Saturday, June 14, 2025
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Kajol is making a comeback on screen after five years | पांच साल बाद स्क्रीन पर वापसी कर रही हैं काजोल: बोलीं- 34 साल लंबे करियर में आज भी मेरी फिल्म पर्दे पर आ रही है, खुद पर प्राउड हूं


14 मिनट पहलेलेखक: आशीष तिवारी

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27 जून को काजोल फिल्म ‘मां’ के जरिए बड़े पर्दे पर अपना कमबैक कर रही हैं। वो पांच साल के गैप के बाद स्क्रीन पर दिखने वाली है। इस बीच में उन्होंने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अपना डेब्यू किया और कई अच्छे प्रोजेक्ट्स में नजर आईं। दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में काजोल ने अपने कमबैक, ओटीटी के बढ़ते प्रभाव और पति अजय के साथ काम करने को लेकर अपना एक्सपीरियंस शेयर किया है।

‘शैतान’ में अजय ने जिम्मेदार पिता का रोल निभाया था। इसकी अगली कड़ी में ‘मां’ के रूप में आप हैं। क्या इस ट्राइलॉजी की अगली फिल्म में आप दोनों साथ दिखेंगे?

वैसे तो पता नहीं लेकिन आपके मुंह में घी-शक्कर। हम जरूर आपकी विश पूरी करने की कोशिश करेंगे।

प्रोड्यूसर के तौर पर अजय देवगन कैसे हैं? कुछ बताना चाहेंगी?

अजय बहुत अच्छे और जिम्मेदार प्रोड्यूसर हैं। वो बहुत ज्यादा इंवॉल्वड रहें। वो उन प्रोड्यूसर में से नहीं हैं कि चलो बस पेपर साइन कर दिया। स्क्रिप्ट, फिल्म का क्लाईमैक्स, वीएफएक्स इन सबमें अजय बहुत ज्यादा शामिल थे। वीएफएक्स तो एक अलग ही फिल्म है, जिसमें आपको सब कुछ इमेजिन करना पड़ता है। अजय ने सब कुछ अच्छे से किया।

फिल्म 'मां' को अजय देवगन की प्रोडक्शन कंपनी प्रोड्यूस कर रही है।

फिल्म ‘मां’ को अजय देवगन की प्रोडक्शन कंपनी प्रोड्यूस कर रही है।

आपको हॉरर जॉनर की फिल्में कितनी पसंद है और असल जिंदगी में क्या आप डरती हैं?

मैं बहुत ज्यादा डरती हूं इसलिए मैं हॉरर फिल्में देखती नहीं हूं। हॉरर फिल्म में काम कर लिया है, तो इसे तो अब देखना पड़ेगा। मैं बहुत बहादुर हूं। मेरे अंदर साहस ज्यादा है। मुझे कोई बोले कि किसी बिल्डिंग, गराज या किसी जगह अकेले चली जाओ तो मैं जाती हूं। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है। मैंने जिंदगी में ज्यादा हॉरर फिल्में देखी नहीं हैं तो ऐसी चीजें मुझे नहीं डराती हैं। मैंने अब तक हॉरर जॉर को अपनी जिंदगी से दूर ही रखा है लेकिन अब ये फिल्म मुझे देखनी पड़ेगी।

इतने सालों के करियर में सेट पर कभी कुछ डरावना या अजीब से हुआ है?

बहुत सारी चीजें और कई बार हुई हैं। इसके लिए अलग से एक इंटरव्यू करना पड़ेगा। जैसे कहते हैं ना कि दुनिया में कई सारी चीजें हैं, जो हमें पता भी नहीं है। मैं ऐसा नहीं कहूंगी कि बिल्कुल नहीं है या ऐसी चीजें हैं। लेकिन कुछ को है, जिसकी वजह से हम अजीब या अलग महसूस करते हैं।

आपको अपनी मां के जरिए कभी कोई स्पिरिचुअल सीख मिली है?

मेरी मां ने जो सबसे स्मार्ट और इंटेलिजेंट चीज की कि उन्होंने कभी मुझ पर धर्म थोपा नहीं। मां ने बचपन से सिखाया कि भगवान हर जगह होता है। आप कहीं पर भगवान को देख सकते हो और भगवान भी आपको देख रहा है। आप उनसे कभी भी बात कर सकते हो और उनका हाथ हमेशा आपके सिर पर रहेगा। उन्होंने सबसे बड़ी बात जो कही थी कि भगवान मां की तरह होता है। वो हमेशा आपको प्रोटेक्ट करेगा। जैसे आप अपनी मां के सामने गलती करके माफी मांगते हो। ठीक वैसे ही भगवान के साथ होता है। आपकी गलती के लिए वो आपको सजा नहीं देता है।

काजोल का अपने मां तनुजा के साथ बहुत स्ट्रॉन्ग बॉन्ड है। वो उन्हें प्यार से देवी बुलाती हैं।

काजोल का अपने मां तनुजा के साथ बहुत स्ट्रॉन्ग बॉन्ड है। वो उन्हें प्यार से देवी बुलाती हैं।

आपने हमेशा लीक से हटकर काम किया है। इस फिल्म के जरिए आप इस चीज को आगे बढ़ा रही हैं।

जी बिल्कुल, मुझे लगता है कि हर एक्टर को अपने आप को री इन्वेंट करना पड़ता है। एक ही तरह का काम कर-करके हम भी थक जाते हैं। ऑडियंस भी हमें एक रोल में देखकर थक जाती है। ऐसे में हर एक्टर को अपने आपको अलग-अलग रूप में दिखाना पड़ता है। मैं हॉरर जोनर और एक्शन पहली बार कर रही हूं। ये मेरे लिए बहुत बड़ा कदम है। हमने एक दिलचस्प पिक्चर बनाई है।

आप जब करियर में कमर्शियली सक्सेसफुल फिल्में कर रही थीं, उस दौरान ‘गुप्त’,’दुश्मन’ जैसी फिल्में भी की। क्या ये सोचा समझा हुआ फैसला था?

हां, मैंने जो भी किया बहुत सोच समझकर किया है। मुझे लगता है कि मैं इंटेलिजेंट हूं। मैं चाहती हूं कि मैं जब अपने काम को देखूं तो उसकी इज्जत करूं। मेरे लिए बहुत जरूरी है कि जब मैं अपने काम को देखूं तो बोल सकूं कि मैं अपनी फैसले की इज्जत करती हूं। वो अच्छा, बुरा जो भी निकले लेकिन वो काम मेरा है।

फिल्म 'गुप्त' में काजोल विलेन बनी थीं और उन्हें उनके रोल के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिल था।

फिल्म ‘गुप्त’ में काजोल विलेन बनी थीं और उन्हें उनके रोल के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिल था।

पहले और अब की इंडस्ट्री में बहुत ज्यादा अंतर है। ओटीटी के आने के बाद काफी बदलाव आया है। आपको लगता है कि कमर्शियल फिल्में पिछड़ रही हैं?

मुझे नहीं लगता कि ओटीटी के आने से कमर्शियल सिनेमा पिछड़ा है। आप आजकल की हिट फिल्मों का कलेक्शन देखेंगे तो वो पहले की तुलना में काफी ज्यादा हैं। हां, बदलाव जरूर आया है। ओटीटी की वजह से अलग-अलग तरह की फिल्में बन रही हैं। ओटीटी ने आपको सिनेमा का अलग रूप दिखाया है और ये काफी अच्छा है। काफी लंबे समय के बाद स्क्रीन पर मेरी फिल्म आ रही है। मैं खुद लंबे समय के बाद स्क्रीन पर वापसी कर रही हूं तो मैं चाहूंगी कि ऑडियंस इसे प्यार दे।

आप भले इसे कमबैक कह रही हैं लेकिन आप किसी ने किसी तरीके से लोगों को एंटरटेन कर रही थीं।

मुझे लगता है कि सबसे ज्यादा कमबैक मेरा हुआ है। मैं हर दो साल में कमबैक करती हूं। मैं 34 साल से काम कर रही हूं और आगे भी करती रहूंगी। आज भी मेरी फिल्म सिनेमा में आ रही है, इस बात पर मुझे गर्व है।

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