एमवाय अस्पताल के एनआईसीयू में चूहों के दो नवजातों को काटे जाने पर मौत हो गई थी।
एमवाय अस्पताल में चूहों के कुतरने से हुई दो नवजातों की मौत को हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। 15 दिन बाद भी कठोर कार्रवाई नहीं होने पर हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस दिया है। पूरे मामले की स्टेटस रिपोर्ट 15 सितंबर तक मांगी है। इस नोटिस के बाद अस्पताल अधी
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न्यायमूर्ति विवेक रूसिया और न्यायमूर्ति जेके पिल्लई की युगल पीठ ने इस मामले को नवजातों के मौलिक अधिकारों और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ा मानते हुए स्वतः संज्ञान लिया।
कोर्ट ने यह भी नोट किया कि सफाई और पेस्ट कंट्रोल करने वाली निजी कंपनी एजाइल सिक्योरिटी के खिलाफ ठोस दंडात्मक कार्रवाई नहीं की गई, जबकि उसकी लापरवाही से यह दर्दनाक हादसा हुआ।
हाईकोर्ट का रुख देखते हुए प्रमुख सचिव (लोक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा) ने एजाइल कंपनी को हटाने के निर्देश दे दिए। पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ. बृजेश लाहोटी को पद से हटा दिया। प्रभारी एचओडी डॉ. मनोज जोशी को सस्पेंड कर दिया है।
हाईकोर्ट ने सरकार से ये जवाब मांगे
- मामले में अब तक क्या कार्रवाई हुई है?
- वर्तमान स्थिति क्या है?
- अब तक किन-किन जिम्मेदारों पर क्या-क्या कार्रवाई की गई है?

NICU में नवजातों को इन्हीं इंक्यूबेटर में रखा गया था। चूहों ने उनके हाथ कुतर दिए थे।
मामले को शुरू से दबाने की कोशिश वरिष्ठ अधिकारियों तथ्यों को दबाने की कोशिश की। उन्होंने यह दावा किया कि नवजातों की मौत गंभीर बीमारी के कारण हुई है, न कि चूहों के काटने से। बताया गया कि बच्चों के अंग पूरी तरह विकसित नहीं थे।
धार निवासी दंपती के नवजात की मौत को लेकर भी गलत जानकारी दी गई। तत्कालीन कलेक्टर आशीष सिंह और मेडिकल एजुकेशन कमिश्नर तरुण राठी को भी गलत फीडबैक देकर गुमराह किया गया कि पोस्टमॉर्टम हो गया है और रिपोर्ट में चूहे के काटने का जिक्र नहीं है। इसी आधार पर दोनों अधिकारियों ने मीडिया को गलत जानकारी दी।
चार सदस्यीय जांच समिति ने रिपोर्ट दी थी 3 सितंबर को गठित चार सदस्यीय जांच समिति ने मेडिकल एजुकेशन कमिश्नर तरुण राठी को रिपोर्ट दी थी, जिसके आधार पर प्रमुख सचिव संदीप यादव ने एचएलएल इंफ्राटेक सर्विसेज (HITES) को एजाइल सिक्योरिटी का अनुबंध रद्द करने के निर्देश दिए। एजाइल को अस्पताल की सफाई, सुरक्षा और पेस्ट कंट्रोल की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

एजाइल सिक्योरिटी का एमओयू (एग्रीमेंट) खत्म करने का निर्देश दिया गया।
दैनिक भास्कर के खुलासे से सामने आया सच मामले की सच्चाई सामने तब आई जब ‘दैनिक भास्कर’ ने डिजिटल सबूत जुटाकर सीएमओ रूम में वीडियो के जरिए से यह स्पष्ट किया कि नवजात का पोस्टमॉर्टम हुआ ही नहीं था।
इसके बाद 6 सितंबर को परिजन के आने पर पोस्टमॉर्टम कराया गया। सबसे बड़ा खुलासा तब हुआ जब परिजन देर रात शव लेकर गांव पहुंचे और पैकिंग खोलने पर देखा कि चूहे उसके एक हाथ की चार उंगलियां पूरी तरह खा चुके थे।

परिजन को बॉक्स में नवजात का शव रखकर दिया था। घर जाकर बॉक्स खोला तो उसकी चार उंगलियां नहीं थी।
जिम्मेदारों ने जो एक्शन लिया उसमें भी गड़बड़ी पकड़ी गई
एजाइल पर पहले सिर्फ मामूली जुर्माना लगाया शुरुआत में एजाइल सिक्योरिटी पर केवल 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया। भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति न होने की चेतावनी दी गई। उसका एमओयू रद्द नहीं किया गया और संवेदनशील जिम्मेदारी के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
छोटे कर्मचारियों पर एक्शन, एजेंसी का बचाव किया पूर्व में डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने दो नर्सिंग ऑफिसरों को सस्पेंड किया था, जबकि नर्सिंग सुपरिटेंडेंट जोसेफ को हटाया गया और छह अन्य को शोकॉज नोटिस जारी किए गए।
इन कर्मचारियों में नाराजगी थी कि मुख्य जिम्मेदारी एजाइल की थी, लेकिन उसे बचाते हुए निचले स्तर के स्टाफ को निशाना बनाया गया। इसके बाद डॉ. महेश कछारिया को असिस्टेंट नर्सिंग सुपरिंटेंडेंट के रूप में नियुक्त किया गया।
मामले में कांग्रेस और जयस शुरू से ही विरोध कर रहे थे और मांग कर रहे थे कि डीन और सुपरिटेंडेंट को सस्पेंड किया जाए और एजाइल कंपनी पर कठोर कार्रवाई हो।
सुपरिटेंडेंट छुट्टी पर, कई अधिकारियों पर कार्रवाई

डॉ. अशोक यादव ने स्वास्थ्य खराब होने का दिया हवाला और छुट्टी ली।
सुपरिटेंडेंट डॉ. अशोक यादव ने 11 सितंबर को स्वास्थ्य खराब होने का हवाला देकर 15 दिन की छुट्टी मांगी और बुधवार को उन्हें अवकाश पर भेजते हुए डॉ. बसंत निंगवाल को कार्यवाहक सुपरिटेंडेंट नियुक्त किया गया। हालांकि चर्चाएं हैं कि उन्हें छुट्टी के नाम पर हटाया गया है।
इसके साथ ही डॉ. मनोज जोशी (प्रभारी एचओडी, पीडियाट्रिक सर्जरी) को सस्पेंड कर दिया गया है।
अब तक हुई नई कार्रवाई
- डॉ. बृजेश कुमार लाहोटी को एचओडी, पीडियाट्रिक सर्जरी के पद से हटाया गया।
- डॉ. अशोक कुमार लाढा को विभाग का प्रभार दिया।
- डॉ. बसंत निंगवाल को प्रभारी सुपरिटेंडेंट नियुक्त किया।
- डॉ. सुमित सिंह को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की देखरेख की जिम्मेदारी दी।
- डॉ. रामू ठाकुर को एचओडी, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग बनाया गया।
पेस्ट कंट्रोल की निगरानी के लिए बनी पांच सदस्यीय समिति इस मामले बुधवार को एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने कॉलेज के अधीन संचालित सभी अस्पतालों और विभागों में पेस्ट कंट्रोल कार्यों की मॉनिटरिंग और समस्याओं के समय-समय पर निराकरण के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है। इसमें डॉ. शैनल कोठारी, डॉ. राजीव लोहोकारे, डॉ. योगिता दीक्षित, डॉ. प्रियंका कियावत और डॉ. पंकज पाराशर सदस्य हैं।
देवास की नवजात की मौत पर परिवार को 5 लाख की सहायता

उधर, देवास की नवजात बच्ची (रेहाना की बेटी) की चूहों के कुतरने से हुई मौत के मामले में भी प्रशासन ने आर्थिक सहायता दी है। बुधवार को जयस के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट लोकेश मुजाल्दा अपने कार्यकर्ताओं और मृत नवजात के परिजनों के साथ कलेक्टर शिवम वर्मा से मिले और आर्थिक सहायता की मांग की।
उन्होंने बताया कि इससे पहले धार के नवजात के परिवार को 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी गई थी। उसी तर्ज पर देवास की बच्ची के परिवार को भी सहायता दी जाए।
इसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर एडीएम रोशन राय ने सहायता राशि जारी करने की प्रक्रिया पूरी की। परिवार को 2 लाख रु. रेडक्रॉस सोसाइटी से और 3 लाख रु. अस्पताल प्रशासन की ओर से चेक के जरिए दिए गए।
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