Jhunjhunu BJP spokesperson Krishnakumar Janu party expulsion ।controversial statement video | BJP-प्रवक्ता का पार्टी पर जाट नेताओं की अनदेखी का आरोप: बोले-जो सतपाल मलिक के साथ हुआ, आपके साथ भी हो सकता है; 6 साल के लिए निकाला – Jhunjhunu News

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भाजपा प्रवक्ता कृष्ण जानू का यह वीडियो सामने आने के बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया।

राजस्थान बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता कृष्णकुमार जानू ने अपनी ही पार्टी और सरकार पर जाट नेताओं की अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो और कंटेंट शेयर किया। इसके कुछ घंटे बाद पार्टी ने उन्हें 6 साल के लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया। शुक्रवा

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यह कार्रवाई उस कारण बताओ नोटिस के बाद हुई। 20 जून को उन्हें कारण बताओ नोटिस दिया गया था। तब उन्होंने ​​​​​​हर्षिनी कुल्हरी को जिलाध्यक्ष नियुक्त करने को लेकर सवाल उठाया था। पार्टी ने माना कि उन्होंने न सिर्फ नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं दिया, बल्कि लगातार सार्वजनिक मंच से संगठन के खिलाफ बयान देते रहे।

पार्टी ने लिए एक्शन..

वीडियो ने बढ़ाई सियासी गर्मी

गुरुवार शाम सोशल मीडिया पर जानू का एक वीडियो सोशल मीडिया पर आया। इसमें उन्होंने जाट समाज से अपील करते हुए कहा- पूर्व राज्यपाल और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे सत्यपाल मलिक के निधन के बाद उनकी अंत्येष्टि में सरकार का तिरस्कारपूर्ण रवैया देखकर मन आहत हुआ। राजकीय सम्मान न देना बेहद दुखद है। आज जो सतपाल मलिक के साथ हुआ, कल आपके साथ भी हो सकता है।

जानू ने इसी वीडियो में उपराष्ट्रपति रहे जगदीप धनखड़ का मामला उठाते हुए कहा- उन्होंने इस्तीफा दिया, लेकिन न विदाई भाषण हुआ, न फेयरवेल पार्टी। यह सरकार का अहंकार है।

उन्होंने मुरली मनोहर जोशी, यशवंत सिन्हा, प्रवीण भाई तोगड़िया, संजय भाई जोशी, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान जैसे नेताओं का नाम लेकर कहा कि पार्टी लगातार अपने अनुभवी नेताओं को किनारे कर रही है।

वीडियो में वे बोले- मैं बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता के साथ जाट महासभा का प्रदेश सचिव भी हूं। सतपाल मलिक जैसे नेता को सम्मान न देना और धनखड़ जी के साथ विदाई में सौजन्य न बरतना दुखद है। पार्टी गलत ट्रैक पर जा रही है।

निष्कासन पर रिएक्शन- प्रवक्ता चुप रहने के लिए नहीं बनाया जाता…

अनुशासनहीनता का पुराना रिकॉर्ड

कृष्णकुमार जानू का यह पहला निष्कासन नहीं है। 2006 में भी उन्हें 6 साल के लिए बाहर किया गया था, जब झुंझुनूं में नए जिलाध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर आए नेताओं से उन्होंने कथित अभद्रता की थी। उस वक्त तत्कालीन मंत्री कालीचरण सर्राफ भी मौजूद थे। 2022 में उनकी पार्टी में वापसी हुई और 2023 में उन्हें प्रदेश प्रवक्ता बनाया गया।

जानू के निष्कासन से झुंझुनूं जिले की राजनीति में हलचल मच गई है। समर्थकों का कहना है कि उन्होंने सच कहा, जबकि विरोधी इसे अनुशासनहीनता करार दे रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह मामला सिर्फ एक नेता को चुप कराने का नहीं, बल्कि राजस्थान में जातिगत समीकरणों के भीतर चल रही खींचतान का संकेत है।

पहले भी अपनी पोस्ट से रहे विवाद में…



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