मृणाल किशोर और अविका का फाइल फोटो।
मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET-UG 2025 का परिणाम शनिवार को घोषित हुआ, जिसमें फरीदाबाद के छात्रों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जिले का नाम पूरे देश में रोशन किया। फरीदाबाद के मृणाल किशोर और अविका ने ऑल इंडिया रैंक (AIR) 4 और 5 हासिल कर शहर को गौरवान्वित कर
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नीट 2025 में फरीदाबाद से कई होनहार छात्रों ने बेहतरीन रैंक हासिल की है। मृणाल किशोर ने ऑल इंडिया रैंक 4वीं, अविका ने 5वीं, जतिन ने 327वीं, जान्या ने 353वीं, हेमा ने 527वीं और दिव्यांश ने 811वीं रैंक हासिल की है। इन सभी ने न केवल अपने परिवार का बल्कि स्कूलों का भी नाम रोशन किया है।
मृणाल किशोर और अविका फरीदाबाद के रहने वाले हैं लेकिन फॉर्म भरते समय दोनों ने अपना पता दिल्ली (NCT) दिया है।
पिता एनएचपीसी में जनरल मैनेजर
ग्रेटर फरीदाबाद के सेक्टर-86 के रहने वाले मोनज कुमार झा के बेटे मृणाल किशोर झा ने नीट परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 4 प्राप्त की है। मृणाल के पिता एनएचपीसी में जनरल मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं और उनकी मां किशोरी झा गृहणी हैं।
9वीं कक्षा से ही डॉक्टर बनने का संकल्प लिया
मृणाल ने बताया कि उसने 9वीं कक्षा से ही डॉक्टर बनने का संकल्प लिया था और 11वीं में नीट की तैयारी शुरू कर दी थी। वह रोहिणी (दिल्ली) में अपनी मौसी के पास रहकर पढ़ाई कर रहे थे। उसकी मेहनत रंग लाई और उसने न केवल परीक्षा पास की, बल्कि टॉप रैंक भी हासिल की।
मृणाल का दाखिला अब एम्स (AIIMS) फरीदाबाद में होगा। वह भविष्य में एक कुशल डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करना चाहता है।
अविका के माता-पिता डॉक्टर
अविका ने बताया कि जब रिजल्ट आया और उन्हें 5वीं रैंक मिलने की खबर मिली, तो माता-पिता और शिक्षकों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। अविका के माता-पिता डॉक्टर हैं और उन्हीं को देखकर उन्होंने भी डॉक्टर बनने का सपना देखा। अविका ने कहा, “जब मैं अपने पेरेंट्स को डॉक्टर की यूनिफॉर्म में देखती थी, तो मुझे गर्व होता था और मैं हमेशा से उन्हीं की तरह बनना चाहती थी।”
टीचर्स और परिवार ने दी हिम्मत
अविका ने बताया कि पढ़ाई के दौरान कई बार ऐसे मौके आए जब परिणाम अच्छे नहीं आए और हौसला टूटने लगा, लेकिन टीचर्स और परिवार ने लगातार हिम्मत दी। उन्होंने पढ़ाई में कभी कोई समझौता नहीं किया और दिन के चार से पांच घंटे नियमित रूप से पढ़ाई की।
सोशल मीडिया से दूरी बनाकर की पढ़ाई
अविका को डांस करना बेहद पसंद है, लेकिन उन्होंने सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखी ताकि ध्यान केवल पढ़ाई पर केंद्रित रहे। उन्होंने बताया कि 10वीं कक्षा के बाद उनके शिक्षकों ने उन्हें साइंस लेने की सलाह दी, जिसके बाद उन्होंने मेडिकल क्षेत्र में करियर बनाने का फैसला लिया। उनका सपना है कि वे आगे चलकर एक डर्मेटोलॉजिस्ट (त्वचा रोग विशेषज्ञ) बनें और समाज के लिए कुछ बेहतर कर सकें।