NEET UG परीक्षा में बिजली गुल होने के मामले में आज सोमवार 9 जून को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। 5 मई को हाई कोर्ट में इस मुद्दे पर ज्यादा बहस नहीं हो सकी। इस पर कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख सोमवार 9 जून तय की थी।। इसमें आज दोनों पक्षों में आखिरी बहस हो
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इसमें यह स्पष्ट होगा कि 2000 से अधिक प्रभावित स्टूडेंट्स को रि-एग्जाम का मौका मिलेगा या नहीं। इसे लेकर आज की फाइनल सुनवाई पर नजर है। वैसे 14 जून तक नीट NEET UG का रिजल्ट भी होना है।
इससे पहले, याचिकाकर्ता स्टूडेंट्स के एडवोकेट मृदुल भटनागर ने हाईकोर्ट में आवेदन लगाकर NEET UG के रिजल्ट की तारीख आगे बढ़ाने और तेज आंधी, बारिश के कारण बिजली गुल होने के CCTV फुटेज उपलब्ध कराने की मांग की थी। 29 मई की सुनवाई में इन आवेदनों पर भी बहस होना थी लेकिन नहीं हो सकी।
26 मई को सुनवाई हुई थी, जिसमें NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता वर्चुअल उपस्थित हुए थे। उन्होंने NTA की ओर से, तो एडवोकेट मृदुल भटनागर ने याचिकाकर्ताओं की ओर से रिजाइंडर पेश किया था।
इसके बाद NTA ने समय मांगा था। इस सुनवाई से पहले NTA ने जांच समिति बनाने को कहा था, एक रिपोर्ट भी दी थी। कोर्ट में सुनवाई शुरू होने से पहले NTA की ओर से भारत के सॉलिसिटर वर्चुअल अपीयर हुए और हाईकोर्ट से समय मांगा था।
बता दें, NEET UG का रिजल्ट 14 जून को आना संभावित है। NTA ने पहले पेश किए जवाब में कहा था कि इंदौर के 24 सेंटर पर परीक्षा प्रभावित हुई है। लेकिन 26 मई को पेश किए जवाब में कहा कि इंदौर के 18 और उज्जैन के 6 सेंटर पर परीक्षा प्रभावित हुई थी।
इन सेंटर पर 2 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स परीक्षा में शामिल हुए थे। इंदौर से इस बार 27 हजार स्टूडेंट्स ने NEET UG परीक्षा दी है। इसके लिए इंदौर में 49 सेंटर बनाए गए थे।
इंदौर-उज्जैन की करीब 60 याचिकाएं
याचिकाकर्ताओं के एडवोकेट मृदुल भटनागर ने बताया कि NEET UG मामले में इंदौर-उज्जैन की करीब 60 याचिकाएं हो गई हैं। इंदौर में दो घंटे तक लाइट गुल रही थी। जबकि उज्जैन में 40 से 45 मिनट तक बिजली बाधित हुई थी।
हमने हाईकोर्ट से मांग की है कि इन सेंटर पर परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स में से जो चाहें उन्हें दोबारा मौका दिया जाए। इससे छात्रों को सही मौका मिल पाए और वे अपनी क्षमता का परिचय दे सकें।
NTA की ओर से जवाब देते हुए मेहता ने कहा था कि हमने बहुत ही अच्छे और शांतिपूर्ण ढंग से परीक्षा का आयोजन किया है। इस पर सवाल उठाते हुए याचिकाकर्ताओं के वकील मृदुल भटनागर ने कहा था कि ये परीक्षा साधारण परीक्षा नहीं है, इसमें अनकट पावर सप्लाई देना थी, उसमें ये फेल हुए हैं।
NTA ने अपने जवाब में ये बात मानी भी है कि कई सेंटर पर 10 मिनट से 1 घंटे 10 मिनट तक बिजली आपूर्ति बाधित रही है। NTA ने यह भी कहा कि हम एक कमेटी बनाकर ये निर्णय लेंगे कि हमें दोबारा परीक्षा कराना है या नहीं कराना है। आगे की पूरी प्रक्रिया कमेटी तय करेगी। इसके लिए NTA ने 26 मई तक का समय मांगा था।
पिछली सुनवाई में हाई कोर्ट ने लगाई थी रोक
26 मई को NTA ने हाईकोर्ट में जवाब पेश किया था। कोर्ट ने 15 मई को NEET UG के रिजल्ट पर रोक लगा दी थी। मामले में 24 से ज्यादा सेंटरों से जुड़े स्टूडेंट्स प्रभावित हुए हैं, इनकी मांग है कि रि-एग्जाम कराई जाए। उज्जैन में भी ऐसी स्थिति बनी थी। वहां के भी 5 से ज्यादा स्टूडेंट्स हैं। सभी स्टूडेंट्स ने काफी मेहनत की है। इनमें से कई तीन-चार अटेम्ट वाले हैं।
पिछली सुनवाई में NTA ने पेश किया था जवाब
पिछली सुनवाई में NTA ने बताया था कि परीक्षा केंद्रों पर हमने कैंडल और जनरेटर के माध्यम से लाइट की व्यवस्था की थी। चूंकि समर सीजन में परीक्षा आयोजित हुई थी। पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था थी इसलिए कोई असुविधा नहीं हुई, जबकि याचिकाकर्ताओं के एडवोकेट भटनागर का कहना है कि ऐसे करीब 25 सेंटर ऐसे हैं जहां पर बच्चों का एग्जाम प्रभावित हुआ है।
जानिए 4 से 26 मई तक कैसे बढ़ीं याचिकाएं और स्टूडेंट्स की संख्या
- 4 मई 2025 को तेज आंधी और बारिश के कारण इंदौर में बिजली गुल होने और वैकल्पिक व्यवस्था न होने से NEET UG के 11 सेंटरों के स्टूडेंट्स की परीक्षा प्रभावित हुई थी। तब ऐसे स्टूडेंट्स की संख्या करीब 600 थी। तब कई सेंटरों के प्रभावित स्टूडेंट्स ने अपनी-अपनी पीड़ा बताकर अव्यवस्था के खिलाफ जमकर आक्रोश जताया था।
- 15 मई को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें 15 से ज्यादा याचिकाएं शामिल थीं। तब हाई कोर्ट ने रिजल्ट पर रोक लगा दी थी। इसके बाद इसमें NTA को 19 मई तक जवाब पेश करना था।
- 19 मई को NTA की ओर से जवाब पेश किया गया। इसमें बताया कि सभी सेंटरों पर बिजली की पर्याप्त व्यवस्था थी। साथ ही यह भी माना कि कई सेंटरों पर 10 मिनट से एक घंटे तक लाइट नहीं थी। याचिकाकर्ता के एडवोकेट मृदुल भटनागर ने बताया था कि ऐसे करीब 25 सेंटर हैं। दूसरी ओर NTA ने माना था कि ऐसे 24 सेंटर हैं। तब तक याचिकाकर्ताओं की संख्या 15 से ज्यादा हो गई।
- 22 मई को हाई कोर्ट ने फिर सुनवाई की तब याचिकाकर्ता की संख्या 50 से ज्यादा हो गई। इनमें उज्जैन की 5 से ज्यादा याचिकाएं थीं। NTA की ओर से भारत सरकार के सॉलिसिटर तुषार मेहता पेश हुए और कहा कि इंदौर से जुड़े 24 सेंटरों के स्टूडेंट्स के मामले में एक कमेटी गठित की जाए। इस पर सुनवाई की अगली तारीख 26 मई तय की गई।
- 26 मई को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ताओं की संख्या 60 हो गई जबकि प्रभावित स्टूडेंट्स की संख्या 2 हजार से ज्यादा हो गई। कोर्ट ने अगली तारीख 29 मई को तय की।
- 29 मई की सुनवाई में नंबर नहीं आने से बहस नहीं हो सकी थी।