1 दिन पहले
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कृतिका कामरा इन दिनों वेब सीरीज ग्यारह ग्यारह में नजर आई हैं। ये सीरीज हाल ही में ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर रिलीज हुई है। रिलीज के बाद कृतिका ने दैनिक भास्कर से बातचीत की।
कृतिका के साथ बातचीत का सिलसिला शुरू करते हैं…
प्रोजेक्ट के लिए आपकी कास्टिंग कैसे हुई?
मैं इस प्रोजेक्ट से वैसे ही जुड़ी, जैसे मैं दूसरे प्रोजेक्ट्स से जुड़ती आई हूं। इसके लिए मैंने ऑडिशन दिया था। इसके बाद डायरेक्टर उमेश बिष्ट और मेकर्स को मेरा ऑडिशन पसंद आया। फिर उन्होंने मुझे मिलने के लिए बुलाया और मुझे स्क्रिप्ट पढ़ने के लिए कहा गया। जब मैंने स्क्रिप्ट पढ़ी तब मैं सिर्फ अपने नजरिए से सोच रही थी कि मैं अपने करियर में क्या नया करूं? तो मुझे लगा कि मैंने कभी पुलिस ऑफिसर का रोल प्ले नहीं किया है। इस वजह से यह किरदार करना ही चाहिए।
जब मैंने स्क्रिप्ट पढ़ी तब मुझे पता चला कि इसमें कुछ फैंटेसी एलिमेंट्स भी हैं। हमने पुलिस बेस्ड ड्रामा कई देखे हैं, क्राइम ड्रामा देखे हैं, लेकिन ये बिल्कुल नई कहानी है। मुझे इस सीरीज का कॉन्सेप्ट बहुत दिलचस्प लगा और मैं इसका हिस्सा बन गई।
आपने किरदार के लिए तैयारी कैसे की?
दो तरह की तैयारी होती है। एक तो आप अपने शरीर पर काम करते हैं। बॉडी लैंग्वेज पर काफी काम करना पड़ता है। जब आप यूनिफॉर्म पहनते हैं तो आपके अंदर एक जिम्मेदारी आ जाती है। इस किरदार के लिए मैंने गन चलाने की ट्रेनिंग भी ली थी। मैंने इस शो के लिए एक बोलेरो गाड़ी चलाना भी सीखा। गाड़ी चलाने के लिए मैंने लाइसेंस भी लिया।
दूसरा किरदार के लिए मानसिक रूप से तैयारी भी की जाती है। इसके लिए मैंने काफी रीडिंग सेशन्स अटैंड किए। सीरीज के डायरेक्टर उमेश बिष्ट के साथ अपने किरदार के बारे में काफी कुछ समझा।
आपका सीरीज में काम करने का अनुभव कैसा रहा?
बहुत अच्छा अनुभव था। एक एक्टर का सपना ही होता है कि इतने बड़े कैनवॉस में अपना आर्ट दिखाए और मैंने इस शो से बहुत कुछ सीखा है। मैंने पहले कभी भी पुलिस ऑफिसर का किरदार नहीं निभाया है। ये किरदार निभाना मेरे लिए काफी चैलेंजिंग था। मैं बहुत कम काम करती हूं क्योंकि मैं काफी सिलेक्टिव भी हूं।
मैं नहीं चाहती कि सेट पर जाऊं और हंसी खुशी अपना काम करूं और बिना किसी मेहनत के वो हो जाए। मुझे अच्छा तब लगता है जब मैं पूरे दिन शूट करके अपने किरदार से बेस्ट निकाल सकूं।
ऐसी कोई बायोपिक जो करना चाहती हैं?
बायोपिक तो ऐसी कोई नहीं है। लेकिन ऐसी कोई चीज बची नहीं है जिसे मैंने एक्सप्लोर नहीं किया है। मैंने अभी तक म्यूजिकल ड्रामा में काम नहीं किया है। मुझे संजय लीला भंसाली के प्रोजेक्ट में काम करना है। उनके प्रोजेक्ट में सॉन्ग, डांस और सेट डिजाइन सब होता है।
ओटीटी कितना बढ़ कर रहा है?
मेरे ख्याल से ओटीटी ऐब्सौल्यूट बूम पर है। ये एक नई शुरुआत हुई है। अभी चीजें बदल गई हैं, देखा जाए तो हमारे लिए ओटीटी एक गो टू प्लेटफार्म बन चुका है। क्योंकि हम उसे कभी भी किसी भी डिवाइस पर देख सकते हैं। ओटीटी के आने के बाद हमारी इंडस्ट्री में अच्छी राइटिंग होने लग गई हैं। नए- नए एक्टर्स और डायरेक्टर्स आ गए हैं। इसके साथ ये प्लेटफॉर्म बहुत ज्यादा बिजनेस ओरिएंटेड हो गया है।
ओटीटी में थोड़ी फ्रीडम भी है। यहां पर भी नंबर्स आने लगे हैं और व्यूज से फर्क पड़ता है। कहानियों पर काफी काम होना शुरू हो गया है। ये नहीं है कि बड़े एक्टर नहीं हैं तो शो नहीं चलेगा। अच्छी कहानियां अपनी जगह बना पा रही हैं और ये अच्छी बात है। मैं उम्मीद करती हूं कि ऐसा बना रहे।
आपके अपकमिंग प्रोजेक्ट्स कौन कौन से हैं ?
मैं वेब सीरीज द मटका किंग की शूटिंग कर रही हूं। नागराज मंजुले इसके डायरेक्टर हैं। मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिल रहा है। ये सीरीज अगले साल रिलीज होगी।