आरोपी सुशील के छह साथियों के पहले ही भेजा जा चुका है जेल।
लखनऊ में LDA के प्लाट फर्जी कागज तैयार कर बेचने वाले गिरोह का एक और सदस्य गिरफ्तार हो गया। एसटीएफ विनम्र खंड निवासी आरोपी सुशील मिश्रा की काफी समय से तलाश कर रही थी। सुशील के छह साथियों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
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LDA के कर्मचारियों की मदद से करता था खेल एसटीएफ में डिप्टी एसपी दीपक कुमार के मुताबिक गिरफ्तार सुशील मिश्र ठग गिरोह का सदस्य है। इस गिरोह के खिलाफ भोपाल निवासी सर्वेश कुमार गौतम ने शिकायत की थी। शिकायत पर जांच करने पर सामने आया था कि लखनऊ में एक गिरोह सक्रिय है, जो लखनऊ विकास प्राधिकरण के कई वर्षों से खाली पड़े प्लाटों को चिन्हित करता है। उसके बाद उसके फर्जी कागज तैयार कर लोगों को बेचता है। 27 मार्च को एसटीएफ ने इस गिरोह के छह लोगों को गिरफ्तार किया था।
सभी साथियों के बटे थे काम पूछताछ में सुशील ने बताया कि सरगना अचलेश्वर गुप्ता के गिरोह का सदस्य है। गिरोह LDA के प्लाट के फर्जी कागज तैयार कर बेचता था। इसमें उनकी मदद लखनऊ विकास प्राधिकरण के कुछ बाबू करते हैं। एलडीए के कर्मी ही असली मालिक की रजिस्ट्री से जुड़ी जानकारी देते थे। अब तक गिरोह 70-80 प्लाटों को बेच चुका है। इस काम में राम बहादुर सिंह, सचिन सिंह, मुकेश मौर्या, राहुल सिंह साथ देते थे। जिसमें राम बहादुर सिंह प्लाट के फर्जी कागज तैयार करता हैं। सचिन सिंह प्लाट को खरीदने वाली पार्टी लाता और मुकेश मौर्या प्लाट मालिक का आधार कार्ड तैयार करता था। जबकि राहुल सिंह गवाह की व्यवस्था करता था। यह सभी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। उसने यह भी बताया कि उनके गिरोह ने कई भू-माफियाओं को भी फर्जी रजिस्ट्री के कागज बनाकर दिए हैं।