Who was the king of lanka before ravana: रावण की माता का नाम कैकसी और पिता का नाम विश्रवा था। विश्रवा कोई और नहीं बल्कि ब्रह्मा के पुत्र थे जो कि महान ऋषि भी थे। ऐसे में कैकसी ने उनसे विवाह केवल इसलिए किया, जिससे कि उन्हें एक शक्तिशाली पुत्र मिल सके। कैकसी ने रावण के अलावा तीन और बच्चों को जन्म दिया, जिनका नाम कुंभकर्ण, सुपणखां और विभीषण था। लेकिन इन चारों में केवल रावण को ही सोने की लंका क्यों मिली, इसके पीछे एक रोचक कहानी है। इसके बारे में शायद ही आपको पता होगा।
आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि रावण को ही सोने की लंका क्यों मिली थी और शिवजी और पार्वती का सोने की लंका से क्या संबंध है। पढ़ते हैं आगे…
रावण को सोने की लंका कैसे मिली? (Who owned Lanka before Ravana?)
सोने की लंका का निर्माण विश्वकर्मा द्वारा किया गया था जो एक दिव्य नगर कहलाता था। शुरुआत में इस नगर के मालिक कुबेर थे जो कि रावण के सौतेले भाई थे। कुबेर न केवल शिव भक्त थे बल्कि धन के देवता भी कहे जाते थे। ऐसे में एक बार रावण ने लंका को प्राप्त करने के लिए एक छल को अपनाया। रावण ने शिव जी और पार्वती की घोर तपस्या की और उन्हें प्रसन्न किया।
बता दें कि रावण की तपस्या से शिव जी प्रसन्न हुए। ऐसे में रावण ने इस मौके का फायदा उठाया और भगवान शिव से सोने की लंका मांग ली। हालांकि पार्वती जी को रावण के छल का पता लग गया था। उन्होंने शिव जी को समझाया लेकिन शिव जी ने अपना वरदान दे दिया था। रावण चाहता था कि वह पूरे ब्रह्मांड पर शासन करें। ऐसे में उसने लंका पर कब्जा करने का निश्चय किया और छल के अलावा कुबेर को युद्ध में पराजित कर दिया। हालांकि कुछ पुरानी कथाओं के अनुसार यह उल्लेखित है कि रावण ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया और कुबेर को लंका देने पर मजबूर कर दिया।
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