सफला एकादशी 2024 | Image:
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Saphala Ekadashi 2024 Tulsi Aarti: आज देशभर में सफला एकादशी (Saphala Ekadashi 2024) मनाई जा रही है। इस दिन मुख्य रूप से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। कहते हैं इस दिन व्रत करने से साधक की सभी तरह की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में चल रहे हर तरह के संकट और दुख का नाश होता है।
वहीं, अगर आप इस दिन विष्णु जी और मां लक्ष्मी की पूजा करने जा रहे हैं तो आपको पूजा के समय मां तुलसी की आरती जरूर करनी चाहिए। मां तुलसी की आरती करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, जिससे वह व्यक्ति की झोली खुशियों से भर देती हैं और घर में सदैव लक्ष्मी का वास बना रहता है। तो चलिए जानते हैं तुलसी मां की आरती के बारे में।
तुलसी माता की आरती (Maa Tulsi Ki Aarti)
जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता।।
मैय्या जय तुलसी माता।।
सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर।
रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या।
विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित।
पतित जनों की तारिणी, तुम हो विख्याता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में।
मानव लोक तुम्हीं से, सुख-संपति पाता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वर्ण सुकुमारी।
प्रेम अजब है उनका, तुमसे कैसा नाता।
हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता॥
मैय्या जय तुलसी माता।।
हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी (Hey Gopal Krishna Karu Aarti Teri)
हे गोपाल कृष्ण, करूँ आरती तेरी,
हे प्रिया पति, मैं करू आरती तेरी,
तुझपे ओ कान्हा, बलि बलि जाऊं,
सांझ सवेरे, तेरे गुण गाउँ,
प्रेम में रंगी, मैं रंगी भक्ति में तेरी,
हे गोपाल कृष्ण, करू आरती तेरी,
हे प्रिया पति, मैं करू आरती तेरी।
ये माटी का कण है तेरा,
मन और प्राण भी तेरे,
मैं एक गोपी, तुम हो कन्हैया,
तुम हो भगवान मेरे,
हे गोपाल कृष्ण, करूँ आरती तेरी,
हे प्रिया पति, मैं करू आरती तेरी।
ओ कान्हा, तेरा रूप अनुपम,
मन को हरता जाए,
मन ये चाहे हर पल आंखिया,
तेरा दर्शन पाये,
दर्शन तेरा, प्रेम तेरा, आस है मेरी,
हे गोपाल कृष्ण, करू आरती तेरी,
हे प्रिया पति, मैं करू आरती तेरी।
हे गोपाल कृष्ण, करूँ आरती तेरी,
हे प्रिया पति, मैं करू आरती तेरी,
तुझपे ओ कान्हा, बलि बलि जाऊं,
सांझ सवेरे, तेरे गुण गाउँ,
प्रेम में रंगी, मैं रंगी भक्ति में तेरी,
हे गोपाल कृष्ण, करू आरती तेरी,
हे प्रिया पति, मैं करू आरती तेरी।