हिमाचल प्रदेश के मरीजों का हिमकेयर योजना के तहत पीजीआई में इलाज मुश्किल में पड़ सकता है, क्योंकि हिमाचल सरकार हिमकेयर के तहत मरीजों के इलाज का पैसा नहीं दे पाई है। पीजीआई में हिमाचल के मरीजों के फ्री इलाज का 14 करोड़ 30 लाख रुपए बकाया है। केंद्रीय स्
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एक माह में करना होता है भुगतान
पीजीआई में दाखिल हिमाचल के मरीजों का पहले भी इलाज होता था, लेकिन केशलैस नहीं था। दिसम्बर, 2023 में हिमाचल कैडर के आईएएस ऑफिसर पंकज राय द्वारा पीजीआई के डिप्टी डायरैक्टर एडमिनिस्ट्रेशन का चार्ज संभालने के बाद इस दिशा में प्रयास हुए। बैठक में पाया गया कि हिमाचल सरकार के साथ साइन एमओयू की शर्तों और प्रावधानों के मुताबिक हिमकेयर के तहत फ्री इलाज के दावे भेजने के एक महीने के अंदर भुगतान करना चाहिए।
पीजीआई में इलाज करवाने के रोजाना आते है मरीज।
हिमाचल सरकार ने एमओयू की शर्तों के मुताबिक हर महीने समय पर भुगतान नहीं किया तो एमओयू कैंसिल होने का भी संकट आ सकता है। एमओयू कैंसिल होने का सीधा असर फ्री इलाज की सुविधा के बंद होने पर पड़ेगा। पहले ही तरह मरीज को सारे इलाज का पैसा खर्च करना होगा।
गवर्निंग बॉडी ने दिए भुगतान के निर्देश
एजेंडे के मुताबिक पीजीआई में हिमकेयर के तहत अभी तक 1478 मरीजों के फ्री इलाज के 14 करोड़ 30 लाख रुपए का बिल भेज चुका हैं, लेकिन हिमाचल सरकार ने लंबे समय से भुगतान ही नहीं किया। गवर्निंग बॉडी ने कहा कि राशि का भुगतान न होना चिंता का विषय है, क्योंकि इससे पीजीआई पर न सिर्फ अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है, बल्कि आने वाले समय में ऑडिट आब्जेक्शन समेत कई दूसरी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। गवर्निंग बॉडी ने पीजीआई प्रशासन को भी सख्त निर्देश दिए कि हिमाचल सरकार से जल्द भुगतान की दिशा में तुरंत कदम उठाकर हर महीने भुगतान होना सुनिश्चित करवाया जाए।
25 फरवरी 2024 को साइन हुआ था एमओयू
डायरैक्टर प्रो. विवेक लाल ने भी हिमाचल प्रदेश से बड़ी संख्या में आने वाले मरीजों को देख संस्थान में केशलैस इलाज में दिलचस्पी दिखाई। वित्त विभाग ने भी डायरैक्टर प्रो. विवेक लाल और पंकज राय के प्रयासों के बाद केशलैस इलाज को मंजूरी दी। पीजीआई और हिमाचल सरकार के बीच अहम कड़ी का काम करते पंकज राय के प्रयासों से मरीजों के केशलैस इलाज के लिए 25 फरवरी, 2024 को हिमाचल सरकार और पीजीआई प्रशासन के बीच एमओयू साइन हुआ था। इसके बाद पी.जी.आई. में हिमाचल के मरीजों का केशलैस इलाज शुरू हुआ, लेकिन अब हिमाचल द्वारा भुगतान न किए