Sunday, June 15, 2025
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HTS लड़ाका बोला– असद सामने आया तो सिर उड़ा दूंगा: 15 साल का था जब बंदूक उठाई, हमने शेर के जबड़े से आजादी छीनी


‘15 साल का था, जब पहली बार बंदूक उठाई थी। असद के लिए मन में बहुत गुस्सा था। उसने मेरे परिवार के लोग मार दिए, दोस्तों को मार दिया। अब्बू से कहा कि मुझे जंग में शामिल होना है, तो वे बहुत खुश हुए। 10 साल जंग लड़ी, तब जाकर फतह मिली है। आज अगर असद मेरे साम

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सीरिया में सरकार चला रहे हयात तहरीर अल-शाम यानी HTS का लड़ाका महमूद बहुत गुस्से में ये बात कहता है। राजधानी दमिश्क में कवरेज के दौरान एक चर्च के बाहर महमूद से हमारी मुलाकात हुई थी। उसके जरिए हमने जाना कि HTS कैसे कम उम्र के लड़कों को भर्ती कर लड़ाका बनाता है। किस तरह की ट्रेनिंग देता है। उनकी निजी जिंदगी कैसी होती है। पढ़िए पूरा इंटरव्यू…

सवाल: अपने बारे में बताइए, आपका बचपन कैसा था? जवाब: मैं सीरिया के इदलिब प्रांत में पैदा हुआ था। मेरा परिवार अब भी वहीं रहता है। मैं 26 साल का हूं। 9वीं क्लास तक पढ़ाई की और फिर असद सरकार के खिलाफ चल रही लड़ाई में शामिल हो गया।

सीरिया में गृह युद्ध शुरू हुआ, तब मैं बच्चा था। फिर भी मुझे सब अच्छे से याद है। पूरे देश में खूनखराबा हुआ, सब बर्बाद हो गया। असद क्रिमिनल है। मैंने अपने परिवार के कई लोगों को खो दिया। दोस्तों को खो दिया। उन सभी को असद ने मारा है।

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बच्चे स्कूल पढ़ने जाते हैं, खेलने-कूदने में दिलचस्पी लेते हैं, लेकिन मैं बड़ा हो रहा था, तो घरों के आसपास बम बरस रहे थे। ऐसे हालात में कोई बच्चा कैसे आम जिंदगी जी सकता है। आप कैसे सोच सकते हैं कि वो किसी आम बच्चे की तरह बड़ा होगा।

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सवाल: असद के खिलाफ लड़ाई में क्यों शामिल हुए? जवाब: मेरे पिता पुलिस में थे। गृह युद्ध शुरू हुआ तो उन्हें अपने ही देश के लोगों पर फायरिंग करने और मारने के ऑर्डर दिए गए। उन्होंने ऑर्डर नहीं माना। खूनखराबा और तबाही बढ़ रही थी। अब्बू ये सब देखकर परेशान हो गए। उन्होंने नौकरी छोड़ दी और असद के खिलाफ लड़ाई में शामिल हो गए।

सवाल: असद सरकार से लड़ने के लिए HTS ही क्यों जॉइन किया? जवाब: असद ने सबसे ज्यादा जुल्म इदलिब प्रांत में किए। मैं इदलिब में ही था। वहां गृह युद्ध के शुरुआती दौर में ही विद्रोह शुरू हो गया था। मैंने देखा कि HTS असद आर्मी को कड़ी टक्कर दे रहा है। मुझे लगा कि यही ताकत असद को हरा सकती है।

HTS इदलिब के लोगों के साथ था, वो हमारे सुख-दुख का भागीदार था। इसलिए मेरे लिए HTS जॉइन करना सबसे मुफीद था। मुझे HTS में शामिल हुए 10 साल हो गए हैं। हमने जो सपना देखा था, वो भी पूरा हो गया। मेरे लिए इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता है। अब कोशिश है कि आजादी हासिल करने के बाद इसे बरकरार भी रखा जाए। सीरिया को महान देश बनाएं, जैसा ये पहले था।

सवाल: आपने HTS जॉइन किया, तो फैमिली का रिएक्शन कैसा था? जवाब: मेरे परिवार ने मेरा सपोर्ट किया। मेरे पिता पहले ही लड़ाई में शामिल हो चुके थे। वे बंदूक लेकर असद सरकार के खिलाफ लड़ रहे थे। मेरे पिता ने ही घर में विद्रोह के बीज बो दिए थे। मैंने भी तय किया कि मैं उनके रास्ते पर चलूंगा। मैंने स्कूल छोड़ दिया। अब्बू से कहा कि मैं भी इस लड़ाई में शामिल होना चाहता हूं। HTS जॉइन करना चाहता हूं, तो वे बहुत खुश हुए।

सवाल: HTS में शामिल होने के बाद आपको क्या ट्रेनिंग दी गई? जवाब: कमांडर ने हमें सिखाया कि सीरिया के लोगों को आजादी की लड़ाई लड़नी है। हमें देश को असद से आजाद करवाना है। सीरिया सिर्फ HTS का नहीं है, बल्कि सारे सीरियाई लोगों का है। हमें यही सिखाया और पढ़ाया जाता था।

सवाल: आपको कौन-कौन से हथियार चलाने सिखाए गए? जवाब: HTS में हर लड़ाके को आर्मी की तरह मुश्किल ट्रेनिंग मिलती है। HTS के कमांडर कैंप में ट्रेनिंग देते हैं। ये बहुत थका देने वाली एक्टिविटी होती है। शुरुआत में हमें फिजिकली फिट करने के लिए ट्रेनिंग दी गई। शरीर को मजबूत बनाया गया। इसके बाद हथियारों की ट्रेनिंग शुरू हुई और राइफल, MMG, ग्रेनेड और IED का इस्तेमाल करना सिखाया।

सवाल: आपने पहली बार राइफल उठाई, तब कैसा लगा था? जवाब: मैंने राइफल पकड़ी तो लगा कि मैं असद सरकार को गिरा सकता हूं। उसे मार सकता हूं। मुझे उस दिन से उम्मीद जाग गई कि असद को हराया जा सकता है। वो इतनी जल्दी देश छोड़कर भाग जाएगा, ये नहीं सोचा था। अब वो भाग चुका है, हम जीत गए। हमने जो सोचा था, हम हासिल कर चुके हैं। असद की आर्मी भाग गई। हमने शेर के जबड़े से आजादी छीन ली है।

सवाल: HTS में आपको 10 साल हो गए, कौन सी पुरानी बातें याद आती हैं? जवाब: HTS मेरे लिए देश और सरकार की तरह है। वो लोगों के बारे में सोचता है। अगर आपको हथियार और लड़ाके देखकर लगता है कि हम सिर्फ लड़ाई लड़ते हैं और हथियार चलाते हैं, तो ऐसा नहीं है।

सवाल: HTS की फोर्स दमिश्क की तरफ बढ़ रही थी, क्या आप भी उसका हिस्सा थे? जवाब: अलहमदुल्लिलाह… मुझे गर्व है कि मैं जंग का हिस्सा था। हमने इदलिब से लड़ाई शुरू की और अलेप्पो, होम्स होते हुए दमिश्क में घुस गए। हमारी लड़ाई सिर्फ असद सरकार से नहीं थी। अगर अकेले असद होता तो कब का हार चुका होता। हमारी लड़ाई असद के सहयोगी हिजबुल्लाह, ईरान, इराक और रूसी फोर्स से भी थी। वे सब मिलकर लड़ रहे थे और हम अकेले थे।

सवाल: जब आपको पहली बार पता चला कि असद भाग गया है और सीरिया में सरकार गिर गई है, तो आपका रिएक्शन क्या था? जवाब: जैसे ही खबर मिली की असद भाग गया और हम जीत गए हैं, एक झटके में मुझे HTS में बिताए सारे पल याद आ गए। मैंने अपने साथियों को खोया, उनकी शहादत मेरे जेहन में बार-बार आ रही थी।

सवाल: आप सीरिया का कैसा भविष्य देखते हैं? जवाब: हम सीरिया के लोगों के लिए एक सुरक्षित राष्ट्र बनाना चाहते हैं। देश को आगे बढ़ते देखना चाहते हैं।

सवाल: सीरिया को शरिया कानून से चलना चाहिए या सेक्युलर बनना चाहिए? जवाब: सबसे पहले हमें देश को संभालना है। यहां के सभी लोगों को सुरक्षा और खुशी देनी है। हम सीरिया के बारे में सोचते हैं, तो इसका मतलब सिर्फ HTS नहीं होता, बल्कि हम सभी के साथ मिलकर चलना चाहते हैं और काम करना चाहते हैं। हमारे सीरिया में सभी समुदायों जैसे क्रिश्चियन और शिया सबके लिए जगह है।

सवाल: HTS चीफ अबु जुलानी के बारे में क्या सोचते हैं? जवाब: मैं उन्हें शुक्रिया कहना चाहता हूं। अल्लाह से दुआ करता हूं कि उन्हें लंबी उम्र दे, ताकि वे सीरिया को महान बना सकें।

सवाल: बशर-अल-असद के लिए क्या मैसेज है? जवाब: अगर असद मेरे सामने आ जाए, कहूंगा कुछ नहीं, राइफल उसकी सिर पर रखूंगा और फायर कर दूंगा।

लड़ाकों को सेना में शामिल करेगा HTS 2017 में बना हयात तहरीर अल-शाम 5 छोटे विद्रोही गुटों से मिलकर बना था। इसके पास 15 हजार से ज्यादा लड़ाके हैं। HTS के नेता अबु मोहम्मद अल जुलानी ने दमिश्क पर कब्जे के बाद कहा कि हम संगठन से जुड़े लड़ाकों को सेना में भर्ती कराएंगे। इसके लिए उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी। मॉस्को टाइम्स के मुताबिक, अबु जुलानी ने कहा कि हम अल्पसंख्यकों से कहना चाहते हैं कि हमारे लड़ाके आपकी रक्षा करेंगे।

अल जुलानी ने कहा, ‘सीरिया अब जंग से थक गया है। उससे अब किसी पड़ोसी या पश्चिम के देशों को खतरा नहीं है। पश्चिमी देशों को सीरिया पर लगे प्रतिबंध हटा देने चाहिए क्योंकि उन्हें पुरानी सरकार से परेशानी थी। उनसे और हमसे एक जैसा बर्ताव नहीं किया जा सकता।’

यूनाइडेट नेशंस, अमेरिका, यूरोपीय यूनियन और ब्रिटेन HTS को आतंकवादी संगठन मानते हैं। इसकी वजह HTS का अल-कायदा से जुड़ाव है। 2016 में अल-कायदा में फूट के बाद अबु जुलानी ने हयात तहरीर अल-शाम नाम से अलग संगठन बनाया था।

अल जुलानी ने HTS से आतंकी संगठन का टैग हटाने की भी अपील की है। उसने कहा कि HTS आतंकवादी संगठन नहीं है। हमने कभी आम लोगों को टारगेट नहीं किया।

अल जुलानी ने कहा कि हम सीरिया को अफगानिस्तान नहीं बनाना चाहते। दोनों बहुत अलग मुल्क हैं। दोनों के रिवाज बिल्कुल अलग हैं। अफगानिस्तान में कबायली समाज है। सीरिया में अलग सोच है। हम महिलाओं को पढ़ाने में यकीन रखते हैं। इदलिब में यूनिवर्सिटी चल रही है। इनमें 60% से ज्यादा लड़कियां पढ़ रही हैं।

अमेरिका ने HTS लीडर से इनाम हटाया अमेरिका ने HTS चीफ अल जुलानी पर रखा 10 मिलियन डॉलर (करीब 85 करोड़ रुपए) का इनाम हटा लिया है। अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, सीरिया में HTS नेताओं के साथ मीटिंग के बाद अमेरिकी डेलिगेशन ने यह फैसला लिया।

अमेरिका भी सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से हटाना चाहता था। असद सरकार गिरने के बाद अमेरिकी डेलिगेशन सीरिया पहुंचा और HTS चीफ से मुलाकात की। अमेरिका ने 2018 में HTS को आतंकी संगठन घोषित किया था।

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सीरिया से ये स्टोरी भी पढ़िए

1. क्रिश्चियन, शिया और अलावी तीनों को HTS से डर, बोले- वे ISIS-अल कायदा से जुड़े थे

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2. असद की कसाईखाना जेल, जहां 30,000 कैदियों को मिली मौत

दमिश्क से करीब 40 किमी दूर एक पहाड़ी पर बनी है सेडनाया जेल। यहां असद विरोधियों को कैद रखा जाता था। जुर्म न कबूलने पर हाथ-पैर काट दिए जाते थे। एक प्रेशर मशीन भी थी, टॉर्चर के दौरान कैदियों को इसमें रखकर दबाया जाता। एमनेस्टी इंटरनेशनल और UN के मुताबिक, इस जेल में करीब 30,000 कैदियों को मारा गया। पढ़ें पूरी खबर…



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