बिहार में बहला-फुसलाकर या गलत तरीके से SC-ST एक्ट में फर्जी केस कराने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। जांच के दौरान मामला गलत पाए जाने पर केस दर्ज किया जाएगा। पहले भी ऐसे लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। डीजीपी विनय कुमार ने ये बातें पुलिस मुख्यालय सरदार प
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अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों से संबंधित कार्यशाला को डीजीपी ने संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बिहार SC-ST थानों में अव्वल है। पूरे देश में 140 SC-ST स्पेशल थाने हैं। इनमें से 40 पुलिस स्टेशन सिर्फ बिहार में हैं।
सभी जिलों में पुलिस स्टेशन भवन को भव्य बनाया गया है। जनरल थानों में भी केस दर्ज कराने की सुविधा है। SC-ST थाने में उसी समुदाय के प्रभारी होते हैं। कांडों के पंजीकरण में भी उछाल आया है। पहले 3000 के करीब केस दर्ज हो रहे थे, अब 7000 के करीब मामले दर्ज किए जा रहे हैं।
डीजीपी ने आगे कहा कि 5 से 7 वर्षों के अंतराल में डबल से भी अधिक मामले दर्ज हो रहे हैं। पहले से बिहार के अंदर वातारण बेहतर हुआ है। मुआवजे का भुगतान भी पीड़ित को 24 घंटे के अंदर किया जा रहा है। इसके इंप्लीमेंटेशन में बिहार अव्वल राज्य है।