Holika Dahan 2025: ज्यादातर लोगों को लगता है कि होलिका दहन वाले दिन होलिका की पूजा होती है। लेकिन ऐसा नहीं है बता दें कि होलिका दहन के दिन होला माता की पूजा की जाती है। होला और होलिका दोनों ही एक दूसरे से बेहद अलग हैं। इस साल होलिका दहन 13 मार्च को पूजा जाएगा। ऐसे में लोग आग जलाकर उसके चारों तरफ परिक्रमा करते हैं और सुख समृद्धि की कामना करते हैं। बता दें कि होलिका जलाई जाती है वहीं दूसरे दिन होला माता की पूजा करते हैं। ऐसे में होला माता के महत्व के बारे में पता होना जरूरी है।
आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि कौन हैं होला माता और उनकी पूजा क्यों की जाती है। पढ़ते हैं आगे…
पौराणिक कथा के मुताबिक, जब होलिका प्रहलाद को लेकर अग्नि में बैठीं। तब उसे नहीं पता था कि वह भी जल जाएगी और ब्रह्मदेव से मिला वरदान खंडित हो जाएगा। ऐसे में जब चिता लगाई गई तो प्रहलाद हरि विष्णु का नाम लेने लगे। विष्णु की भक्ति के कारण वह बच गए। लेकिन होलिका भस्म हो गई। शास्त्रों के मुताबिक, जब होलिका भस्म हुई तो उसकी नकारात्मकता अग्नि से बाहर आने लगी ऐसे में अग्नि देव ने अपनी उर्जा प्रकट की जिससे सकारात्मक और तेज ऊर्जा नकारात्मक ऊर्जा को खत्म कर सके। उस ऊर्जा ने देवी रूप धारण किया जिसका काम था होली की नकारात्मक शक्तियों को नष्ट करना। तभी से होलिका दहन के अगले दिन होला माता की पूजा होती है और कहते हैं उनकी पूजा करने से घर में धन-धान्य का वास होता है। इसके अलावा मान्यता है कि यदि आप अपने घर की नकारात्मक शक्तियों को दूर करना चाहते हैं तो ऐसे में होलिका दहन वाले दिन कुछ उपायों को करके आप अपनी शक्तियों को दूर कर सकते हैं।