सलाखों के पीछे खड़े नजर आ रहे इंस्पेक्टर राजेश कुमार।
हरियाणा के कैथल में गुरुवार को एक अनोखा मामला सामने आया। यहां कोर्ट ने हत्या के केस में बार-बार गैरहाजिर रहने पर जांच अधिकारी को एक घंटे की सजा सुना दी।
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अदालत ने इंस्पेक्टर राजेश कुमार को कोर्ट परिसर में ही बंदियों के लिए बने लॉकअप में एक घंटे तक रखा। राजेश कुमार इस समय सिरसा जिले के बड़ागुढा थाने में SHO हैं।
मामला कुछ ऐसा था कि कोर्ट परिसर में मौजूद सभी पुलिसकर्मी कोर्ट का ये आदेश सुन हैरान रह गए। जब तक कोर्ट से लिखित आदेश नहीं आया, तब तक SHO को कैथल कोर्ट के लॉकअप में ही रखा गया।

मामले की जानकारी देते प्रिजनर एस्कॉर्ट इंचार्ज सुरेश कुमार।
अब जानिए क्या था मामला और क्यों लॉकअप में जाना पड़ा…
2021 का हत्या का मामला यह केस सीवन थाना क्षेत्र के गांव ककहेड़ी में हुई हत्या से जुड़ा है। दरअसल, 2021 में यहां मनीष नाम के युवक की हत्या हुई थी। शिकायतकर्ता राजवीर सिंह ने अपने भतीजे की हत्या की FIR दर्ज करवाई थी। इस मामले की जांच इंस्पेक्टर राजेश कुमार कर रहे थे। बाद में इनका ट्रांसफर सिरसा जिले में हो गया था। हालांकि, गवाही के लिए उन्हें कई बार कैथल कोर्ट में बुलाया गया, लेकिन वे पेश नहीं हुए, जिसके चलते अदालत को सख्त कदम उठाना पड़ा।
पहले जमानती और फिर गैर जमानती वारंट जारी इंस्पेक्टर पिछली तीन-चार पेशियों से कोर्ट में गवाही देने के लिए नहीं आ रहे थे। इस संबंध में शुरुआती पेशियों में उनको जमानती वारंट जारी किए गए। उसके बाद भी जब एसएचओ कोर्ट में नहीं पहुंचे तो फिर उनके खिलाफ 29 अगस्त को गैर जमानती वारंट जारी कर दिए गए। जिसमें उन्हें 11 सितंबर को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया गया था।
सैलरी अटैच करने के भी आदेश हुए बार बार आदेश जारी करने के बाद भी जब SHO कोर्ट में हाजिर नहीं हुए तो कोर्ट ने इनकी सैलरी अटैच करने के आदेश जारी कर दिए, साथ ही कैथल के एसपी को निर्देश जारी किए गए की SHO को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाए, जिसके बाद आज वो कोर्ट में पहुंचे, लेकिन कोर्ट में पहुंचते ही उन्हें लॉकअप में बंद करने के आदेश दे दिए गए।

एआई जनरेटेड फोटो।
10:30 कोर्ट पहुंचे, एक घंटे के लिए लॉकअप में रखा इंस्पेक्टर राजेश कुमार आज सुबह 10:30 कोर्ट में पहुंचे। इस दौरान जज ने उन्हें कस्टडी में लेने के आदेश दे दिए। आदेश में कहा कि गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद और सैलरी अटैच होने के बाद इंस्पेक्टर कोर्ट में पहुंचे हैं। अभी कोर्ट किसी और केस में व्यस्त है इसलिए इंस्पेक्टर राजेश को कस्टडी में रखा जाए और 11:30 बजे दोबारा कोर्ट में पेश किया जाए। तक कोर्ट परिसर में बंदियों के लिए बने कमरे में रखा। प्रिजनर एस्कॉर्ट इंचार्ज सुरेश कुमार ने बताया कि शुरुआत में मौखिक आदेश के आधार पर SHO को लॉकअप में भेजा गया। करीब एक घंटे बाद जब लिखित आदेश मिला, तब उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। गवाही के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
लग चुकीं 48 तारीखें, हाईकोर्ट ने 6 महीने में निपटाने के आदेश दिए मर्डर के इस पूरे मामले में अभी तक 48 तारीखें लग चुकी हैं। गौरव के परिजनों ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसपर 10 दिसंबर 2024 को हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया और इस केस को 10 जून 2025 तक निपटाने के आदेश दिए थे।
लोकल कोर्ट में एडिशनल सेशन जज विवेक यादव के छुट्टी पर जाने की वजह से यह केस 4 जून को मोहित अग्रवाल की कोर्ट में ट्रांसफर किया गया था।