चार-पांच दिन हो चुके हैं। जबकि सोमवार को ही परिवार की अंकित से बात हुई थी। इसके बाद महिला ने नंबर ब्लॉक कर दिया।