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नई दिल्ली9 मिनट पहले
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नेपाल में 8 सितंबर से शुरू हुई हिंसा और राजनीतिक संकट के कारण सैकड़ों भारतीय वहां फंसे हैं। इनमें ज्यादातर पर्यटक, इलाज करवाने गए मरीज या उनके परिजन शामिल हैं। इनमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी हैं। इन्होंने अपनी आंखों से हिंसक प्रदर्शन, आगजनी और गोलीबारी। पिछले 3 दिन से लोगों में दहशत है। ये लोग जल्द से जल्द भारत आना चाहते हैं।
नेपाल में फंसे भारतीयों और वहां से लौटे लोगों की आपबीती पढ़िए…
1. गुजरात के लोग बोले- चारों तरफ आग, कर्फ्यू से बचना नामुमकिन

नेपाल के पोखरा गेस्ट हाउस में फंसे सूरत के लोगों ने बालकनी से हिंसक प्रदर्शन को रिकॉर्ड किया।
गुजरात के 300 से ज्यादा लोग नेपाल में फंसे हैं। इनमें राजकोट के 43, अहमदाबाद के 9 और राजकोट के 50 से 55 लोग शामिल हैं। इन सभी लोगों ने स्थानीय होटलों और वृद्धाश्रमों में आश्रय लिया है। इन लोगों में सूरत नेशनल बैंक के डायरेक्टर देवांगभाई चोकसी और उनका परिवार भी है।
उन्होंने वीडियो कॉल के जरिए सूरत के सांसद मुकेश दलाल से बात की और वहां की भयावह स्थिति के बारे में बताया। देवांगभाई के अनुसार, 10 सितंबर तक चारों ओर आगजनी और हिंसा की घटनाएं हो रही थीं। वे जिस होटल में वे ठहरे थे, वहां भी बिजली गुल है। हर पल जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष जैसा होता जा रहा है।
2. पर्यटक बोले- तीन दिन से एयरपोर्ट पर फंसे, भरपेट खाना नहीं खाया

काठमांडू एयरपोर्ट के बाहर जयपुर के करीब 200 लोग 9 सितंबर से फंसे हुए हैं।
जयपुर से करीब 500 लोग 10 बसों से अलग-अलग ग्रुप में 3 धाम की यात्रा पर गए थे। इनमें से एक ग्रुप की बस 8 सितंबर को पत्थरबाजों के निशाने पर आ गई थी। बस क्षतिग्रस्त हो गई। हालांकि, सभी यात्री सुरक्षित हैं। ये लोग 6-7 सितंबर की रात को ही नेपाल पहुंचे थे। वहां मंदिरों में दर्शन के बाद होटलों में रुके। उसी दिन हिंसा शुरू हो गई।
जयपुर के करीब 200 लोग काठमांडू एयरपोर्ट पर 9 सितंबर से फंसे हुए हैं। काठमांडू एयरपोर्ट पर फंसे लोगों से भास्कर टीम ने वीडियो कॉल पर बात की। जयपुर के सत्तार खान ने बताया कि हम लोग निकलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन सेना ने हमें रोक दिया। अभी सारे फ्लाइट्स बंद हैं। ऐसे में हम यहां कैद हो गए हैं। तीन दिन से भरपेट खाना नहीं खाया है। सब कुछ इतना महंगा है कि भूखे मरने की नौबत आ गई है।