Mohan Bhagwat Birthday Update; PM Narendra Modi | RSS BJP | RSS चीफ मोहन भागवत का आज 75वां जन्मदिन: PM मोदी ने लिखा- हम स्वयंसेवकों का सौभाग्य हमारे पास भागवत जैसा सरसंघचालक

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नई दिल्ली41 मिनट पहले

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पीएम मोदी और संघ प्रमुख भागवत की यह फोटो नागपुर में माधव नेत्रालय के उद्घाटन समारोह के दौरान की है। - Dainik Bhaskar

पीएम मोदी और संघ प्रमुख भागवत की यह फोटो नागपुर में माधव नेत्रालय के उद्घाटन समारोह के दौरान की है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत का आज 75वां जन्मदिन है। पीएम मोदी ने भागवत को बधाई देते हुए एक संदेश लिखा है। जिसमें लिखा है कि वे एक असाधारण व्यक्ति हैं, जिन्होंने हमेशा राष्ट्र को सर्वोपरि रखा।

मोदी ने लिखा- हम स्वयंसेवकों का सौभाग्य है कि हमारे पास मोहन भागवत जी जैसे दूरदर्शी और परिश्रमी सरसंघचालक हैं, जो ऐसे समय में संगठन का नेतृत्व कर रहे हैं।

पीएम मोदी के बधाई संदेश की बड़ी बातें…

  • आज 11 सितंबर है। यह दिन अलग-अलग स्मृतियों से जुड़ा है। एक स्मृति 1893 की है, जब स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में विश्वबंधुत्व का संदेश दिया और दूसरी स्मृति है 9/11 का आतंकी हमला, जब विश्व बंधुत्व को सबसे बड़ी चोट पहुंचाई गई।
  • आज के दिन की एक और विशेष बात है। आज एक ऐसे व्यक्तित्व का 75वां जन्मदिवस है जिन्होंने वसुधैव कुटुंबकम के मंत्र पर चलते हुए समाज को संगठित करने, समता-समरसता और बंधुत्व की भावना को सशक्त करने में अपना पूरा जीवन समर्पित किया है।
  • संघ परिवार में जिन्हें परम पूजनीय सरसंघचालक के रूप में श्रद्धाभाव से संबोधित किया जाता है, ऐसे आदरणीय मोहन भागवत जी का आज जन्मदिन है। यह एक सुखद संयोग है कि इसी साल संघ भी अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है। मैं भागवत जी को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं और प्रार्थना करता हूं कि ईश्वर उन्हें दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करें।
  • मेरा मोहन भागवत जी के परिवार से बहुत गहरा संबंध रहा है। मुझे उनके पिता स्व. मधुकरराव भागवत जी के साथ निकटता से काम करने का सौभाग्य मिला था। मैंने अपनी पुस्तक ज्योतिपुंज में मधुकरराव जी के बारे में विस्तार से लिखा भी है।
  • भागवत जी का पूरा जीवन सतत प्रेरणा देने वाला रहा है। वे 1970 के दशक के मध्य में प्रचारक बने। सामान्य जीवन में प्रचारक शब्द सुनकर ये भ्रम हो जाता है कि कोई प्रचार करने वाला व्यक्ति होगा, लेकिन जो संघ को जानते हैं उनको पता है कि प्रचारक परंपरा संघ कार्य की विशेषता है।
  • 2000 में वे सरकार्यवाह बने। यहां भी अपनी अनोखी कार्यशैली से हर कठिन परिस्थिति को सहजता और सटीकता से संभाला। 2009 में वे सरसंघचालक बने और आज भी अत्यंत ऊर्जा के साथ कार्य कर रहे हैं। भागवत जी ने राष्ट्र प्रथम की मूल विचारधारा को हमेशा सर्वोपरि रखा।
  • मोहन जी, हमेशा एक भारत श्रेष्ठ भारत के प्रबल पक्षधर रहे हैं। भारत की विविधता और भारत भूमि की शोभा बढ़ा रही अनेक संस्कृतियों और परंपराओं के उत्सव में भागवत जी पूरे उत्साह से शामिल होते हैं। वैसे बहुत कम लोगों को ये पता है कि मोहन भागवत जी अपनी व्यस्तता के बीच संगीत और गायन में भी रुचि रखते हैं।
  • मोहन जी के स्वभाव की एक और बड़ी विशेषता ये है कि वो मृदुभाषी हैं। उनमें सुनने की भी अद्भुत क्षमता है। यह विशेषता न केवल उनके दृष्टिकोण को गहराई देती है, बल्कि उनके व्यक्तित्व और नेतृत्व में संवेदनशीलता और गरिमा भी लाती है।

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भागवत बोले- न रिटायर हो रहा, न किसी से कहा: संघ चाहे तो 75 की उम्र के बाद भी काम करूंगा

मैंने यह नहीं कहा कि मैं रिटायर हो जाऊंगा या किसी और को रिटायर हो जाना चाहिए। मैं 80 की उम्र में भी शाखा लगाऊंगा। हम किसी भी समय रिटायर होने के लिए तैयार हैं। संघ हमसे जिस भी समय तक काम कराना चाहेगा, हम काम करने के लिए तैयार हैं।

पिछले दिनों संघ के शताब्दी वर्ष पर एक इवेंट में भागवत सवालों के जवाब दे रहे थे, तब उन्होंने यह बात कही।उनसे पूछा गया था कि क्या 75 के बाद राजनीति से रिटायर हो जाना चाहिए। पढ़ें पूरी खबर..

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