पुत्रदा एकादशी | Image:
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Putrada Ekadashi 2025: शुक्रवार, 10 जनवरी को नए साल 2025 की पहली एकादशी यानी पुत्रदा एकादशी मनाई जा रही है, जिसे वैकुंठ एकादशी भी कहा जाता है। मान्यता के अनुसार, एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा व व्रत करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
इतना ही नहीं अगर आप संतान प्राप्ति करना चाहते हैं तो ये व्रत आपको जरूर करना चाहिए। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ-साथ देवी लक्ष्मी जी की भी पूजा करें। साथ ही इस दिन कुछ विशेष मंत्रों व स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति को संतान सुख की प्राप्ति होती है। तो चलिए बिना किसी देरी के जानते हैं इन मंत्रों और स्तोत्र के बारे में।
संतान प्राप्ति मंत्र (Santan Prapti Mantras)
1. अस्य गोपाल मंत्रस्य, नारद ऋषि:
अनुष्टुप छंद:, कृष्णो देवता, म
म पुत्र कामनार्थ जपे विनियोग:।
2. ऊँ कृष्णाय विद्महे दामोदराय
धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।
3. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव
जगत्पते देहि में तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः।।
4. ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै।
5. क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः।
6. ॐ बाल शिवाय विद्महे कालिपुत्राय धीमहि तन्नो बटुक प्रचोदयात्।।
7. प्रेम मगन कौशल्या निसिदिन जात न जान।
सुत सनेह बस माता बाल चरित कर गान।।
8. ॐ क्लीं गोपालवेषधराय वासुदेवाय हुं फट स्वाहा।।
9. ॐ नमो भगवते जगत्प्रसूतये नमः।।
10. शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम्।
लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं
वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम्॥
यं ब्रह्मा वरुणैन्द्रु रुद्रमरुत: स्तुन्वानि दिव्यै स्तवैवेदे:।
सांग पदक्रमोपनिषदै गार्यन्ति यं सामगा:।
ध्यानावस्थित तद्गतेन मनसा पश्यति यं योगिनो
यस्यातं न विदु: सुरासुरगणा दैवाय तस्मै नम:॥
संतान स्तोत्र (Santan Stotram)
नमोऽस्तु गणनाथाय सिद्धी बुद्धि युताय च।
सर्वप्रदाय देवाय पुत्र वृद्धि प्रदाय च।।
गुरु दराय गुरवे गोप्त्रे गुह्यासिताय ते।
गोप्याय गोपिताशेष भुवनाय चिदात्मने।।
विश्व मूलाय भव्याय विश्वसृष्टि करायते।
नमो नमस्ते सत्याय सत्य पूर्णाय शुण्डिने।।
एकदन्ताय शुद्धाय सुमुखाय नमो नम:।
प्रपन्न जन पालाय प्रणतार्ति विनाशिने।।
शरणं भव देवेश सन्तति सुदृढ़ां कुरु।
भविष्यन्ति च ये पुत्रा मत्कुले गण नायक।।
ते सर्वे तव पूजार्थम विरता: स्यु:रवरो मत:।
पुत्रप्रदमिदं स्तोत्रं सर्व सिद्धि प्रदायकम्।।
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