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Personality Analysis: कान, इस शास्त्र में एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है. सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, शरीर के विभिन्न अंगों की बनावट और विशेषताएं व्यक्ति के स्वभाव, भाग्य और स्वास्थ्य के बारे में महत्वपूर्…और पढ़ें
भारतीय वैदिक ज्योतिष में कई ऐसी विद्याएं हैं, जिनके माध्यम से व्यक्ति के भविष्य और उसके व्यक्तित्व के बारे में बहुत सारे गहरे राज खोजे जा सकते हैं. ऐसा ही एक शास्त्र है सामुद्रिक शास्त्र. सामुद्रिक शास्त्र, जिसे भारतीय शारीरिक लक्षण विज्ञान (Physiognomy) भी कहा जाता है, एक ऐसी विद्या है जो शरीर के अंगों की बनावट, आकार और विशेषताओं के आधार पर व्यक्ति के स्वभाव, जीवन की दिशा और भाग्य की भविष्यवाणी करता है. इसमें चेहरे, आंखों, माथे, हथेली, नाक और कान आदि का गहन अध्ययन किया जाता है.

कान, इस शास्त्र में एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है क्योंकि यह न केवल सुनने का माध्यम है, बल्कि इसकी बनावट, लक्षण और आसपास के बालों की उपस्थिति से भी गूढ़ संकेत प्राप्त होते हैं. कान पर उगने वाले बाल भी इस शास्त्र में विशेष महत्व रखते हैं. क्योंकि इससे व्यक्ति क स्वभाव और भाग्य की जानकारी मिलती है. शास्त्रों में कहा गया है, “शरीरं शास्त्रम्” – शरीर ही शास्त्र है। उसे पढ़िए, समझिए, और जीवन में ज्योति पाइए.

लंबे और घने बाल: जिन व्यक्तियों के कानों पर लंबे और घने बाल होते हैं, वे आमतौर पर बुद्धिमान, चतुर और कार्यकुशल माने जाते हैं. ये लोग अपने कार्यों को सफलतापूर्वक संपन्न करने में सक्षम होते हैं और दूसरों को अपनी ओर आकर्षित करने की कला में निपुण होते हैं. ऐसे व्यक्ति को शुभ और दीर्घायु माना जाता है. ये लोग परंपरा-प्रिय, विवेकशील और शांत स्वभाव के होते हैं. हालांकि, इनमें कंजूसी की प्रवृत्ति भी देखी जाती है, और ये धन संचय को महत्व देते हैं.

छोटे और पतले बाल: जिनके कानों पर छोटे और पतले बाल होते हैं, वे मेहनती और भाग्यशाली माने जाते हैं. हालांकि, उनकी चतुराई उतनी प्रबल नहीं होती जितनी लंबे बालों वाले व्यक्तियों की होती है.

कान के बाल खुरदरे और उलझे हों – यदि कान के बाल खुरदरे, मोटे या अत्यधिक उलझे हुए हों, तो यह संकेत देता है कि व्यक्ति जिद्दी, एकरूपी विचारों वाला और कभी-कभी क्रोधी भी हो सकता है. इनके जीवन में बाधाएं आती हैं, विशेषकर पारिवारिक जीवन में.

बहुत कम या बिलकुल न के बराबर बाल- यदि किसी व्यक्ति के कान के चारों ओर या भीतर बाल अत्यधिक कम या न के बराबर हों, तो यह दर्शाता है कि व्यक्ति अत्यधिक भावनात्मक, संवेदनशील और निर्णय लेने में असमर्थ हो सकता है. ऐसे लोग दूसरों की बातों में जल्दी आ जाते हैं.

कान में भीतर की ओर बाल- यदि बाल कान के भीतर से निकल रहे हों और मोटे व गहरे रंग के हों, तो यह व्यक्ति के रहस्यमयी स्वभाव को दर्शाता है. ऐसे लोग अपनी बातें साझा करने में संकोच करते हैं, परन्तु इनके भीतर विशिष्ट ज्ञान और अनुभव छिपे होते हैं.

कान के बाल काटना: शुभ या अशुभ?: सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, कान के बालों को जड़ से काटना या पूरी तरह से हटाना अशुभ माना जाता है. ऐसा करने से व्यक्ति के भाग्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए, यदि सौंदर्य कारणों से इन्हें हटाना आवश्यक हो, तो केवल ऊपर से हल्का ट्रिम करना उचित होता है, जिससे न केवल सौंदर्य बना रहता है, बल्कि भाग्य भी प्रभावित नहीं होता.

कान पर बालों की उपस्थिति को सामान्यतः अनदेखा किया जाता है, लेकिन सामुद्रिक शास्त्र में इसे व्यक्ति के स्वभाव और भाग्य का संकेतक माना गया है. इसलिए, इन संकेतों को समझना और उनका सम्मान करना हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है.